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इस साल विवाह और शुभ कामों के मुहूर्त की लगी झड़ी, जानिए किस महीने में कब बजेगी शहनाई - Vivah Muhurat Dates

इस साल विवाह के मुहूर्त बहुत अधिक हैं. जनवरी 2025 से मार्च 2025 तक दो माह में 40 दिन विवाह के लग्न मुहूर्त मिलेंगे.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Apr 19, 2024, 7:47 PM IST

वाराणसी: हर नए साल की शुरुआत के साथ ही विवाह के मुहूर्त को लेकर भी चर्चा शुरू होती है, क्योंकि काम मुहूर्त एक तरफ जहां कुंवारों के लिए इंतजार की घड़ी को लंबा करता है. इसका बड़ा असर बाजार पर भी देखा जाता है, लेकिन इस बार सनातनी नव संवत्सर की शुरुआत के साथ ही विवाह के मुहूर्त हर किसी को खुश करने वाले दिखाई दे रहे हैं.

नवरात्र खत्म होने के बाद 18 अप्रैल 2024 से ही विवाह मुहूर्त की शुरुआत हो गई है और 18 अप्रैल को जबरदस्त शादियों के होने के बाद अब पूरे साल अलग-अलग महीनों में शादियों के जबरदस्त मुहूर्त देखने को मिलेंगे. नवसंवत्सर पिंगल 2081 में विवाह के लिए 73 दिन लग्न-मुहूर्त के होंगे. इस माह लगातार नौ दिन एक विवाह मुहुर्त मिलेंगे. अबकी विवाह के कारक ग्रह शुक्र और बृहस्पति के अस्त होने से मई-जून में सन्नाटा रहेगा.

जुलाई में सात दिन लग्न के बाद चातुमांस के कारण चार माह इंतजार करना होगा. जनवरी से मार्च तक दो माह में 40 दिन विवाह के लग्न मुहूर्त मिलेंगे. सूर्यदेव के 14 मार्च को दिन में 3.12 बजे कुंभ से मीन राशि में प्रवेश के साथ खरमास लग गया था. चैत्र शुक्ल प्रतिपदा नौ अप्रैल को नवसंवत्सर 2081 आरंभ हुआ और 13 अप्रैल को रात 11.17 अजे सूर्यदेष के मीन से मेष राशि में संचरण के साथ खरमास का समापन हो गया.

ज्योतिषाचार्य पंडित ऋषि द्विवेदी ने बताया कि शादी-विवाह के कारक ग्रह शुक्र की कमजोर स्थिति के कारण मांगलिक कार्यों के लिए लग्न मुहूर्त का इंतजार करना पड़ा. अब वैशाख कृष्ण षष्ठी सोमवार 29 अप्रैल को शुक्र पूर्व में तो वैशाख कृष्ण द्वादशी सोमवार पांच मई को देवगुरु बृहस्पति पश्चिम में अस्त हो जाएंगे. इससे इस वर्ष मई-जून में विवाहादि के मुहुर्त नहीं मिलेंगे.

बृहस्पति उदय ज्येष्ठ कृष्ण द्वादशी सोमवार तीन जून को होगा, लेकिन शुक्र अस्त ही रहेंगे. शुक्रोदय आषाढ़ कुष्ठ सप्तमी 28 जून को शाम 5.27 बजे होगा. शुक्र का बाल्लत्व एक जुलाई को समाप्त होगा. उसके बाद नौ जुलाई से लग्न मुहूर्त प्रारंभ होंगे. आषाढ़ शुक्ल एकादशी 17 जुलाई से चातुर्मास लग जाएगा. इससे चार माह तक मांगलिक कार्यों पर विराम लेगा.

कार्तिक शुक्ल एकादशी पर 12 नवंबर को चातुर्मास समाप्त होगा और मांगलिक कार्य शुरू होंगे. नवबंर-दिसंबर में 17 दिन लग्न मुहूर्त के बाद 16 दिसंबर को सूर्यदेव वृश्चिक राशि से प्रातः 7.3 बजे धनु राशि में जाएंगे और खरमास लग जाएगा. इसका समापन 14 जनवरी, 2025 को सूर्यदेव के धनु से मकर में प्रवेश के साथ होगा और 14 मार्च तक 40 दिन विवाह लग्न मिलेंगे. मार्च में खरमास लगने के बाद नए संवत 2082 में विवाह होंगे.

