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क्रिसमस के सजे रह गए बाजार, लोगों ने नहीं दिखाई त्योहार से जुड़े सामान खरीदने में दिलचस्पी - CHRISTMAS SHOPPING IN ALIGARH

क्रिसमस के त्योहार पर अलीगढ़ बाजार में नहीं दिख रहे खरीददार, दुकानदार मायूस

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बाजार में नहीं दिख रही रौनक (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 25, 2024, 5:41 PM IST

अलीगढ़: यूपी के अलगीढ़ में हर साल क्रिसमस के दौरान बाजारों में रौनक देखने को मिलती थी लेकिन इस साल बाजारों की रौनक फीकी रही. जहां पहले लोग क्रिसमस पोशाक और अन्य सजावटी सामानों की जमकर खरीदारी करते थे लेकिन इस बार दुकानदार ग्राहकों की कमी से जूझ रहे हैं. क्रिसमस के सामान की खरीदारी में गिरावट देखी गई है.

बता दें कि थाना क्वार्सी के इलाके के रामघाट रोड पर मौजूद क्रिश्चियन स्कूलों के सामने एडीएम मार्केट में पिछले तीस सालों से क्रिसमस का सामान बेचने वाले दुकानदारों का कहना है कि इस बार न केवल बिक्री घटी है, बल्कि त्योहार का उत्साह भी पहले जैसा नहीं दिख रहा है. थाना सिविल लाइन के इलाके दोधपुर, अमीर निशा, मेडिकल रोड, मैरिज रोड पर जिन दुकानों पर क्रिसमस का सामान बिकता था उन दुकानदारों को सांस लेने की फुरसत नहीं मिलती थी. लेकिन इस बार क्रिसमस का कुछ ही सामान बिका है. जिसको देखते हुए कई दुकानदारों ने तो सामान बेचने के लिए रखा ही नहीं.

क्रिसमस बाजार 'बे'रौनक (Video Credit; ETV Bharat)

दुकानदार नवीन का कहना है कि, पहले इस त्योहार को बड़े जोश और धूमधाम के साथ मनाया जाता था. लोग न केवल घर सजाने के लिए सामान खरीदते थे, बल्कि पोशाकें, क्रिसमस ट्री, गिफ्ट्स और अन्य सजावटी वस्तुओं की मांग भी बहुत ज्यादा रहती थी. इस बार ग्राहकों की कमी से क्रिसमस का सामान बेचने वाले दुकानदार मायूस हैं.

दुकानदारों का कहना है कि लोगों में अब इस त्योहार को मनाने के लिए पहले जैसा उत्साह नहीं दिख रहा हैं. लोगों का रुझान अब हिंदू त्योहारों और सांस्कृतिक आयोजनों की ओर बढ़ रहा है. वहीं रामघाट रोड, जो कभी क्रिसमस के सामानों से सजी दुकानों और ग्राहकों की भीड़ के लिए जाना जाता था, इस बार सुनसान दिखाई दे रहा. दुकानदारों ने बताया कि इस बार उन्होंने उम्मीद से बहुत कम स्टॉक मंगवाया था, फिर भी अधिकांश सामान बिक नहीं पाया.

एक ग्राहक ने कहा, क्रिसमस मनाना अच्छा लगता है, लेकिन अब चीजें महंगी हो गई हैं. त्योहार सादगी से मनाना ज्यादा सही लगता है. क्रिसमस के उत्साह में आई कमी केवल बाजार तक ही सीमित नहीं है. स्थानीय चर्चों और स्कूलों में भी इस बार कार्यक्रमों की संख्या कम हो गई है. हालांकि, कई परिवार और समुदाय अब भी क्रिसमस को पारंपरिक तरीके से मना रहे हैं, लेकिन उनकी संख्या कम होती जा रही है.

यह भी पढ़ें : क्रिसमस पर रोशनी से जगमगाए चर्च, जानें नाव की आकृति में क्यों बनाया गया ये गिरजाघर

अलीगढ़: यूपी के अलगीढ़ में हर साल क्रिसमस के दौरान बाजारों में रौनक देखने को मिलती थी लेकिन इस साल बाजारों की रौनक फीकी रही. जहां पहले लोग क्रिसमस पोशाक और अन्य सजावटी सामानों की जमकर खरीदारी करते थे लेकिन इस बार दुकानदार ग्राहकों की कमी से जूझ रहे हैं. क्रिसमस के सामान की खरीदारी में गिरावट देखी गई है.

बता दें कि थाना क्वार्सी के इलाके के रामघाट रोड पर मौजूद क्रिश्चियन स्कूलों के सामने एडीएम मार्केट में पिछले तीस सालों से क्रिसमस का सामान बेचने वाले दुकानदारों का कहना है कि इस बार न केवल बिक्री घटी है, बल्कि त्योहार का उत्साह भी पहले जैसा नहीं दिख रहा है. थाना सिविल लाइन के इलाके दोधपुर, अमीर निशा, मेडिकल रोड, मैरिज रोड पर जिन दुकानों पर क्रिसमस का सामान बिकता था उन दुकानदारों को सांस लेने की फुरसत नहीं मिलती थी. लेकिन इस बार क्रिसमस का कुछ ही सामान बिका है. जिसको देखते हुए कई दुकानदारों ने तो सामान बेचने के लिए रखा ही नहीं.

क्रिसमस बाजार 'बे'रौनक (Video Credit; ETV Bharat)

दुकानदार नवीन का कहना है कि, पहले इस त्योहार को बड़े जोश और धूमधाम के साथ मनाया जाता था. लोग न केवल घर सजाने के लिए सामान खरीदते थे, बल्कि पोशाकें, क्रिसमस ट्री, गिफ्ट्स और अन्य सजावटी वस्तुओं की मांग भी बहुत ज्यादा रहती थी. इस बार ग्राहकों की कमी से क्रिसमस का सामान बेचने वाले दुकानदार मायूस हैं.

दुकानदारों का कहना है कि लोगों में अब इस त्योहार को मनाने के लिए पहले जैसा उत्साह नहीं दिख रहा हैं. लोगों का रुझान अब हिंदू त्योहारों और सांस्कृतिक आयोजनों की ओर बढ़ रहा है. वहीं रामघाट रोड, जो कभी क्रिसमस के सामानों से सजी दुकानों और ग्राहकों की भीड़ के लिए जाना जाता था, इस बार सुनसान दिखाई दे रहा. दुकानदारों ने बताया कि इस बार उन्होंने उम्मीद से बहुत कम स्टॉक मंगवाया था, फिर भी अधिकांश सामान बिक नहीं पाया.

एक ग्राहक ने कहा, क्रिसमस मनाना अच्छा लगता है, लेकिन अब चीजें महंगी हो गई हैं. त्योहार सादगी से मनाना ज्यादा सही लगता है. क्रिसमस के उत्साह में आई कमी केवल बाजार तक ही सीमित नहीं है. स्थानीय चर्चों और स्कूलों में भी इस बार कार्यक्रमों की संख्या कम हो गई है. हालांकि, कई परिवार और समुदाय अब भी क्रिसमस को पारंपरिक तरीके से मना रहे हैं, लेकिन उनकी संख्या कम होती जा रही है.

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