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बिना फायर एनओसी के ऑपरेट हो रहे शॉपिंग मॉल, अस्पतालों में भी नहीं इंतजाम, राम भरोसे स्कूल, जानिये वजह - Uttarakhand Fire Department

Uttarakhand Fire Department देशभर के अस्पतालों में अग्निकांड की घटनाएं इस साल सामने आ चुकी हैं. ऐसे में उत्तराखंड दमकल विभाग सख्त हो गया है, जिसके तहत अस्पताल, बड़े स्कूल और शॉपिंग कॉम्प्लेक्स का निरीक्षण किया गया. इसी बीच पता चला कि कई ऐसे अस्पताल, बड़े स्कूल और शॉपिंग कॉम्प्लेक्स हैं, जिनके पास फायर एनओसी नहीं है.

Uttarakhand Fire Department
दमकल विभाग (photo- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : May 31, 2024, 4:25 PM IST

बिना फायर एनओसी के ऑपरेट हो रहे शॉपिंग मॉल (VIDEO-ETV Bharat)

देहरादून: दिल्ली के बेबी केयर और गुजरात के गेम जोन में हुए अग्निकांड के बाद उत्तराखंड दमकल विभाग ने प्रदेश के सभी शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, अस्पतालों और स्कूलों का निरीक्षण किया, जिसमें पता चला कि प्रदेश में कई ऐसे हॉस्पिटल, स्कूल और कॉम्प्लेक्स हैं, जिनके पास फायर विभाग की एनओसी नहीं है और इन संस्थानों में फायर सुरक्षा व्यवस्था के उपकरण भी नहीं हैं. वहीं, अगर फायर सुरक्षा व्यवस्था के उपकरण है भी, तो वह काम नहीं कर रहे हैं.

166 हॉस्पिटल्स के पास नहीं फायर एनओसी: दमकल विभाग ने उन संस्थानों का निरीक्षण किया है, जिनका कवर्ड एरिया 500 स्क्वायर फुट और ऊंचाई 12 मीटर से ज्यादा है. ऐसे करीब 166 हॉस्पिटल्स, 94 स्कूल और 292 शॉपिंग कांप्लेक्स हैं, जिनमें किसी भी प्रकार से फायर सुरक्षा के उपकरण नहीं लगे हैं, जिनको फायर विभाग ने नोटिस भी भेजा है, जिसमें जल्द से जल्द सेफ्टी उपकरण लगाने की बात कही गई है. वहीं, 189 अस्पताल, नर्सिंग होम और क्लिनिक ऐसे हैं, जिन्होंने एनओसी ले रखी है.

557 स्कूलों को एनओसी जारी: दमकल विभाग ने 557 स्कूलों और 292 शॉपिंग कॉम्प्लेक्स को एनओसी जारी की है. वहीं, ऐसे भी अस्पताल हैं, जिन्होंने कई सालों से एनओसी का नवीनीकरण नहीं कराया था, जिससे फायर सर्विस की ओर से अब इन अस्पतालों को नोटिस जारी किए जा रहे हैं. तय समय पर एनओसी लेने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

अस्पताल में फायर सुरक्षा व्यवस्था जरूरी: बता दें कि अस्पताल में अग्निकांड से बचाव के उपकरण और पर्याप्त साधन होने जरूरी हैं. संबंधित विकास प्राधिकरण नक्शा भी इसी शर्त पर पास करता है, लेकिन 500 वर्ग मीटर से ज्यादा कवर्ड एरिया और 500 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले अस्पतालों के भवन को शुरू करने से पहले फायर सर्विस से एनओसी लेना जरूरी है. इससे छोटे अस्पतालों को प्राधिकरण की ओर से ही सर्टिफिकेट दिया जाता है. हालांकि फायर सर्विस विभाग को सूचना इन अस्पतालों को भी देनी होती है.

देहरादून के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज के पास नहीं फायर NOC: दून अस्पताल की ओपीडी और इमरजेंसी की भी फायर एनओसी नहीं है. मामले में दून अस्पताल के आला-अधिकारियों ने कहा कि सरकार द्वारा ओपीडी और इमरजेंसी को तैयार किया गया था. दोनों की फायर एनओसी नहीं थी. हालंकि दोनों जगह फायर के सभी उपकरण लगाए गए हैं और अस्पताल प्रशासन द्वारा स्टाफ को आग को बुझाने की ट्रेनिंग दी जा रही है.

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बिना फायर एनओसी के ऑपरेट हो रहे शॉपिंग मॉल (VIDEO-ETV Bharat)

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166 हॉस्पिटल्स के पास नहीं फायर एनओसी: दमकल विभाग ने उन संस्थानों का निरीक्षण किया है, जिनका कवर्ड एरिया 500 स्क्वायर फुट और ऊंचाई 12 मीटर से ज्यादा है. ऐसे करीब 166 हॉस्पिटल्स, 94 स्कूल और 292 शॉपिंग कांप्लेक्स हैं, जिनमें किसी भी प्रकार से फायर सुरक्षा के उपकरण नहीं लगे हैं, जिनको फायर विभाग ने नोटिस भी भेजा है, जिसमें जल्द से जल्द सेफ्टी उपकरण लगाने की बात कही गई है. वहीं, 189 अस्पताल, नर्सिंग होम और क्लिनिक ऐसे हैं, जिन्होंने एनओसी ले रखी है.

557 स्कूलों को एनओसी जारी: दमकल विभाग ने 557 स्कूलों और 292 शॉपिंग कॉम्प्लेक्स को एनओसी जारी की है. वहीं, ऐसे भी अस्पताल हैं, जिन्होंने कई सालों से एनओसी का नवीनीकरण नहीं कराया था, जिससे फायर सर्विस की ओर से अब इन अस्पतालों को नोटिस जारी किए जा रहे हैं. तय समय पर एनओसी लेने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

अस्पताल में फायर सुरक्षा व्यवस्था जरूरी: बता दें कि अस्पताल में अग्निकांड से बचाव के उपकरण और पर्याप्त साधन होने जरूरी हैं. संबंधित विकास प्राधिकरण नक्शा भी इसी शर्त पर पास करता है, लेकिन 500 वर्ग मीटर से ज्यादा कवर्ड एरिया और 500 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले अस्पतालों के भवन को शुरू करने से पहले फायर सर्विस से एनओसी लेना जरूरी है. इससे छोटे अस्पतालों को प्राधिकरण की ओर से ही सर्टिफिकेट दिया जाता है. हालांकि फायर सर्विस विभाग को सूचना इन अस्पतालों को भी देनी होती है.

देहरादून के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज के पास नहीं फायर NOC: दून अस्पताल की ओपीडी और इमरजेंसी की भी फायर एनओसी नहीं है. मामले में दून अस्पताल के आला-अधिकारियों ने कहा कि सरकार द्वारा ओपीडी और इमरजेंसी को तैयार किया गया था. दोनों की फायर एनओसी नहीं थी. हालंकि दोनों जगह फायर के सभी उपकरण लगाए गए हैं और अस्पताल प्रशासन द्वारा स्टाफ को आग को बुझाने की ट्रेनिंग दी जा रही है.

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