ETV Bharat / state

कुंडली में मंगल ग्रह के प्रभाव से जातक को नहीं मिलता ऋण दिया पैसा - Mars being sixth part of horoscope

कुंडली में मंगल ग्रह के प्रभाव के कारण जातक को ऋण का पैसा नहीं मिलता है. इस बारे में ज्योतिष डॉक्टर महेंद्र कुमार ठाकुर ने ईटीवी भारत को कई जानकारियां दी.

Mars being sixth part of horoscope
मंगल ग्रह के प्रभाव से जातक को नहीं मिलता ऋण दिया पैसा (ETV BHARAT)
author img

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : May 24, 2024, 4:54 AM IST

कुंडली में मंगल ग्रह के प्रभाव (ETV BHARAT)

रायपुर: अक्सर लोग किसी जरुरतमंद को, अपने मित्र को या अपने परिचित को जरुरत पड़ने पर पैसे उधार देते हैं. इसके पीछे उनकी सद्भावना होती है, लेकिन ऋण लेने वाला कई बार अपनी औकात पर आ जाता है. कभी पैसा देने वाले ठगी का शिकार हो जाते हैं. तो कभी कुछ लोग पैसा लेने के बाद पैसा देते वक्त संबंध खराब कर लेते हैं और पैसा नहीं लौटाते. कई बार तो लोग फोन उठाना भी बंद कर देते हैं. ऐसे में किस ग्रह के प्रभाव से मनुष्य का उधार वाला पैसा वापस नहीं मिलता, इस बारे में जानने के लिए ईटीवी भारत ने ज्योतिष डॉक्टर महेंद्र कुमार ठाकुर से बातचीत की.

जानिए क्या कहते हैं ज्योतिष: ज्योतिष डॉ. महेंद्र कुमार ठाकुर ने बताया कि, "ज्योतिष शास्त्र में छठवां भाव रोग, ऋण और रिपु का होता है. रोग अर्थात बीमारी ऋण अर्थात धन-पैसा और रिपु का अर्थ शत्रु से है. इसका कारक ग्रह मंगल है. मंगल का संबंध पूरी तरह ऋणों से है. मंगल की दो विशेष दृष्टि होती है. अपने से सातवें घर को हर ग्रह देखते ही हैं, लेकिन मंगल सातवीं दृष्टि के अलावा जहां बैठता है, वहां से चौथे और आठवें घर को भी पूर्ण दृष्टि से देखता है. यानी कि कुंडली के 11वें भाव में बैठकर आठवीं दृष्टि 12वें भाव में बैठकर सातवीं दृष्टि और तीसरे भाव में बैठकर चौथी दृष्टि से छठवें स्थान को पूरी तरह देखता है. इसके अलावा मंगल खुद छठवें घर में बैठ जाएं तो इसका असर भी छठवें भाव पर पड़ता है. इसके अलावा मंगल की दोनों राशियां मेष और वृश्चिक छठवें भाव में स्थित हो तो भी इसका मंगल से संबंध माना जाएगा."

कोई भी कुंडली जब हम देखते हैं. लग्न कुंडली के साथ ही चंद्र कुंडली का भी प्रभाव बराबर बराबर माना जाता है. दोनों ही स्थिति में लग्न कुंडली में चंद्र को लगन पर बैठकर उसके भी 11वीं 12वीं और तीसरे घर में मंगल होने पर या छठवें भाव में मंगल के स्थित होने पर ऐसा होता है. साथ ही मेष और वृश्चिक राशि के छठवें भाव में होने के फलस्वरुप यह सूत्र लग्न कुंडली और चंद्र कुंडली दोनों पर ही समान रूप से लागू होता है.-डॉ महेंद्र कुमार ठाकुर, ज्योतिष

मंगल कुंडली में छठवें भाव में होने पर ऋण नहीं मिलता वापस: डॉ. महेंद्र कुमार ठाकुर के अनुसार मंगल का किसी भी प्रकार से छठवें भाव से संबंध होने पर व्यक्ति को दिया गया ऋण देने वाले को वापस नहीं होता है. संबंध भी खराब होते हैं. 11वें भाव का संबंध भाई और मित्रों से होता है. तीसरे भाव का संबंध भी छोटे भाई बहनों और मित्रों से होता है. इन दोनों स्थानों से मंगल की दृष्टि पड़ती है. छठवें घर पर यह सूत्र लागू होता है. अर्थात व्यक्ति अपने परिचितों को मित्रों को जिससे संबंध है. उनको ही ऋण देगा और अपने संबंध खराब करेगा. 12 वां भाव व्यय का भाव है. यहां से भी मंगल छठवें घर को देखकर ऋण की वापसी नहीं होने देता. इस प्रकार जिनके कुंडली में छठवें भाव का मंगल से किसी भी प्रकार का संबंध हो उसकी दृष्टि हो उसकी राशि हो या वह स्वयं मंगल हो ऐसे व्यक्ति द्वारा किसी भी व्यक्ति को उधार या ऋण नहीं देना चाहिए. अगर बहुत मजबूरी हो तो वह उतनी ही राशि दे जीतने का झटका वह बर्दाश्त कर सकता है.

