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बिहार के लाल को विदेश में मिला बड़ा जिम्मा, मनोज बिहारी वर्मा बने लाइबेरिया गणराज्य के राजदूत - MANOJ BIHARI VERMA

गया के मनोज बिहारी वर्मा को सरकार ने नई जिम्मेदारी सौंपी है. भारत सरकार ने उन्हें लाइबेरिया गणराज्य का राजदूत नियुक्त किया है.

Ambassador of Republic of Liberia
मनोज बिहारी वर्मा (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : 3 hours ago

गया: बिहार के गया का टनकुप्पा गांव आज से 15 साल पहले नक्सल प्रभावित क्षेत्र था. यह वही क्षेत्र है जहां 2002 में नक्सलियों ने थाना भवन को बम लगा कर उड़ा दिया था. नक्सल प्रभावित होने के बावजूद यहां के कई लोगों की मेहनत धैर्य और संघर्ष भरी कहानी है. जिन्होंने अपनी मेहनत से सफलता प्राप्त की है, इन्ही में से एक नाम मनोज बिहारी वर्मा का भी है.

मनोज बिहारी वर्मा लाइबेरिया गणराज्य के बने राजदूत: नक्सल प्रभावित होने के बावजूद मनोज बिहारी वर्मा ने ना तो मेहनत में कमी की और ना ही उच्य शिक्षा प्राप्त करने में पीछे रहे. टनकुप्पा प्रखंड के टनकुप्पा गांव के रहने वाले मनोज बिहारी वर्मा एक किसान के पुत्र हैं. हालांकि उनकी सफलता जिला और राज्य के लिए प्रेरणा है. मनोज बिहारी वर्मा को लाइबेरिया गणराज्य साउथ अफ्रीका में भारतीय राजदूत के पद पर नियुक्त किया गया हैं.

गांव में की थी पढ़ाई: ग्रामीणों का कहना है कि जब गांव का कोई बेटा पढ़ाई कर बड़े पद पर नौकरी कर लेता है, तो माता-पिता के साथ ही परिजन, समाज और गांव का भी सिर गर्व से ऊंचा होता है. मनोज बिहारी ने गांव के स्कूल में मैट्रिक तक की पढ़ाई की है, उसके आगे की पढ़ाई गया और दूसरी जगहों पर हुई है.

दार एस सलाम में इस पद पर हैं मनोज: मनोज बिहारी वर्मा वर्तमान में भारतीय उच्चायोग दार एस सलाम में उच्चायुक्त के पद पर कार्यरत हैं. मनोज बिहारी 1997 में विदेश मंत्रालय में सरकारी सेवा में आए थे. मनोज बिहारी ने सऊदी अरब, रूस अमरीका, सूडान और माली समेत कई देश में भारतीय मिशन मैं विभिन्न पदों पर काम किया है.

Manoj Bihari Verma
परिवार के साथ मनोज बिहारी वर्मा (ETV Bharat)

जनवरी में होगी नियुक्ती: मनोज बिहारी ने मुख्यालय में संयुक्त राष्ट्र परभाग, पीआई ,पाकिस्तान अफगानिस्तान ईरान परभाग एवं प्रशासन विभाग में महत्वपूर्ण कार्य किए हैं. इसके अलावा विभिन्न मिशनों में प्रशासन, राजनीतिक, वाणिज्यिक और सांस्कृतिक मामलों में बखूबी अपनी जिम्मेदारियों को निभाया है. वहीं 6 जनवरी को भारतीय राजदूत बनकर वह लाइबेरिया गणराज्य जाकर अपना योगदान देंगे.

गांव में नहीं रहता है परिवार: किसान परिवार से संबंध रखने वाले मनोज वर्मा 1985 में गांव के शिवराम भारती उच्च विद्यालय से मैट्रिक की परीक्षा प्रथम श्रेणी से पास की थी. पिता रामेश्वर प्रसाद वर्मा और मां धनवंती देवी किसान थी, गरीबी झेलते हुए भी माता-पिता ने बच्चों को शिक्षा देने में कोई कमी रहने नहीं दी.

पहली नौकरी उन्हें कृषि मंत्रालय मिली: उन्होंने इंटर साइंस की पढ़ाई महेश सिंह यादव कॉलेज गया से की और फिर स्नातक की पढ़ाई जगजीवन कॉलेज मगध विश्वविद्यालय बोधगया से की थी. मनोज बचपन से पढ़ने में काफी मेधावी रहे, उन्होंने विज्ञान में प्रथम श्रेणी से स्नातक की डिग्री प्राप्त की थी. पहले नौकरी उन्हें कृषि मंत्रालय में लगी और इसके बाद सफलता का दौर आगे बढ़ता गया. साल 1997 में विदेश मंत्रालय में नौकरी मिली, वर्तमान में इनके परिवार का कोई सदस्य गांव में नहीं रहता है, भाई भी नाराजी में हैं.

