खूंटीः झारखंड आंदोलन के पुरोधा, महान हॉकी खिलाड़ी और प्रखर राजनीतिज्ञ मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा की आज जयंती है. इस मौके पर उनकी जन्मस्थली पर कई कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. प्रत्येक वर्ष की भांति इस साल भी उनके पैतृक गांव खूंटी के टकरा में कई तरह की प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा. इसमें हॉकी, फुटबॉल, मुर्गा लड़ाई आदि शामिल हैं.
1928 के एम्सटर्डम में आयोजित ओलंपिक में हॉकी का पहला स्वर्ण जीतने वाली टीम के कप्तान जयपाल सिंह मुंडा आदिवासियों और झारखंड आंदोलन के एक सर्वोच्च नेता थे. वे जाने माने राजनीतिज्ञ, पत्रकार, लेखक, संपादक, शिक्षाविद् और 1925 में ऑक्सफोर्ड ब्लू का खिताब पाने वाले हॉकी के एकमात्र अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी थे. वे हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के साथ भी हॉकी खेल चुके हैं.
औपनिवेशिक भारत में जयपाल सिंह मुंडा सरकारी पद पर आसीन हुए. 3 जनवरी 1903 में जन्मे जयपाल सिंह मुंडा के 122वें जन्मदिवस पर सांसद कालीचरण मुंडा, विधायक रामसूर्या मुंडा, पूर्व सांसद सह पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, पूर्व विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा सहित कई गणमान्य नेता, राजनीतिक दल के प्रतिनिधि उनके पैतृक गांव टकरा पहुंचेंगे.
मालूम हो कि देश को हॉकी में स्वर्ण पदक दिलाने वाले मरांग गोमके के गांव को पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के कार्यकाल में गोद लिया गया था. तब लगा था कि इस गांव का अब कायाकल्प होगा, लेकिन गांव से विकास आज भी कोसों दूर है. हालांकि गांव में कुछ कार्य हुए हैं, लेकिन जितनी ग्रामीणों ने उम्मीद लगा रखी थी, उतनी नहीं हो पाई.
वहीं बाद में अर्जुन मुंडा खूंटी के सांसद बनने के बाद जनजातीय मंत्रलाय मिला तो उन्होंने जनजातीय विभाग से गांव में विकास योजनाओं को शुरू करने का एलान किया था. हालांकि कुछ योजनाएं ग्राउंड पर पहुंची, लेकिन कुछ योजनाओं पर ग्रहण लग गया.
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