Vastu Shastra: घर का द्वार ही बदल सकता है आपका भाग्य, जानिए क्या कहता है वास्तु शास्त्र
जानिए किस ग्रह का मेल इंसान को बना देता है क्रिमनल, कैसे पाएं इससे छुटकारा ? - Shani Rahu Mars
अमलेश्वर के श्री महाकाल धाम में ज्योतिष सम्मेलन, उल्लेखनीय कार्य करने वाले ज्योतिषियों को किया सम्मानित - Astrology Conference

कुंडली में मंगल ग्रह के प्रभाव (ETV BHARAT)

रायपुर: अक्सर लोग किसी जरुरतमंद को, अपने मित्र को या अपने परिचित को जरुरत पड़ने पर पैसे उधार देते हैं. इसके पीछे उनकी सद्भावना होती है, लेकिन ऋण लेने वाला कई बार अपनी औकात पर आ जाता है. कभी पैसा देने वाले ठगी का शिकार हो जाते हैं. तो कभी कुछ लोग पैसा लेने के बाद पैसा देते वक्त संबंध खराब कर लेते हैं और पैसा नहीं लौटाते. कई बार तो लोग फोन उठाना भी बंद कर देते हैं. ऐसे में किस ग्रह के प्रभाव से मनुष्य का उधार वाला पैसा वापस नहीं मिलता, इस बारे में जानने के लिए ईटीवी भारत ने ज्योतिष डॉक्टर महेंद्र कुमार ठाकुर से बातचीत की.

जानिए क्या कहते हैं ज्योतिष: ज्योतिष डॉ. महेंद्र कुमार ठाकुर ने बताया कि, "ज्योतिष शास्त्र में छठवां भाव रोग, ऋण और रिपु का होता है. रोग अर्थात बीमारी ऋण अर्थात धन-पैसा और रिपु का अर्थ शत्रु से है. इसका कारक ग्रह मंगल है. मंगल का संबंध पूरी तरह ऋणों से है. मंगल की दो विशेष दृष्टि होती है. अपने से सातवें घर को हर ग्रह देखते ही हैं, लेकिन मंगल सातवीं दृष्टि के अलावा जहां बैठता है, वहां से चौथे और आठवें घर को भी पूर्ण दृष्टि से देखता है. यानी कि कुंडली के 11वें भाव में बैठकर आठवीं दृष्टि 12वें भाव में बैठकर सातवीं दृष्टि और तीसरे भाव में बैठकर चौथी दृष्टि से छठवें स्थान को पूरी तरह देखता है. इसके अलावा मंगल खुद छठवें घर में बैठ जाएं तो इसका असर भी छठवें भाव पर पड़ता है. इसके अलावा मंगल की दोनों राशियां मेष और वृश्चिक छठवें भाव में स्थित हो तो भी इसका मंगल से संबंध माना जाएगा."

कोई भी कुंडली जब हम देखते हैं. लग्न कुंडली के साथ ही चंद्र कुंडली का भी प्रभाव बराबर बराबर माना जाता है. दोनों ही स्थिति में लग्न कुंडली में चंद्र को लगन पर बैठकर उसके भी 11वीं 12वीं और तीसरे घर में मंगल होने पर या छठवें भाव में मंगल के स्थित होने पर ऐसा होता है. साथ ही मेष और वृश्चिक राशि के छठवें भाव में होने के फलस्वरुप यह सूत्र लग्न कुंडली और चंद्र कुंडली दोनों पर ही समान रूप से लागू होता है.-डॉ महेंद्र कुमार ठाकुर, ज्योतिष

मंगल कुंडली में छठवें भाव में होने पर ऋण नहीं मिलता वापस: डॉ. महेंद्र कुमार ठाकुर के अनुसार मंगल का किसी भी प्रकार से छठवें भाव से संबंध होने पर व्यक्ति को दिया गया ऋण देने वाले को वापस नहीं होता है. संबंध भी खराब होते हैं. 11वें भाव का संबंध भाई और मित्रों से होता है. तीसरे भाव का संबंध भी छोटे भाई बहनों और मित्रों से होता है. इन दोनों स्थानों से मंगल की दृष्टि पड़ती है. छठवें घर पर यह सूत्र लागू होता है. अर्थात व्यक्ति अपने परिचितों को मित्रों को जिससे संबंध है. उनको ही ऋण देगा और अपने संबंध खराब करेगा. 12 वां भाव व्यय का भाव है. यहां से भी मंगल छठवें घर को देखकर ऋण की वापसी नहीं होने देता. इस प्रकार जिनके कुंडली में छठवें भाव का मंगल से किसी भी प्रकार का संबंध हो उसकी दृष्टि हो उसकी राशि हो या वह स्वयं मंगल हो ऐसे व्यक्ति द्वारा किसी भी व्यक्ति को उधार या ऋण नहीं देना चाहिए. अगर बहुत मजबूरी हो तो वह उतनी ही राशि दे जीतने का झटका वह बर्दाश्त कर सकता है.

Vastu Shastra: घर का द्वार ही बदल सकता है आपका भाग्य, जानिए क्या कहता है वास्तु शास्त्र
जानिए किस ग्रह का मेल इंसान को बना देता है क्रिमनल, कैसे पाएं इससे छुटकारा ? - Shani Rahu Mars
अमलेश्वर के श्री महाकाल धाम में ज्योतिष सम्मेलन, उल्लेखनीय कार्य करने वाले ज्योतिषियों को किया सम्मानित - Astrology Conference
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.