रांचीः जमीन घोटाला मामले में कई चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं. एजेंसी की जांच में यह बात सामने आई है कि न सिर्फ हेमंत सोरेन बल्कि कई रसूखदार लोगों ने भी जमीन के दस्तावेजों में हेर फेर कर बेहद कम कीमत पर कीमती जमीन खरीदी. ईडी अब उन सभी जमीनों की जांच में जुट गई है.
कई नाम आए सामने
रांची जमीन घोटाला में पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के अलावे कई अन्य लोगों ने भी फर्जी दस्तावेज बनवाकर, सरकारी रिकार्ड में हेरफेर के बाद औने पौने दाम पर जमीन की खरीदारी की है. इस संबंध मेंईडी ने अपनी जांच में कई नए तथ्य पाए हैं. जो तथ्य जांच के दौरान ईडी को मिले हैं, उसका सत्यापन भी रिमांड पर आए आरोपियों से की गई है. अब तक ईडी ने कुल 17 ओरिजनल रजिस्टर 2 की जांच की है. जांच के दौरान यह पाया गया कि बड़गाईं अंचल के तत्कालीन राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद ने अपने सिंडिकेट के साथ मिलकर कई जमीनों को फर्जी तरीके से हथियाने में मदद की.
कैसे किया फर्जीवाड़ा
ईडी ने कोर्ट को बताया है कि भानु प्रताप प्रसाद ने पद पर रहते हुए रजिस्टर 2 को अपने अधीन रखा. इस दौरान उसने कई जमीनों से जुड़ी रजिस्टर 2 की असली एंट्री को मिटाया. इसके बाद सादे पन्नों को लगाकर रजिस्टर 2 में नई एंट्री कर दी. जांच में यह पाया गया है कि कई भूईहरी और नन सेलेबल जमीनों की प्रकृति भी बदली गई. इसके बाद उन जमीनों की बिक्री कर दी गई. ईडी ने जांच में पाया है कि कई जमीनों की फर्जी डीड भी भानु प्रताप ने तैयार करायी थी. इसके बाद उन जमीनों की भी बिक्री हो गई. ये सारी भूमि अब ईडी की जांच के दायरे में हैं.
हेमंत सोरेन के अलावे कई लोग हुए लाभान्वित
ईडी ने जांच में पाया है कि पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के अलावा कई अन्य लोग भी हैं जो भानु प्रताप प्रसाद के प्रोसिड आफ क्राइम से लाभान्वित हुए हैं. जिन लोगों ने ये संपत्तियां फर्जी तरीके से अर्जित की है, ईडी ने पीएमएलए की संगत धाराओं के तहत उन्हें भी आरोपित करने का फैसला लिया है.
ये भी पढ़ेंः
रांची जमीन घोटाला: बड़गाई अंचल के पूर्व उप निरीक्षक भानु प्रताप की रिमांड अवधि खत्म, भेजे गए जेल
हेमंत सोरेन भेजे गए बिरसा मुंडा जेल, रांची जमीन घोटाला मामले में रिमांड अवधि खत्म
जमीन घोटाला मामला में ईडी की रेड, डिजिटल डिवाइस और मोबाइल जब्त