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निर्वाचन आयोग को गुमराह करने का प्रयास कर रहे प्रत्याशी! चुनावी खर्च दिखा रहे कम - lok sabha election 2024

धनबल के जरिए चुनाव न जीता जाए, इसके लिए निर्वाचन आयोग ने लोकसभा चुनाव 2024 में प्रत्याशी के खर्च की सीमा 95 लाख रुपए तय कर रखी है. कोई भी प्रत्याशी 95 लाख रुपए से ज्यादा खर्च न कर सके, इसके लिए निर्वाचन आयोग की टीम प्रत्याशी पर नजर रखती है. लेकिन कुछ प्रत्याशी है, जो निर्वाचन आयोग को गुमराह करके अपने खर्च को कम दिखा रहा है.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Apr 9, 2024, 2:24 PM IST

देहरादून: लोकसभा चुनाव 2024 के मैदान में उतरे कई प्रत्याशी निर्वाचन आयोग को गुमराह करने का प्रयास कर रहे है और आयोग को खर्च का सही-सही हिसाब नहीं दे रहे है. ऐसा इसीलिए कहा जा रहा है कि क्योंकि प्रत्याशियों ने चुनाव प्रचार में अब तक जो खर्च दर्शाया है, वह निर्वाचन आयोग के बहीखाते से मेल नहीं खा रहा है.

दरअसल, लोकसभा चुनाव में एक प्रत्याशी 95 लाख रुपए से ज्यादा खर्च नहीं कर सकता है. यानी 95 लाख के अंदर ही एक प्रत्याशी को अपना चुनाव लड़ना है. प्रत्याशियों के खर्च पर नजर रखने के लिए निर्वाचन आयोग ने भी अलग-अलग टीमें गठित कर रखी है, जो प्रत्याशियों के खर्च को पूरा लेखा जोखा तैयार कर रही है, ताकी जब खर्चों के मिलन की बारी आए तो प्रत्याशियों को पूरा हिसाब गिनाया जा सके.

इस क्रम में जब टिहरी गढ़वाल लोकसभा क्षेत्र के सभी प्रत्याशियों के खर्च का निर्वाचन आयोग की लेखा टीम के सर्वे रजिस्टर से मिलान कराया गया तो कुछ गड़बड़ियां सामने आई. दरअसल, सभी प्रत्याशियों ने चुनाव प्रचार में अब तक जो खर्च दर्शाया है, वह निर्वाचन विभाग के लिखे हुए खर्च से मेल नहीं खा रहा है. इस दौरान तीन प्रत्याशी बैठक में अनुपस्थि भी पाए गए.

किस प्रत्याक्षी ने चुनाव के दौरान कितना खर्च किया है और कितना दिखाया यहा देखें...

  • टिहरी सीट से भाजपा प्रत्याशी माला राज्य लक्ष्मी शाह के रजिस्टर में महज 4,74000 अब तक खर्च बताए गए हैं
  • लेकिन निर्वाचन आयोग की टीम ने इससे कई अधिक 52 लाख 67 हजार रुपए का खर्च गिना दिया.
  • निर्वाचन आयोग के अनुसार कांग्रेस प्रत्याशी जोत सिंह गुनसोला ने अभीतक करीब 13.50 रुपए खर्च किए.
  • लेकिन जोत सिंह गुनसोला के अनुसार उन्होंने अभीतक सिर्फ करीब 4 लाख रुपए ही खर्च किए है.
  • पीपीआईडी दल के प्रत्याक्षी रामपाल सिंह का लेखा टीम के अनुसार 2,35,219 रुपए ही खर्च कर दिए है.
  • लेकिन रामपाल सिंह ने निर्वाचन आयोग को जो जानकारी दी गई, उसमें मात्र 81 हजार खर्च की दिखाया गया.
  • लेखा टीम के अनुसार निर्दलीय प्रत्याशी बॉबी पावर करीब सात लाख रुपए खर्च कर चुके है,
  • लेकिन बॉबी पावर ने निर्वाचन आयोग को अभीतक अपना खर्च 6 लाख 35 हजार रुपए ही दिखाया है.
  • बसपा के प्रत्याक्षी नेमचंद्र ने लेखा टीम के अनुसार 3,31,088 रुपए खर्च किए है.
  • वहीं प्रत्याक्षी नेमचंद्र के अनुसार उन्होंने अभीतक 3,31,924 रुपए खर्च किए.
  • राष्ट्रीय उत्तराखंड पार्टी दल के प्रत्याक्षी नवनीत सिंह गोसाई का लेखा टीम के अनुसार 63,900 रुपए.
  • लेकिन प्रत्याक्षी के अनुसार 71,484 रुपए.
  • निर्दलीय प्रत्याशी प्रेम दत्त सेमवाल का लेखा टीम के अनुसार 66,300 रुपए खर्च किए.
  • लेकिन प्रत्याक्षी के अनुसार 70,260 रुपए.
  • निर्दलीय प्रत्याशी विपिन कुमार अग्रवाल का लेखा टीम के अनुसार 25,500 रुपए,
  • लेकिन उन्होंने निर्वाचन आयोग को 32,970 रुपए का हिसाब दिया है.
  • वहीं, तीन प्रत्याक्षी निर्दलीय सरदार सिंह पप्पू, ब्रजभूषण कर्नवाल और निर्दलीय सुदेश तोमर ने खर्चा नहीं दिखाया है.

