ETV Bharat / state

मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन स्नान-दान से मिलेगा पुण्य, जानें किस दिन रहेगा व्रत और महत्व - MARGASHIRSHA PURNIMA 2024

मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत, स्नान और दान मार्गशीर्ष शुल्क पूर्णिमा तिथि को है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने का विशेष महत्व है.

Margashirsha Purnima 2024
Margashirsha Purnima 2024 (Etv Bharat)
author img

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Dec 13, 2024, 12:40 PM IST

करनाल: हिंदू धर्म में प्रत्येक व्रत व त्यौहार को बड़ी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है. वहीं, सनातन धर्म में पूर्णिमा का भी विशेष महत्व होता है. इस समय हिंदू वर्ष का मार्गशीर्ष महीना चल रहा है और मार्गशीर्ष महीने में आने वाली पूर्णिमा सबसे अहम माना जाता है. पूर्णिमा के दिन गंगा नदी या अन्य पवित्र नदी में स्नान करने का विधि विधान होता है. इस दिन विधिवत रूप से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना की जाती है. जिस घर में सुख समृद्धि आती है. शास्त्रों में बताया गया है कि मार्गशीर्ष महीना भगवान श्री कृष्ण का प्रिय महीना होता है. इसलिए विधिवत रूप से उनकी पूजा अर्चना की जाती है.

मार्गशीर्ष महीने की पूर्णिमा को चंद्र देवता की पूजा अर्चना करने उपरांत उनको अर्घ्य देने से सभी मनोकामना पूरी होती है. इस दिन व्रत रखने का भी विधान होता है और माना जाता है कि जो भी इंसान इस दिन व्रत रखता है. उसको उसका 32 गुना फल की प्राप्ति होती है. तो आईए जानते हैं कब है मार्गशीर्ष महीने की पूर्णिमा और क्या है इसकी पूजा का विधि विधान.

कब है मार्गशीर्ष पूर्णिमा: पंडित पवन शर्मा तीर्थ पुरोहित कुरुक्षेत्र ने बताया कि पूर्णिमा का सनातन धर्म में बहुत ही ज्यादा महत्व बताया गया है. इस दिन भगवान श्री कृष्ण और सत्यनारायण की पूजा अर्चना की जाती है और भगवान विष्णु की साथ-साथ माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना की जाती है. इस बार मार्गशीर्ष पूर्णिमा की शुरुआत हिंदू पंचांग के अनुसार 14 दिसंबर को शाम के 4:58 से शुरू हो रही है. जबकि इसका समापन अगले दिन 15 दिसंबर को दोपहर बाद 2:31 पर होगा. सनातन धर्म में प्रत्येक व्रत और त्योहार को उदया तिथि के साथ मनाया जाता है. इसलिए मार्गशीर्ष पूर्णिमा 15 दिसंबर के दिन मनाई जाएगी.

पूर्णिमा के दिन दान और स्नान करने का विशेष महत्व होता है. दान और स्नान करने के दो शुभ मुहूर्त पूर्णिमा के दिन है. पहले ब्रह्मा शुभ मुहूर्त सुबह 5:17 से शुरू होकर सुबह 10:12 तक रहेगा. दूसरा शुभ अभिजीत मुहूर्त सुबह 11: 56 से लेकर दोपहर 12:37 तक रहेगा. इन दोनों शुभ मुहूर्त में स्नान और दान करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है. पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय शाम के 5:13 पर होगा.

मार्गशीर्ष पूर्णिमा का महत्व: तीर्थ पुरोहित ने बताया कि मार्गशीर्ष महीने की पूर्णिमा 2024 की अंतिम पूर्णिमा है, जिसका विशेष महत्व है. इस दिन विधिवत रूप से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना की जाती है. उसके साथ-साथ भगवान सत्यनारायण की पूजा अर्चना करने का विधान है. कुछ जातक इसलिए व्रत भी रखते हैं, जो काफी अच्छा माना जाता है. ऐसा माना जाता है की पूर्णिमा के दिन व्रत करने से 32 गुना फल की प्राप्ति होती है.

