विकासनगर: जौनसार बावर जनजाति क्षेत्र में पौष त्यौहार के माघ मरोज पर्व का आगाज हनोल स्थित कयलू महाराज मंदिर में बकरा चढ़ने से हो गया है. इसी बीच स्थानीय लोगों ने कुल देवता की विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना की. अगले एक माह तक पंचायती आंगन लोक संस्कृति से गुलजार रहेंगे और मेहमान नवाजी का दौर चलेगा.
अनूठी संस्कृति और त्यौहार के लिए प्रसिद्ध है जौनसार बावर क्षेत्र: उत्तराखंड देवभूमि के नाम से विश्व विख्यात है. देहरादून जिले का जौनसार बावर क्षेत्र देश-दुनिया में अपनी अनूठी संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है. यहां के लोक उत्सव मनाने का अंदाज भी निराला है. इसी में से एक पौष त्यौहार का माघ मरोज पर्व भी है. इस पर्व की शुरूआत हनोल में कयलू महाराज मंदिर में चुराच का पहला बकरा चढ़ने से होती है.
सभी जगह जश्न का माहौल: बावर, शिलगांव, देवधार समेत 11 खत पट्टियों में भी पौष त्यौहार के माघ मरोज पर्व की शुरुआत हो गई है. जौनसार में 11 जनवरी को पौष त्यौहार के माघ मरोज का लोक उत्सव मनाया जाएगा. अगले एक माह तक लोक संस्कृति की छठा गांव-गांव में दिखने को मिलेगी. बाहर से नौकरी पेशा करने वाले लोग भी त्यौहार मनाने अपने पैतृक गांव पंहुच रहे हैं. लोक पर्व के चलते क्षेत्र में सभी जगह जश्न का माहौल है.
चुराच का पहला बकरा चढ़ाकर पर्व की होती है शुरूआत: हनोल मंदिर के राजगुरु चंदराम राजगुरु ने कहा कि महासू देवता मंदिर के पास कयलू महाराज का मंदिर है. लोकमान्यता के अनुसार किरमिर राक्षक का वध होने की खुशी में जौनसार बावर के लोग माघ मरोज और बावर की 11 खत पट्टियों में पौष त्यौहार मनाया जाता है. लोग लोकउत्सव को बड़े परंपरागत तरीके से मनाते हैं और इसकी शुरुआत कयलू महाराज के मंदिर में बकरा चढ़ाकर होती है.
एक महीने तक चलेगी मेहमान नवाजी: चंदराम राजगुरु ने कहा कि आज बावर क्षेत्र में किसराट का त्यौहार मनाया जा रहा है, जबकि जौनसार की 28 खतपट्टियों में कल से माघ मरोज का पर्व लोकउत्सव के रूप में मनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि लोकपर्व अगले एक महीने तक चलेगा. मेहमान नवाजी का दौर भी चलेगा, क्योंकि सहभोज पर अपने रिश्तेदार नातेदार और करीबी लोगों को बुलाया जाता है. जौनसार बावर के अलावा जिला सिरमौर का इलाका और उत्तरकाशी का बंगाण क्षेत्र में पौष त्यौहार के माघ मरोज पर्व को हर्ष- उल्लास के साथ मनाया जाता है.
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