16 जनवरी से 14 मार्च के बीच 40 लग्न-मुहूर्त:

  • अप्रैल 2024- (नौ दिन) 18, 19, 20, 21, 22, 23, 24, 25, 26
  • जुलाई 2024- (सात दिन) 09, 10, 11, 12, 13, 14, 15
  • नवबर 2024- (सात दिन) 17, 18, 22, 23, 24, 25, 26
  • दिसंबर 2024- (10 दिन) 02, 03, 04, 05, 09, 10 11, 13, 14, 15
  • जनवरी 2025- (10 दिन) 16, 17, 18, 19, 20, 21, 22, 23, 24, 25
  • फरवरी 2025- (20 दिन) एक, दो, तीन, छह, सात्, आद, 12, 13, 14, 15, 16, 17, 18, 19, 20, 21, 22, 23, 24, 25
  • मार्च 2025- (10 दिन) 01, 02, 03, 05, 06, 07, 11, 12, 13, 14

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वाराणसी: हर नए साल की शुरुआत के साथ ही विवाह के मुहूर्त को लेकर भी चर्चा शुरू होती है, क्योंकि काम मुहूर्त एक तरफ जहां कुंवारों के लिए इंतजार की घड़ी को लंबा करता है. इसका बड़ा असर बाजार पर भी देखा जाता है, लेकिन इस बार सनातनी नव संवत्सर की शुरुआत के साथ ही विवाह के मुहूर्त हर किसी को खुश करने वाले दिखाई दे रहे हैं.

नवरात्र खत्म होने के बाद 18 अप्रैल 2024 से ही विवाह मुहूर्त की शुरुआत हो गई है और 18 अप्रैल को जबरदस्त शादियों के होने के बाद अब पूरे साल अलग-अलग महीनों में शादियों के जबरदस्त मुहूर्त देखने को मिलेंगे. नवसंवत्सर पिंगल 2081 में विवाह के लिए 73 दिन लग्न-मुहूर्त के होंगे. इस माह लगातार नौ दिन एक विवाह मुहुर्त मिलेंगे. अबकी विवाह के कारक ग्रह शुक्र और बृहस्पति के अस्त होने से मई-जून में सन्नाटा रहेगा.

जुलाई में सात दिन लग्न के बाद चातुमांस के कारण चार माह इंतजार करना होगा. जनवरी से मार्च तक दो माह में 40 दिन विवाह के लग्न मुहूर्त मिलेंगे. सूर्यदेव के 14 मार्च को दिन में 3.12 बजे कुंभ से मीन राशि में प्रवेश के साथ खरमास लग गया था. चैत्र शुक्ल प्रतिपदा नौ अप्रैल को नवसंवत्सर 2081 आरंभ हुआ और 13 अप्रैल को रात 11.17 अजे सूर्यदेष के मीन से मेष राशि में संचरण के साथ खरमास का समापन हो गया.

ज्योतिषाचार्य पंडित ऋषि द्विवेदी ने बताया कि शादी-विवाह के कारक ग्रह शुक्र की कमजोर स्थिति के कारण मांगलिक कार्यों के लिए लग्न मुहूर्त का इंतजार करना पड़ा. अब वैशाख कृष्ण षष्ठी सोमवार 29 अप्रैल को शुक्र पूर्व में तो वैशाख कृष्ण द्वादशी सोमवार पांच मई को देवगुरु बृहस्पति पश्चिम में अस्त हो जाएंगे. इससे इस वर्ष मई-जून में विवाहादि के मुहुर्त नहीं मिलेंगे.

बृहस्पति उदय ज्येष्ठ कृष्ण द्वादशी सोमवार तीन जून को होगा, लेकिन शुक्र अस्त ही रहेंगे. शुक्रोदय आषाढ़ कुष्ठ सप्तमी 28 जून को शाम 5.27 बजे होगा. शुक्र का बाल्लत्व एक जुलाई को समाप्त होगा. उसके बाद नौ जुलाई से लग्न मुहूर्त प्रारंभ होंगे. आषाढ़ शुक्ल एकादशी 17 जुलाई से चातुर्मास लग जाएगा. इससे चार माह तक मांगलिक कार्यों पर विराम लेगा.

कार्तिक शुक्ल एकादशी पर 12 नवंबर को चातुर्मास समाप्त होगा और मांगलिक कार्य शुरू होंगे. नवबंर-दिसंबर में 17 दिन लग्न मुहूर्त के बाद 16 दिसंबर को सूर्यदेव वृश्चिक राशि से प्रातः 7.3 बजे धनु राशि में जाएंगे और खरमास लग जाएगा. इसका समापन 14 जनवरी, 2025 को सूर्यदेव के धनु से मकर में प्रवेश के साथ होगा और 14 मार्च तक 40 दिन विवाह लग्न मिलेंगे. मार्च में खरमास लगने के बाद नए संवत 2082 में विवाह होंगे.

16 जनवरी से 14 मार्च के बीच 40 लग्न-मुहूर्त:

  • अप्रैल 2024- (नौ दिन) 18, 19, 20, 21, 22, 23, 24, 25, 26
  • जुलाई 2024- (सात दिन) 09, 10, 11, 12, 13, 14, 15
  • नवबर 2024- (सात दिन) 17, 18, 22, 23, 24, 25, 26
  • दिसंबर 2024- (10 दिन) 02, 03, 04, 05, 09, 10 11, 13, 14, 15
  • जनवरी 2025- (10 दिन) 16, 17, 18, 19, 20, 21, 22, 23, 24, 25
  • फरवरी 2025- (20 दिन) एक, दो, तीन, छह, सात्, आद, 12, 13, 14, 15, 16, 17, 18, 19, 20, 21, 22, 23, 24, 25
  • मार्च 2025- (10 दिन) 01, 02, 03, 05, 06, 07, 11, 12, 13, 14

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