पूर्णिमा के दिन चंद्र देव की पूजा अर्चना करने से घर में सुख समृद्धि आती है और हर मनोकामना पूरी होती है. क्योंकि पूर्णिमा के दिन चंद्र देव अमृत से परिपूर्ण हुए माने जाते हैं. अगर किसी इंसान की कुंडली में चंद्रमा कमजोर हो तो उसको विशेष तौर पर भगवान चंद्र देव की पूजा अर्चना करनी चाहिए और उसको सफेद रंग की चीज चीनी दूध दही चावल का दान करना चाहिए. इससे उसका चंद्रमा मजबूत होगा. घर में सत्यनारायण की कथा का पाठ करें. इस दिन गंगा में स्नान करने उपरांत दान करने से कई गुना फल की प्राप्ति होती है और सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है.

यह उपाय करने से आएगी सुख समृद्धि: उन्होंने बताया कि पूर्णिमा के दिन सुबह सूर्योदय से पहले स्नान करने का महत्व होता है. स्नान करने के उपरांत दूध में गुलाब के पत्ते डालकर उसमें थोड़ा सा गंगाजल मिले और उसको पीपल के पेड़ को अर्पित करें. उस दौरान माता लक्ष्मी का ध्यान करें और उसके उपरांत वहां पर देसी घी का दीपक जलाएं और श्री सूक्त का पाठ करें. ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है और हर काम में सफलता मिलती है.

लक्ष्मी माता को करें प्रसन्न: पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु को जल में केसर मिलाकर नहाने से और व्रत करने से 32 गुना फल की प्राप्ति होती है. लक्ष्मी मां को प्रसन्न करने के लिए सफेद रंग की चीज जैसे चावल चीनी घी दही दूध का दान करें. इससे माता लक्ष्मी भी परेशान होती है और चंद्रमा भी मजबूत होता है. जिस घर में सुख समृद्धि आती है और हर मनोकामना पूरी होती है. प्रदोष काल के समय घर के घर में घी का दीपक जलाने से सभी नकारात्मक शक्तियां दूर होती है और माता लक्ष्मी का वास होता है. भगवान सत्यनारायण को चंदन का तिलक करने और माता लक्ष्मी को लालच चुनरी अर्पित करने से विवाहित जीवन अच्छा बना रहता है.

ये भी पढ़ें: शुक्रवार को क्या कहते हैं आपके सितारे, पढ़ें राशिफल

ये भी पढ़ें: आज उधार देने से बचें, जानिए कब है शुभ पहर और राहुकाल

करनाल: हिंदू धर्म में प्रत्येक व्रत व त्यौहार को बड़ी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है. वहीं, सनातन धर्म में पूर्णिमा का भी विशेष महत्व होता है. इस समय हिंदू वर्ष का मार्गशीर्ष महीना चल रहा है और मार्गशीर्ष महीने में आने वाली पूर्णिमा सबसे अहम माना जाता है. पूर्णिमा के दिन गंगा नदी या अन्य पवित्र नदी में स्नान करने का विधि विधान होता है. इस दिन विधिवत रूप से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना की जाती है. जिस घर में सुख समृद्धि आती है. शास्त्रों में बताया गया है कि मार्गशीर्ष महीना भगवान श्री कृष्ण का प्रिय महीना होता है. इसलिए विधिवत रूप से उनकी पूजा अर्चना की जाती है.

मार्गशीर्ष महीने की पूर्णिमा को चंद्र देवता की पूजा अर्चना करने उपरांत उनको अर्घ्य देने से सभी मनोकामना पूरी होती है. इस दिन व्रत रखने का भी विधान होता है और माना जाता है कि जो भी इंसान इस दिन व्रत रखता है. उसको उसका 32 गुना फल की प्राप्ति होती है. तो आईए जानते हैं कब है मार्गशीर्ष महीने की पूर्णिमा और क्या है इसकी पूजा का विधि विधान.

कब है मार्गशीर्ष पूर्णिमा: पंडित पवन शर्मा तीर्थ पुरोहित कुरुक्षेत्र ने बताया कि पूर्णिमा का सनातन धर्म में बहुत ही ज्यादा महत्व बताया गया है. इस दिन भगवान श्री कृष्ण और सत्यनारायण की पूजा अर्चना की जाती है और भगवान विष्णु की साथ-साथ माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना की जाती है. इस बार मार्गशीर्ष पूर्णिमा की शुरुआत हिंदू पंचांग के अनुसार 14 दिसंबर को शाम के 4:58 से शुरू हो रही है. जबकि इसका समापन अगले दिन 15 दिसंबर को दोपहर बाद 2:31 पर होगा. सनातन धर्म में प्रत्येक व्रत और त्योहार को उदया तिथि के साथ मनाया जाता है. इसलिए मार्गशीर्ष पूर्णिमा 15 दिसंबर के दिन मनाई जाएगी.

