रोहतकः मणिपुर के इंफाल में उग्रवादी हमले में शहीद बीएसएफ के 46 वर्षीय जवान सुनील का मंगलवार को रोहतक जिले के किलोई गांव में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. अंतिम संस्कार में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा, एसडीएम रोहतक आशीष वशिष्ठ, सामाजिक कार्यकर्ता नवीन जयहिंद सहित पुलिस, प्रशासनिक व सेना के अधिकारियों के अलावा शहीद के परिजन और स्थानीय ग्रामीण मौजूद थे.
15 दिन पहले छुट्टी से लौटा थाः शहीद सुनील 18 साल पहले बीएसएफ में भर्ती हुए थे. बीएसएफ में जाने से पहले सुनील पहलवानी करते था. आये दिन वे पहलवानी में हिस्सा लेते थे. परिजनों ने बताया कि 15 दिन पहले वे छुट्टी बिताने के बाद वापस इंफाल पोस्टिंग पर गए थे. शहीद के भाई सतवेंद्र हुड्डा ने बताया कि सोमवार की सुबह 11 बजे सेना के अधिकारियों ने भाई के शहीद होने के बारे में जानकारी दी. इसके बाद मैंने उनके यूनिट में फोन किया तो वहां के अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की. सतवेंद्र हुड्डा ने बताया कि परिवार में उनकी दो बेटियां हैं. एक बास्केटबॉल की राष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी है. दूसरी 10वीं कक्षा में पढ़ती हैं. उन्होंने कहा कि उग्रवादी हमले से एक दिन पहले परिवार के लोगों से उनकी बातचीत भी हुई थी. जब भी उन्हें समय मिलता था, वे घर-परिवार के लोगों से बातचीत करते थे.
मंगलवार को हुआ अंतिम संस्कारः सोमवार देर रात ही सेना के जवान शहीद सुनील के पार्थिव शरीर लेकर पैतृक गांव किलोई में पहुंच गये थे. मंगलवार सुबह पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया. अंतिम संस्कार में पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, एसडीएम आशीष वशिष्ठ सहित अन्य लोगों ने शहीद को श्रद्धांजलि दी. आपको बता दें कि सुनील की शहादत की खबर मिलते ही गांव में सन्नाटा छा गया था. सभी लोग शहीद के परिजनों को सांत्वना देने के लिए लगातार उनके घर पर पहुंच रहे हैं.