निर्वाचन आयोग के व्यय प्रेक्षक राजेश कोठरी ने बताया कि लोकसभा चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों के निर्वाचन व्यय का लेखा मिलान किया गया तो निर्वाचन व्यय लेखा मिलन के लिए 8 प्रत्याशियों ने खुद या अधिकृत निर्वाचन के माध्यम से अपना चुनावी खर्च रजिस्टर मिलन के लिए भेजा था. जब टीम ने चुनावी खर्च का मिलान किया तो 8 प्रत्याशियों का खर्च लेखक टीम सर्वे से मेल नहीं हुआ है. साथ ही तीन अनुपस्थित प्रत्याशियों को नोडल अधिकारी निर्वाचन ने नोटिस जारी किया है.

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देहरादून: लोकसभा चुनाव 2024 के मैदान में उतरे कई प्रत्याशी निर्वाचन आयोग को गुमराह करने का प्रयास कर रहे है और आयोग को खर्च का सही-सही हिसाब नहीं दे रहे है. ऐसा इसीलिए कहा जा रहा है कि क्योंकि प्रत्याशियों ने चुनाव प्रचार में अब तक जो खर्च दर्शाया है, वह निर्वाचन आयोग के बहीखाते से मेल नहीं खा रहा है.

दरअसल, लोकसभा चुनाव में एक प्रत्याशी 95 लाख रुपए से ज्यादा खर्च नहीं कर सकता है. यानी 95 लाख के अंदर ही एक प्रत्याशी को अपना चुनाव लड़ना है. प्रत्याशियों के खर्च पर नजर रखने के लिए निर्वाचन आयोग ने भी अलग-अलग टीमें गठित कर रखी है, जो प्रत्याशियों के खर्च को पूरा लेखा जोखा तैयार कर रही है, ताकी जब खर्चों के मिलन की बारी आए तो प्रत्याशियों को पूरा हिसाब गिनाया जा सके.

इस क्रम में जब टिहरी गढ़वाल लोकसभा क्षेत्र के सभी प्रत्याशियों के खर्च का निर्वाचन आयोग की लेखा टीम के सर्वे रजिस्टर से मिलान कराया गया तो कुछ गड़बड़ियां सामने आई. दरअसल, सभी प्रत्याशियों ने चुनाव प्रचार में अब तक जो खर्च दर्शाया है, वह निर्वाचन विभाग के लिखे हुए खर्च से मेल नहीं खा रहा है. इस दौरान तीन प्रत्याशी बैठक में अनुपस्थि भी पाए गए.

किस प्रत्याक्षी ने चुनाव के दौरान कितना खर्च किया है और कितना दिखाया यहा देखें...

  • टिहरी सीट से भाजपा प्रत्याशी माला राज्य लक्ष्मी शाह के रजिस्टर में महज 4,74000 अब तक खर्च बताए गए हैं
  • लेकिन निर्वाचन आयोग की टीम ने इससे कई अधिक 52 लाख 67 हजार रुपए का खर्च गिना दिया.
  • निर्वाचन आयोग के अनुसार कांग्रेस प्रत्याशी जोत सिंह गुनसोला ने अभीतक करीब 13.50 रुपए खर्च किए.
  • लेकिन जोत सिंह गुनसोला के अनुसार उन्होंने अभीतक सिर्फ करीब 4 लाख रुपए ही खर्च किए है.
  • पीपीआईडी दल के प्रत्याक्षी रामपाल सिंह का लेखा टीम के अनुसार 2,35,219 रुपए ही खर्च कर दिए है.
  • लेकिन रामपाल सिंह ने निर्वाचन आयोग को जो जानकारी दी गई, उसमें मात्र 81 हजार खर्च की दिखाया गया.
  • लेखा टीम के अनुसार निर्दलीय प्रत्याशी बॉबी पावर करीब सात लाख रुपए खर्च कर चुके है,
  • लेकिन बॉबी पावर ने निर्वाचन आयोग को अभीतक अपना खर्च 6 लाख 35 हजार रुपए ही दिखाया है.
  • बसपा के प्रत्याक्षी नेमचंद्र ने लेखा टीम के अनुसार 3,31,088 रुपए खर्च किए है.
  • वहीं प्रत्याक्षी नेमचंद्र के अनुसार उन्होंने अभीतक 3,31,924 रुपए खर्च किए.
  • राष्ट्रीय उत्तराखंड पार्टी दल के प्रत्याक्षी नवनीत सिंह गोसाई का लेखा टीम के अनुसार 63,900 रुपए.
  • लेकिन प्रत्याक्षी के अनुसार 71,484 रुपए.
  • निर्दलीय प्रत्याशी प्रेम दत्त सेमवाल का लेखा टीम के अनुसार 66,300 रुपए खर्च किए.
  • लेकिन प्रत्याक्षी के अनुसार 70,260 रुपए.
  • निर्दलीय प्रत्याशी विपिन कुमार अग्रवाल का लेखा टीम के अनुसार 25,500 रुपए,
  • लेकिन उन्होंने निर्वाचन आयोग को 32,970 रुपए का हिसाब दिया है.
  • वहीं, तीन प्रत्याक्षी निर्दलीय सरदार सिंह पप्पू, ब्रजभूषण कर्नवाल और निर्दलीय सुदेश तोमर ने खर्चा नहीं दिखाया है.

निर्वाचन आयोग के व्यय प्रेक्षक राजेश कोठरी ने बताया कि लोकसभा चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों के निर्वाचन व्यय का लेखा मिलान किया गया तो निर्वाचन व्यय लेखा मिलन के लिए 8 प्रत्याशियों ने खुद या अधिकृत निर्वाचन के माध्यम से अपना चुनावी खर्च रजिस्टर मिलन के लिए भेजा था. जब टीम ने चुनावी खर्च का मिलान किया तो 8 प्रत्याशियों का खर्च लेखक टीम सर्वे से मेल नहीं हुआ है. साथ ही तीन अनुपस्थित प्रत्याशियों को नोडल अधिकारी निर्वाचन ने नोटिस जारी किया है.

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