श्रीनगर: पौड़ी जिले के राजस्व क्षेत्र में 94 पटवारी व कानूनगो चौकी खस्ता हालत में हैं. समय पर चौकी की मरम्मत न होने के कारण जर्जर हो चुकी चौकियों में पटवारी भी बैठना सुरक्षित नहीं समझते हैं. यही कारण है कि अधिकतर दिन चौकी में ताले लटके रहते हैं. साथ ही लोगों को जरूरी कार्य के लिए तहसील और डीएम कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ते हैं.
ब्रिटिशकालीन समय से चली आ रही राजस्व प्रशासन व्यवस्था पौड़ी जिले लड़खड़ा रही है. हाल ये हैं जिले की 238 चौकी में से 94 पटवारी व कानूनगो चौकी बदहाल हालत में हैं. चौकी में जड़े ताले बता रहे हैं कि पटवारी और कानूनगो जिनके भरोसे राजस्व क्षेत्र की कानून व्यवस्था और अन्य कार्य का जिम्मा है वे कितना समय पटवारी चौकी में बिताते हैं. अधिकतर समय ताला लटका मिलने से फरियादियों को वापस लौटना पड़ता है और मजबूरन तहसील के चक्कर लगाने पड़ते हैं.
दरअसल अंकिता भंडारी हत्याकांड के बाद जनता कि मांग थी कि राजस्व प्रशासन से कानूनी प्रकरणों का जिम्मा हटा दिया जाए और रेगुलर पुलिस को ही राजस्व क्षेत्र में कानून व्यवस्था संभालने का जिम्मा भी दिया जाए. जिसके बाद जिले में कुछ जगह नए थाने और नई पुलिस चौकी भी खुली. लेकिन अब भी एक बड़ा क्षेत्र राजस्व प्रशासन के ही हवाले है. वहीं पौड़ी डीएम आशीष चौहान ने बताया कि बदहाल पटवारी चौकी की मरम्मत के प्रयास किए जा रहे हैं, अत्यधिक बदहाल चौकी की रिपोर्ट भी जिले के समस्त एसडीएम से मांगी गई है.
जिससे फरियादियों को उनके क्षेत्र की चौकी में ही न्याय मिल सके और उन्हें बार बार तहसील या डीएम दफ्तर के चक्कर ना लगाने पड़े. जिले बड़ा क्षेत्र राजस्व क्षेत्र के अधीन है. ऐसे में राजस्व क्षेत्र में कानूनगो व्यवस्था को पटरी में लाने के लिए सबसे पहले बदहाल पटवारी और कानूनगो चौकियों की हालत सुधारनी होगी. तभी पटवारी भी फील्ड और चौकी में अधिक समय बिता पाएंगे.
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