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दिल्ली: पटपड़गंज के इस सड़क में गड्ढे नहीं, गड्ढों से होकर जा रही है सड़क

दिल्ली सरकार के मंत्री लगातार क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं, दूसरी ओर सड़कों की मरम्मत का काम केवल वादों तक सीमित रह गया है.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : 2 hours ago

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पटपड़गंज रोड की हालत खराब है. (Etv Bharat)

नई दिल्ली: दिल्ली की सड़कों की स्थिति एक बार फिर से चर्चा का विषय बन गई है. लगभग एक सप्ताह पहले मंत्री और विधायकों ने दिल्ली की कई टूटी हुई सड़कों का निरीक्षण किया था और जल्द मरम्मत का आश्वासन दिया था. इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मौजूदा मुख्यमंत्री आतिशी को पत्र लिखकर सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का आग्रह किया था. इससे लोगों में उम्मीद जगी है कि जल्द उनकी समस्याओं का समाधान होगा.

लेकिन अब समय बीतने के बाद भी अधिकांश सड़कों की मरम्मत का कार्य शुरू नहीं हुआ है. मुख्यमंत्री ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कुछ सड़कों के मरम्मत कार्य की शुरुआत की जानकारी दी, लेकिन कई मुख्य सड़कों, जैसे पटपड़गंज रोड, लोनी रोड और एमजी रोड की स्थिति अभी भी चिंताजनक बनी हुई है.

खस्ताहाल सड़कें और गंदगी का साम्राज्यः पटपड़गंज रोड की हालत इतनी खराब है कि उसे "गड्ढों में सड़क" की उपाधि दी जा सकती है. सड़कों पर लगातार गड्ढे दिखाई देते हैं, और इनसे बचने के प्रयास में वाहन चालक कई बार गलत साइड में चला जाते हैं. इससे जाम की स्थिति उत्पन्न होती है. इसके अलावा सड़क पर कूड़े के ढेर और भरे हुए गड्ढे मच्छरों के प्रजनन का कारण बन रहे हैं, जिससे स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा हो रहा है.

पटपड़गंज की सड़कों का हाल बेहाल (ETV Bharat)

गोकलपुरी से लोनी जाने वाला रोड और एमजी रोड भी इस समस्या का शिकार हैं. यहां एक लेन पूरी तरह से खुदी हुई है और इसका सुधार न होने की स्थिति में वाहन चालकों को प्रतिदिन जाम का सामना करना पड़ता है. विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों के लिए यह स्थिति अत्यंत दिक्कत भरी है.

स्थानीय निवासियों की नाराजगीः स्थानीय व्यापारियों और ई-रिक्शा चालकों ने भी इस बुरी स्थिति पर रोष व्यक्त किया है. गणेश नगर में रहने वाले संदीप कुमार ने बताया कि सड़क की मरम्मत के लिए कई बार उच्च अधिकारियों का ध्यान आकर्षित किया गया, लेकिन अंततः स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ. अधिकारी केवल निरीक्षण के लिए आते हैं और फोटो खींचकर चले जाते हैं, फिर कोई कार्रवाई नहीं होती.

वाहन चालकों का कहना है कि दिल्ली की सड़कों की यह दयनीय स्थिति न केवल यातायात के लिए समस्या है, बल्कि यह स्थानीय निवासियों और छात्रों के लिए भी जोखिम भरी साबित हो रही है. सरकार को जल्दी इस समस्या का समाधान करना होगा वरना लोग इसी तरह की मरम्मत के वादों के शिकार होते रहेंगे और सड़क दुर्घटनाएं बढ़ती रहेंगी. इसके लिए प्रशासन को चाहिए कि वह केवल वादे करने के बजाय ठोस कदम उठाए, ताकि दिल्ली की सड़कों की स्थिति में सुधार हो सके और नागरिकों को राहत मिल सके.

देवेन्द्र यादव ने केजरीवाल सरकार पर उठाए सवालः दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने दिल्ली की सड़कों की बिगड़ती हालत को लेकर सरकार पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि दिल्ली की 70 विधानसभाओं में गड्ढों की भरमार है और यहां तक कि आम आदमी पार्टी के विधायक और मंत्री भी इस स्थिति को मानने लगे हैं कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के 10 वर्षों के शासन में सड़कों का निर्माण या मरम्मत नहीं हुआ. यादव का यह बयान पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में दिल्ली सरकार के लोक निर्माण विभाग के लिए घोषित 9337 करोड़ रुपये के बजट को लेकर आया है. उन्होंने कहा कि इस भारी बजट के बावजूद, सड़कों और पुलों के निर्माण. रखरखाव और मरम्मत का कोई प्रभावी कार्य नहीं हुआ है.

