कोटपूतली: जिले में बोरवेल में गिरी तीन साल की चेतना की मौत के बाद भी प्रशासन ने सबक नहीं लिया है. जिले के बानसूर क्षेत्र में खुले बोरवेल आज भी हादसों को न्योता दे रहे हैं. प्रशासन के तमाम दावों के बावजूद क्षेत्र में अब भी खुले बोरवेल हैं. इस मामले में उपखंड अधिकारी अनुराग हरित ने कहा कि वे जल्द ही कर्मचारियों को मौके पर भेजकर जांच करवाएंगे. उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि जो भी सुरक्षा उपाय किए जा सकते हैं, वे सब प्राथमिकता से किए जाएंगे.
सालभर पहले मंगलवा और बलबा का बास के श्मशान में दो सरकारी बोरवेल खोदे गए थे. इन बोरवेलों में पानी नहीं था. ठेकेदार ने उन्हें बिना किसी सुरक्षा के खुला छोड़ दिया. अब ये बोरवेल न केवल जानवरों के लिए, बल्कि बच्चों और अन्य स्थानीय निवासियों के लिए भी खतरनाक साबित हो रहे हैं. बोरवेलों के चारों ओर उचित चेतावनी संकेत भी नहीं है. एक बोरवेल तो बिल्कुल खुला है, जबकि दूसरा मिट्टी जाने से थोड़ा सा ढंका हुआ लगता है. स्थानीय पशुपालक अक्सर अपने जानवरों को चराने के लिए इन स्थलों पर जाते हैं. पशुपालकों की चिंता को देखते हुए कई लोगों ने स्थानीय प्रशासन से इस समस्या का समाधान करने की मांग की है.
प्रशासन से की अपील: स्थानीय निवासी बाबूलाल और ओमप्रकाश ने प्रशासन से मांग की कि खुले बोरवेलों को ढंकवाने को लेकर आवश्यक कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में किसी भी तरह की अनहोनी से बचा जा सके. इस स्थिति ने बानसूर क्षेत्र में सुरक्षा और स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं को उजागर किया है. स्थानीय निवासियों का मानना है कि यदि समय रहते इस समस्या का समाधान नहीं किया गया तो यह न केवल जानवरों के लिए, बल्कि मानव जीवन के लिए भी खतरा बन सकता है.