रांची: प्रवर्तन निदेशालय की जांच में रांची में हुए जमीन घोटाले में कई चौकाने वाले खुलाशे हुए हैं. जमीन घोटाले की पूरी पटकथा फर्जी दस्तावेजों के आधार पर तैयार की गई थी, जिसमें राज्य के कई राजनेता, अधिकारी और जमीन माफिया ने करोड़ों की कमाई की और एकड़ के एकड़ जमीन पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कब्जा किया गया.
कोलकाता में बने फर्जी दस्तावेज
ईडी ने जमीन घोटाला मामले में कपड़ा कारोबारी इरसाद को भी गिरफ्तार किया है. यहां आपको हम यह बता दें कि इरशाद भले ही कपड़ा कारोबारी था लेकिन उसका मुख्य काम था जमीन का फर्जी दस्तावेज तैयार करना. ईडी ने अपनी जांच में पाया है कि बरियातू इलाके का कपड़ा कारोबारी इरशाद अख्तर कोलकाता जा कर रांची के जमीन का फर्जी कागजात तैयार करवाता था.
इरसाद कोलकाता के रजिस्टार ऑफ एश्योरेंस में फर्जीवाड़ा करने के लिए वहां के ओरिजनल रजिस्टर का ब्लैंक शीट जुगाड़ करता था. फर्जीवाड़ा के लिए ओरिजनल रजिस्टर से ब्लैंक शीट जुगाड़ने के बाद फर्जी डीड तैयार की जाती थी. ईडी ने सद्दाम और अफसर अली की एक तस्वीर भी बरामद की है, जिसमें वह कोलकाता के होटल पियरलेस में बैठकर फर्जी दस्तावेज तैयार कर रहे थे. यह तस्वीर सद्दाम ने प्रियरंजन को भेजी थी. आरोपी रांची से लेकर कोलकाता तक सरकारी रिकॉर्ड में फर्जीवाड़ा कर जमीन कब्जाते थे. खास कर नन सेलेबल जमीनों के फर्जी दस्तावेज बनाए जाते थे, इसके बाद ऊंची दाम पर इसकी बिक्री की जाती थी.
पूर्व सीएम के 8.86 एकड़ जमीन के अलावा भी कई एकड़ जमीन में भी हुआ फर्जीवाड़ा
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े जमीन घोटाले में ईडी ने कई नए तथ्य हासिल किया है. ईडी अधिकारियों के अनुसार पूर्व सीएम हेमंत सोरेन मामले में गिरफ्तार बड़गाईं अंचल के राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद के यहां से मिले 17 ओरिजनल रजिस्टर की जांच के दौरान यह खुलासा हुआ कि भानू प्रताप प्रसाद के साथ सद्दाम हुसैन, अफसर अली, प्रिय रंजन सहाय, विपिन सिंह समेत अन्य आरोपियों ने मिलकर कई जमीनों पर कब्जा किया.
जांच में यह बात सामने आयी है कि सद्दाम के घर 13 अप्रैल 2023 को हुए छापेमारी में 1940 का फर्जी डीड 3985 मिला, इस डीड के जरिए कुल 6.34 जमीन हथियाने की साजिश गिरोह ने रची थी. इस जमीन के खाता नंबर 234 के दो प्लाट 989 और 996 पूर्व सीएम हेमंत सोरेन के कब्जे वाली 8.86 एकड़ जमीन का हिस्सा है. ईडी ने अदालत को यह भी बताया है कि 6.34 एकड़ जमीन और पूर्व सीएम के कब्जे वाली 8.86 एकड़ जमीन भूईहरी जमीन है, जिसकी बिक्री नहीं की जा सकती, लेकिन फर्जी कागजात के जरिए इन जमीनों को हेमंत सोरेन, सद्दाम हुसैन, अफसर अली, प्रियरंजन सहाय, अंतु तिर्की समेत अन्य ने कब्जा जमा लिया.
सीएमओ का प्रभाव ,पुलिस ने नही की कोई कारवाई
जमीन घोटाले में पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की भी भूमिका थी इसी का फायदा सद्दाम हुसैन, अफसर अली और इरसाद ने उठाया था. इस दौरान सभी के खिलाफ पुलिस के द्वारा भी कोई कार्रवाई नहीं की गई. बड़गाईं अंचल की 8.86 एकड़ जमीन के ही प्लाट 987, खाता संख्या 221 के मालिक विष्णु कुमार भगत ने बयान में ईडी को बताया कि तत्कालीन सीएम का उनकी जमीन पर कब्जा था. कई बार इस जमीन को लेकर उन्हें धमकी मिली थी, इसकी शिकायत उन्होंने थाने में दर्ज करानी चाही, लेकिन पुलिस ने कभी केस दर्ज नहीं किया. प्लाट नंबर 988बी के मालिक शशिभूषण सिंह, 993 के मालिक अशोक जायसवाल ने भी यही बयान ईडी के समक्ष अगस्त 2023 में ईडी के समक्ष दिया था.