नई दिल्ली: दिल्ली की सड़कों की स्थिति एक बार फिर से चर्चा का विषय बन गई है. लगभग एक सप्ताह पहले मंत्री और विधायकों ने दिल्ली की कई टूटी हुई सड़कों का निरीक्षण किया था और जल्द मरम्मत का आश्वासन दिया था. इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मौजूदा मुख्यमंत्री आतिशी को पत्र लिखकर सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का आग्रह किया था. इससे लोगों में उम्मीद जगी है कि जल्द उनकी समस्याओं का समाधान होगा.

लेकिन अब समय बीतने के बाद भी अधिकांश सड़कों की मरम्मत का कार्य शुरू नहीं हुआ है. मुख्यमंत्री ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कुछ सड़कों के मरम्मत कार्य की शुरुआत की जानकारी दी, लेकिन कई मुख्य सड़कों, जैसे पटपड़गंज रोड, लोनी रोड और एमजी रोड की स्थिति अभी भी चिंताजनक बनी हुई है.

खस्ताहाल सड़कें और गंदगी का साम्राज्यः पटपड़गंज रोड की हालत इतनी खराब है कि उसे "गड्ढों में सड़क" की उपाधि दी जा सकती है. सड़कों पर लगातार गड्ढे दिखाई देते हैं, और इनसे बचने के प्रयास में वाहन चालक कई बार गलत साइड में चला जाते हैं. इससे जाम की स्थिति उत्पन्न होती है. इसके अलावा सड़क पर कूड़े के ढेर और भरे हुए गड्ढे मच्छरों के प्रजनन का कारण बन रहे हैं, जिससे स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा हो रहा है.

पटपड़गंज की सड़कों का हाल बेहाल (ETV Bharat)

गोकलपुरी से लोनी जाने वाला रोड और एमजी रोड भी इस समस्या का शिकार हैं. यहां एक लेन पूरी तरह से खुदी हुई है और इसका सुधार न होने की स्थिति में वाहन चालकों को प्रतिदिन जाम का सामना करना पड़ता है. विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों के लिए यह स्थिति अत्यंत दिक्कत भरी है.

स्थानीय निवासियों की नाराजगीः स्थानीय व्यापारियों और ई-रिक्शा चालकों ने भी इस बुरी स्थिति पर रोष व्यक्त किया है. गणेश नगर में रहने वाले संदीप कुमार ने बताया कि सड़क की मरम्मत के लिए कई बार उच्च अधिकारियों का ध्यान आकर्षित किया गया, लेकिन अंततः स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ. अधिकारी केवल निरीक्षण के लिए आते हैं और फोटो खींचकर चले जाते हैं, फिर कोई कार्रवाई नहीं होती.

वाहन चालकों का कहना है कि दिल्ली की सड़कों की यह दयनीय स्थिति न केवल यातायात के लिए समस्या है, बल्कि यह स्थानीय निवासियों और छात्रों के लिए भी जोखिम भरी साबित हो रही है. सरकार को जल्दी इस समस्या का समाधान करना होगा वरना लोग इसी तरह की मरम्मत के वादों के शिकार होते रहेंगे और सड़क दुर्घटनाएं बढ़ती रहेंगी. इसके लिए प्रशासन को चाहिए कि वह केवल वादे करने के बजाय ठोस कदम उठाए, ताकि दिल्ली की सड़कों की स्थिति में सुधार हो सके और नागरिकों को राहत मिल सके.

देवेन्द्र यादव ने केजरीवाल सरकार पर उठाए सवालः दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने दिल्ली की सड़कों की बिगड़ती हालत को लेकर सरकार पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि दिल्ली की 70 विधानसभाओं में गड्ढों की भरमार है और यहां तक कि आम आदमी पार्टी के विधायक और मंत्री भी इस स्थिति को मानने लगे हैं कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के 10 वर्षों के शासन में सड़कों का निर्माण या मरम्मत नहीं हुआ. यादव का यह बयान पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में दिल्ली सरकार के लोक निर्माण विभाग के लिए घोषित 9337 करोड़ रुपये के बजट को लेकर आया है. उन्होंने कहा कि इस भारी बजट के बावजूद, सड़कों और पुलों के निर्माण. रखरखाव और मरम्मत का कोई प्रभावी कार्य नहीं हुआ है.

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