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लखनऊ में शादियां होंगी महंगी; कम्युनिटी सेंटरों का किराया दोगुना करने की तैयारी में LDA - Community Center Rent - COMMUNITY CENTER RENT

LDA के नए VC प्रथमेश कुमार ने लखनऊ को पहला झटका दे दिया. लखनऊ विकास प्राधिकरण के कम्युनिटी सेंटर में शादी करने का बोझ अब लोगों पर बढ़ जाएगा.

LDA के नए VC की कम्युनिटी सेंटर का किराया डबल करने की तैयारी
LDA के नए VC की कम्युनिटी सेंटर का किराया डबल करने की तैयारी (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 22, 2024, 9:52 AM IST

Updated : Jul 22, 2024, 11:15 AM IST

लखनऊ: लखनऊ विकास प्राधिकरण ने अपनी कॉलोनियों में आवंटियों की सुविधा के लिए सामुदायिक केंद्र का निर्माण किया था. उद्देश्य था कि हर वर्ग के लोग यहां अपने शुभ कार्य कर सकेंगे, वह भी रियायती दरों पर. लेकिन, एलडीए अब उन्हें निजी हाथों में देने जा रहा है.

एलडीए की मंशा है कि इन सामुदायिक केंद्रों का पूरी तरह से व्यवसायीकरण हो जाए. यहां होटल व लॉन की तर्ज पर 8 सौ से एक हजार रुपये प्रति प्लेट खाना मिलेगा. क्योंकि, एलडीए ने सामुदायिक केंद्र को पांच साल संचालित करने के लिए प्रति वर्ष 46 लाख बेस प्राइस रखा है. इनमें हर साल 7 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी. जो सामुदायिक केंद्र लेगा, उसे बोली की राशि में 18 फीसद जीएसटी के साथ जमा करना होगा.

ऐसे में सामुदायिक केंद्र संचालित करने वाली फर्म को भरपाई करने के लिए आम जनता को महंगे दर पर सामुदायिक केंद्र देना पड़ेगा. निजी एजेंसी डेढ़ लाख प्रति बुकिंग किराया वसूल सकेगी. अभी 78 हजार रुपये है. एलडीए विराट खंड, विनम्र खंड, वरदान खंड, विराज खंड और विवेक खंड स्थित सामुदायिक केंद्रों को पांच साल की लीज पर देने जा रहा है. एलडीए की वेबसाइट पर इसके टेंडर ऑनलाइन निकाले गए हैं.

खास बात है कि पहली बार सामुदायिक केंद्रों को लीज पर देने के लिए टेक्निकल व फाइनेंशियल बिड मांगी गई है. आवेदनकर्ता को आवेदन भी अंग्रेजी में करना होगा. यही नहीं निजी एजेंसी जिसे सामुदायिक केंद्र मिलेगा, वह सभी तरह के आयोजन करा सकेगा और अपने हिसाब से किराया वसूल सकेगा. बशर्ते किराया डेढ़ लाख रुपये से ज्यादा न होगा.

शर्तों में उल्लेख है कि निजी एजेंसी उनका संचालन करेगी. अब संचालनकर्ता अपना टेंट, अपने कैटर्स, फूल का काम भी कराएगा और मनचाहा पैसा आवेदनकर्ता से वसूलेगा. इस टेंडर को लेकर लखनऊ विकास प्राधिकरण के कर्मचारी भी नाराज हैं.

बता दें कि कोरोना से पहले भी एलडीए ने यह प्रयोग किया था, जिसमें एक एजेंसी ने कई सामुदायिक केंद्र संचालित करने के लिए ठेका तो हासिल कर लिया था लेकिन आज तक पूरा भुगतान नहीं कर पाई और एलडीए उससे सिर्फ आज तक पत्राचार करता रहा. इस संबंध में लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार से फोन पर बात करने का प्रयास किया गया मगर बात नहीं हो सकी.

ये भी पढ़ेंः यूपी में आज से फिर मानसून पकड़ेगा रफ्तार, 19 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट, 49 शहरों में गरजेंगे बदरा

ये भी पढ़ेंः लखनऊ में सिंचाई विभाग का सर्वे पूरा; कुकरैल नदी के दोनों तरफ दायरे में आने वाले मकान चिन्हित, 2 करोड़ के एक विला पर भी लगा लाल निशान

लखनऊ: लखनऊ विकास प्राधिकरण ने अपनी कॉलोनियों में आवंटियों की सुविधा के लिए सामुदायिक केंद्र का निर्माण किया था. उद्देश्य था कि हर वर्ग के लोग यहां अपने शुभ कार्य कर सकेंगे, वह भी रियायती दरों पर. लेकिन, एलडीए अब उन्हें निजी हाथों में देने जा रहा है.

एलडीए की मंशा है कि इन सामुदायिक केंद्रों का पूरी तरह से व्यवसायीकरण हो जाए. यहां होटल व लॉन की तर्ज पर 8 सौ से एक हजार रुपये प्रति प्लेट खाना मिलेगा. क्योंकि, एलडीए ने सामुदायिक केंद्र को पांच साल संचालित करने के लिए प्रति वर्ष 46 लाख बेस प्राइस रखा है. इनमें हर साल 7 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी. जो सामुदायिक केंद्र लेगा, उसे बोली की राशि में 18 फीसद जीएसटी के साथ जमा करना होगा.

ऐसे में सामुदायिक केंद्र संचालित करने वाली फर्म को भरपाई करने के लिए आम जनता को महंगे दर पर सामुदायिक केंद्र देना पड़ेगा. निजी एजेंसी डेढ़ लाख प्रति बुकिंग किराया वसूल सकेगी. अभी 78 हजार रुपये है. एलडीए विराट खंड, विनम्र खंड, वरदान खंड, विराज खंड और विवेक खंड स्थित सामुदायिक केंद्रों को पांच साल की लीज पर देने जा रहा है. एलडीए की वेबसाइट पर इसके टेंडर ऑनलाइन निकाले गए हैं.

खास बात है कि पहली बार सामुदायिक केंद्रों को लीज पर देने के लिए टेक्निकल व फाइनेंशियल बिड मांगी गई है. आवेदनकर्ता को आवेदन भी अंग्रेजी में करना होगा. यही नहीं निजी एजेंसी जिसे सामुदायिक केंद्र मिलेगा, वह सभी तरह के आयोजन करा सकेगा और अपने हिसाब से किराया वसूल सकेगा. बशर्ते किराया डेढ़ लाख रुपये से ज्यादा न होगा.

शर्तों में उल्लेख है कि निजी एजेंसी उनका संचालन करेगी. अब संचालनकर्ता अपना टेंट, अपने कैटर्स, फूल का काम भी कराएगा और मनचाहा पैसा आवेदनकर्ता से वसूलेगा. इस टेंडर को लेकर लखनऊ विकास प्राधिकरण के कर्मचारी भी नाराज हैं.

बता दें कि कोरोना से पहले भी एलडीए ने यह प्रयोग किया था, जिसमें एक एजेंसी ने कई सामुदायिक केंद्र संचालित करने के लिए ठेका तो हासिल कर लिया था लेकिन आज तक पूरा भुगतान नहीं कर पाई और एलडीए उससे सिर्फ आज तक पत्राचार करता रहा. इस संबंध में लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार से फोन पर बात करने का प्रयास किया गया मगर बात नहीं हो सकी.

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Last Updated : Jul 22, 2024, 11:15 AM IST
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