डायरी ने खोला राज
ईडी के द्वारा गिरफ्तार झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता अन्तु तिर्की की भूमिका भी जमीन घोटाले में काफी बड़ी रही है. इसका खुलाशा मो सद्दाम के यहां छापेमारी के दौरान मिले डायरी में हुआ है. डायरी में ईडी ने पाया कि खाता संख्या 234 की जमीन के एवज में अंतु तिर्की ने अलग-अलग तारीखों में लाखों रुपये लिए. 18 फरवरी 2022 को सुनिता तिर्की नाम की महिला को 1000 व 24 हजार देने का जिक्र है.
19 फरवरी 2022 को अंतु तिर्की को भी पैसे देने का जिक्र है. इसी तारीख को सुनीता तिर्की को 2.25 लाख देने का जिक्र है. 20 फरवरी 2022 को अंतु तिर्की को 25 हजार, दो लाख, दो लाख, 3 मार्च 2022 को चार लाख, 24 मार्च 2022 को डेढ़ लाख, 20 अप्रैल 2022 को अंतु तिर्की को किसी ए खान के द्वारा नकद 3 लाख, 3 अगस्त 2022 को एनईएफटी के माध्यम से दो लाख व 20 अक्तूबर 2022 को 1 लाख का भुगतान देने का जिक्र डायरी में है.
वहीं, डायरी के एक अन्य पन्ने में प्लॉट नंबर 1055 के एक साल के हिसाब किताब में 36.68 लाख का जिक्र है. इस पन्ने में भी अंतु तिर्की को भुगतान देने का जिक्र है. ईडी ने जांच में पाया है कि गिरेाह ने 1974 की डीड 2376 जो 1940 की डीड से जुड़ी है, उसके जरिए गाड़ी मौजा की 4.83 एकड़ जमीन पर कब्जा जमाया. ईडी ने पाया है कि शेखर कुशवाहा, विपिन सिंह, इरशाद अख्तर, अफसर अली, सद्दाम सरकारी रिकार्ड में छेड़छाड़ कर जमीन पर कब्जा जमाते थे.
ईडी की दबिश के बाद कोड भाषा का करने लगे इस्तेमाल
शेखर कुशवाहा, विपिन सिंह, इरशाद अख्तर, अफसर अली और सद्दाम फर्जी दस्तावेज बनाने में माहिर थे. मो सद्दाम के यहां ईडी ने पहली बार 13 अप्रैल 2023 को छापेमारी की थी. छापेमारी के दिन ईडी को कई सारे जमीन के दस्तावेज और पेपर मिले थे. सद्दाम के पास से ही 4.83 एकड़ जमीन से जुड़ा पेपर भी मिला था, जिसपर प्रिय रंजन सहाय, विपिन सिंह, शेखर कुशवाहा की टीम काम कर रही थी.
ईडी की छापेमारी के बाद सभी पूरी तरह सजग हो गए थे. यहां तक कि वे बातचीत के लिए भी कोड भाषा का इस्तेमाल करने लगे थे. सद्दाम ने तो आरोपी प्रियरंजन सहाय को अपनी गिरफ्तरी वाले दिन भी बचाने की कोशिश की थी. ईडी की टीम जब सद्दाम को गिरफ्तार कर अपने साथ ले जाने लगी तो उसने अपनी पत्नी को कोड में कहा कि वह प्रिया दीदी को कह दे कि वह चिंता न करें.
सद्दाम ने प्रिया दीदी का इस्तेमाल प्रिय रंजन सहाय के लिए किया था कि उस तक संबंधित जमीन के विषय में संदेश पहुंचा दे कि वह चिंता न करें. इसके बाद सद्दाम की पत्नी ने संबंधित जमीन से जुड़े मामले में प्रिय रंजन सहाय को अलर्ट कर दिया था. ईडी की टीम ने 27 अप्रैल 2023 को जब प्रिय रंजन सहाय के यहां छापेमारी की तो उसने सारे दस्तावेज हटा दिए थे. उस तक ईडी की कार्रवाई की जानकारी सद्दाम के जरिए ही लीक करा दी गई थी. सद्दाम और प्रियरंजन दोनों ने ही ईडी के समक्ष पूछताछ में यह बात स्वीकार की है.
शेखर कुशवाहा की ईडी को तलाश
ईडी को जमीन घोटाले में आरोपी शेखर कुशवाहा की तलाश है. एजेंसी ने बीते मंगलवार को उसके घर पर दबिश दी थी, लेकिन वह फरार मिला था. ऐसे में ईडी ने उसकी उपस्थिति के लिए एक समन परिजनों को सौंप दिया था. ईडी अधिकारियों के मुताबिक, समन पर उपस्थित नहीं होने पर एजेंसी गैर जमानतीय वारंट जारी कराएगी.
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