देहरादून: राजधानी देहरादून की सड़कों पर आज पर्यावरण प्रेमियों ने मार्च निकाला. दिलाराम चौक से मुख्यमंत्री आवास तक सड़क चौड़ीकरण के नाम पर कटने वाले पेड़ों को बचाने की मुहिम को आगे बढ़ाया. इस दौरान इसी सड़क पर कई पोस्टर आकर्षण का केंद्र बने रहे. दरअसल इन पोस्टर्स में पेड़ों को ना काटे जाने का गवर्नमेंट ऑर्डर होने की बात कहते हुए मुख्यमंत्री का धन्यवाद किया गया था.
देहरादून में इन दिनों वृक्षों के संरक्षण पर एक बड़ी मुहिम चल रही है. यह मुहिम दिलाराम चौक से मुख्यमंत्री आवास तक सड़क के चौड़ीकरण को लेकर है. उत्तराखंड वन विभाग द्वारा कुछ क्षेत्र में सड़क चौड़ीकरण के लिए कटने वाले पेड़ों का चिन्हीकरण किया गया है, इसमें अब तक 244 पेड़ चिन्हित हो चुके हैं. इन्हीं पेड़ों को बचाने के लिए अब पर्यावरण प्रेमी सड़कों पर आ चुके हैं और एक बड़ी मुहिम खड़ी करने का प्रयास कर रहे हैं. इसी के तहत रविवार को सैकड़ों की संख्या में लोगों ने दिलाराम चौक से सेंट्रियो मॉल तक मार्च निकाला. इस दौरान नुक्कड़ नाटक से लेकर कई गीतों के जरिए राज्य सरकार को संदेश देने की कोशिश की गई.
पर्यावरण प्रेमियों ने इससे पहले देहरादून में ही पेयजल परियोजना के लिए खलंगा में कटने वाले पेड़ों के लिए भी मुहिम छेड़ी थी, जो सफल हो गई है और सरकार ने बैक फुट पर आकर अब इस परियोजना के लिए दूसरी जगह को चिन्हित कर लिया है. उधर अब शहर के बीचो-बीच 244 पेड़ काटने की खबर के बाद पर्यावरण प्रेमी सरकार के इस कदम के खिलाफ खड़े हो गए हैं. एक तरफ पर्यावरण प्रेमी मार्च निकाल रहे थे तो दूसरी तरफ इसी सड़क पर भाजपा नेताओं द्वारा ऐसे कई पोस्टर लगाए गए थे, जो इस मार्च के ठीक उलट थे. इन पोस्टर्स में मुख्यमंत्री का धन्यवाद करते हुए जानकारी दी गई थी कि पेड़ों को ना काटे जाने के लिए सीएम धामी के आदेश पर जीओ जारी कर दिया गया है.
हालांकि अब तक ऐसा कोई जीओ होने की सूचना नहीं है. लिहाजा भाजपा नेताओं की जानकारी कितनी सही है यह कहना मुश्किल है. लेकिन पर्यावरण प्रेमियों के इस विरोध के दौरान यह पोस्टर्स खासे चर्चाओं में रहे और इससे यह भी स्पष्ट हो गया कि सरकार पेड़ काटे जाने के विरोध में हो रहे प्रदर्शन से दबाव में भी है.