रांची: जेल से निकलने के तीन दिन के भीतर पूर्व सीएम हेमंत सोरेन द्वारा अपने आवास पर सत्ताधारी विधायक दल की बैठक बुलाने से चर्चाओं और कयासों का बाजार गर्म हो गया है. इस मसले पर राजनीतिक गलियारे में दो तरह की बातें हो रही हैं. एक तरफ चर्चा है कि 3 जुलाई को होने जा रही बैठक में नेतृत्व परिवर्तन पर मुहर लग सकती है. इस कयास को सीएम चंपाई सोरेन के तय कार्यक्रमों को अचानक रद्द किए जाने से जोड़कर देखा जा रहा है.
वहीं दूसरी चर्चा यह है कि हेमंत सोरेन सभी सहयोगी विधायकों से आगामी विधानसभा चुनाव और उनके जेल में रहने के दौरान उपजे राजनीतिक हालात पर चर्चा कर सकते हैं. कैबिनेट में कांग्रेस कोटे से रिक्त एक पद को भरने के मसले पर भी सहमति बन सकती है. यही वजह है कि कांग्रेस के प्रभारी गुलाम अहमद मीर भी रांची आ रहे हैं.
हालांकि झामुमो के प्रवक्ता मनोज पांडेय कह चुके हैं कि यह बैठक आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर बुलाई गई है. उन्होंने कहा कि वर्तमान राजनीतिक परिस्थिति में पार्टी और गठबंधन की रणनीति को लेकर रायशुमारी हो सकती है. उनकी दलील है कि हेमंत सोरेन पांच माह बाद जेल से बाहर आए हैं. इसलिए मुलाकात भी जरूरी है. वहीं भाजपा चुटकी ले रही है.
क्यों अचानक स्थगित हो गये सीएम के तय कार्यक्रम
सत्ताधारी विधायक दल की बैठक को लेकर झामुमो की जो भी दलील हो लेकिन सवाल है कि सीएम चंपाई सोरेन के कई तय कार्यक्रम अचानक क्यों स्थगित हो गये. 2 जुलाई को उपराजधानी दुमका के पुलिस लाइन मैदान में सीएम को कई योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करना था. फूलो झानो आशीर्वाद योजना के तहत 25 हजार से ज्यादा महिलाओं के बीच 24 करोड़ रु. का ऋण बांटना था. लाभुकों के बीच परिसंपत्ति का वितरण होना था. इस कार्यक्रम के लिए सारी तैयारियां पूरी कर ली गई थी. विशाल टेंट लगाया गया था. हालांकि मंत्री बसंत सोरेन का कहना है कि मौसम खराब होने की वजह से सीएम चंपाई सोरेन नहीं आ सके. उनकी अनुपस्थिति में मंत्री बसंत सोरेन के नेतृत्व में कार्यक्रम का आयोजन हुआ.
3 जुलाई को झारखंड गो सेवा आयोग की ओर से आयोजित गोबर प्रसंस्करण प्रशिक्षण प्रमाण पत्र वितरण कार्यक्रम भी स्थगित कर दिया गया है. सीएम चंपाई सोरेन इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे. आयोग की तरफ से सिर्फ इतना बताया गया कि अपरिहार्य कारणों से सीएम का कार्यक्रम स्थगित हो गया है. हालांकि, इसकी वजह साफ है क्योंकि 3 जुलाई को ही हेमंत सोरेन ने सत्ताधारी विधायक दल की बैठक बुलाई है.
एक और बात पर गौर किया जाना जरूरी है. दरअसल, 25 जून को जब हेमंत सोरेन जेल में थे, तब अचानक कांग्रेस प्रभारी गुलाम अहमद मीर विशेष रूप से उनसे मिलने दिल्ली से रांची आए थे. रांची एयरपोर्ट पर पहुंचते ही सीधे जेल गये थे. वहां हेमंत सोरेन से मुलाकात के बाद सीधे दिल्ली लौट गये थे. इस मुलाकात के दौरान हेमंत सोरेन की पत्नी सह गांडेय विधायक कल्पना सोरेन भी मौजूद थीं. आज तक इस मुलाकात का ठोस जवाब सामने नहीं आया. लिहाजा, 3 जुलाई को प्रस्तावित सत्ताधारी दल की बैठक को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. बैठक के बाद ही इन कयासों पर विराम लग पाएगा.
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