पूर्णिमा के दिन दान और स्नान करने का विशेष महत्व होता है. दान और स्नान करने के दो शुभ मुहूर्त पूर्णिमा के दिन है. पहले ब्रह्मा शुभ मुहूर्त सुबह 5:17 से शुरू होकर सुबह 10:12 तक रहेगा. दूसरा शुभ अभिजीत मुहूर्त सुबह 11: 56 से लेकर दोपहर 12:37 तक रहेगा. इन दोनों शुभ मुहूर्त में स्नान और दान करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है. पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय शाम के 5:13 पर होगा.

मार्गशीर्ष पूर्णिमा का महत्व: तीर्थ पुरोहित ने बताया कि मार्गशीर्ष महीने की पूर्णिमा 2024 की अंतिम पूर्णिमा है, जिसका विशेष महत्व है. इस दिन विधिवत रूप से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना की जाती है. उसके साथ-साथ भगवान सत्यनारायण की पूजा अर्चना करने का विधान है. कुछ जातक इसलिए व्रत भी रखते हैं, जो काफी अच्छा माना जाता है. ऐसा माना जाता है की पूर्णिमा के दिन व्रत करने से 32 गुना फल की प्राप्ति होती है.

पूर्णिमा के दिन चंद्र देव की पूजा अर्चना करने से घर में सुख समृद्धि आती है और हर मनोकामना पूरी होती है. क्योंकि पूर्णिमा के दिन चंद्र देव अमृत से परिपूर्ण हुए माने जाते हैं. अगर किसी इंसान की कुंडली में चंद्रमा कमजोर हो तो उसको विशेष तौर पर भगवान चंद्र देव की पूजा अर्चना करनी चाहिए और उसको सफेद रंग की चीज चीनी दूध दही चावल का दान करना चाहिए. इससे उसका चंद्रमा मजबूत होगा. घर में सत्यनारायण की कथा का पाठ करें. इस दिन गंगा में स्नान करने उपरांत दान करने से कई गुना फल की प्राप्ति होती है और सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है.

यह उपाय करने से आएगी सुख समृद्धि: उन्होंने बताया कि पूर्णिमा के दिन सुबह सूर्योदय से पहले स्नान करने का महत्व होता है. स्नान करने के उपरांत दूध में गुलाब के पत्ते डालकर उसमें थोड़ा सा गंगाजल मिले और उसको पीपल के पेड़ को अर्पित करें. उस दौरान माता लक्ष्मी का ध्यान करें और उसके उपरांत वहां पर देसी घी का दीपक जलाएं और श्री सूक्त का पाठ करें. ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है और हर काम में सफलता मिलती है.

लक्ष्मी माता को करें प्रसन्न: पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु को जल में केसर मिलाकर नहाने से और व्रत करने से 32 गुना फल की प्राप्ति होती है. लक्ष्मी मां को प्रसन्न करने के लिए सफेद रंग की चीज जैसे चावल चीनी घी दही दूध का दान करें. इससे माता लक्ष्मी भी परेशान होती है और चंद्रमा भी मजबूत होता है. जिस घर में सुख समृद्धि आती है और हर मनोकामना पूरी होती है. प्रदोष काल के समय घर के घर में घी का दीपक जलाने से सभी नकारात्मक शक्तियां दूर होती है और माता लक्ष्मी का वास होता है. भगवान सत्यनारायण को चंदन का तिलक करने और माता लक्ष्मी को लालच चुनरी अर्पित करने से विवाहित जीवन अच्छा बना रहता है.

ये भी पढ़ें: शुक्रवार को क्या कहते हैं आपके सितारे, पढ़ें राशिफल

ये भी पढ़ें: आज उधार देने से बचें, जानिए कब है शुभ पहर और राहुकाल

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.