क्षेत्र के लिए मिसाल है मनोज बिहारी का परिवार: गांव के नरेश वर्मा ने कहा कि मनोज बिहारी का परिवार क्षेत्र के लिए मिसाल है. किसान के पुत्र होने के साथ वह नक्सल प्रभावित क्षेत्र के थे. इसके बावजूद उनके परिवार ने मिसाल कायम की है. मनोज बिहारी की दो बेटियां और एक बेटा है, पत्नी पूनम वर्मा हाउसवाइफ है. 17 दिसंबर को वह तंजानिया से अपना चार्ज विभाग को सौंप कर भारत वापस आएंगे और फिर 6 जनवरी 2025 को राजदूत के पद को संभालेंगे.

"मनोज वर्मा के सभी भाई मेहनत के बदौलत अच्छे पद पर हैं. क्षेत्र के लिए यह गौरव की बात है कि वो भारत के राजदूत जैसे प्रतिष्ठित पद पर नियुक्त हैं. उनके एक भाई विनोद बिहारी वर्मा सीए हैं, जबकि दूसरे भाई प्रेम प्रकाश वर्मा नेशनल हाईवे अथॉरिटी में अकाउंटेंट है. एक भाई आलोक रंजन वर्मा इनकम टैक्स में आईपीओ के पद पर हैं."-स्थानीय

पढ़ें-राजनयिक अनुराग श्रीवास्तव मॉरीशस में भारत के अगले राजदूत नियुक्त - ANURAG SRIVASTAVA

गया: बिहार के गया का टनकुप्पा गांव आज से 15 साल पहले नक्सल प्रभावित क्षेत्र था. यह वही क्षेत्र है जहां 2002 में नक्सलियों ने थाना भवन को बम लगा कर उड़ा दिया था. नक्सल प्रभावित होने के बावजूद यहां के कई लोगों की मेहनत धैर्य और संघर्ष भरी कहानी है. जिन्होंने अपनी मेहनत से सफलता प्राप्त की है, इन्ही में से एक नाम मनोज बिहारी वर्मा का भी है.

मनोज बिहारी वर्मा लाइबेरिया गणराज्य के बने राजदूत: नक्सल प्रभावित होने के बावजूद मनोज बिहारी वर्मा ने ना तो मेहनत में कमी की और ना ही उच्य शिक्षा प्राप्त करने में पीछे रहे. टनकुप्पा प्रखंड के टनकुप्पा गांव के रहने वाले मनोज बिहारी वर्मा एक किसान के पुत्र हैं. हालांकि उनकी सफलता जिला और राज्य के लिए प्रेरणा है. मनोज बिहारी वर्मा को लाइबेरिया गणराज्य साउथ अफ्रीका में भारतीय राजदूत के पद पर नियुक्त किया गया हैं.

गांव में की थी पढ़ाई: ग्रामीणों का कहना है कि जब गांव का कोई बेटा पढ़ाई कर बड़े पद पर नौकरी कर लेता है, तो माता-पिता के साथ ही परिजन, समाज और गांव का भी सिर गर्व से ऊंचा होता है. मनोज बिहारी ने गांव के स्कूल में मैट्रिक तक की पढ़ाई की है, उसके आगे की पढ़ाई गया और दूसरी जगहों पर हुई है.

दार एस सलाम में इस पद पर हैं मनोज: मनोज बिहारी वर्मा वर्तमान में भारतीय उच्चायोग दार एस सलाम में उच्चायुक्त के पद पर कार्यरत हैं. मनोज बिहारी 1997 में विदेश मंत्रालय में सरकारी सेवा में आए थे. मनोज बिहारी ने सऊदी अरब, रूस अमरीका, सूडान और माली समेत कई देश में भारतीय मिशन मैं विभिन्न पदों पर काम किया है.

Manoj Bihari Verma
परिवार के साथ मनोज बिहारी वर्मा (ETV Bharat)

जनवरी में होगी नियुक्ती: मनोज बिहारी ने मुख्यालय में संयुक्त राष्ट्र परभाग, पीआई ,पाकिस्तान अफगानिस्तान ईरान परभाग एवं प्रशासन विभाग में महत्वपूर्ण कार्य किए हैं. इसके अलावा विभिन्न मिशनों में प्रशासन, राजनीतिक, वाणिज्यिक और सांस्कृतिक मामलों में बखूबी अपनी जिम्मेदारियों को निभाया है. वहीं 6 जनवरी को भारतीय राजदूत बनकर वह लाइबेरिया गणराज्य जाकर अपना योगदान देंगे.

गांव में नहीं रहता है परिवार: किसान परिवार से संबंध रखने वाले मनोज वर्मा 1985 में गांव के शिवराम भारती उच्च विद्यालय से मैट्रिक की परीक्षा प्रथम श्रेणी से पास की थी. पिता रामेश्वर प्रसाद वर्मा और मां धनवंती देवी किसान थी, गरीबी झेलते हुए भी माता-पिता ने बच्चों को शिक्षा देने में कोई कमी रहने नहीं दी.

पहली नौकरी उन्हें कृषि मंत्रालय मिली: उन्होंने इंटर साइंस की पढ़ाई महेश सिंह यादव कॉलेज गया से की और फिर स्नातक की पढ़ाई जगजीवन कॉलेज मगध विश्वविद्यालय बोधगया से की थी. मनोज बचपन से पढ़ने में काफी मेधावी रहे, उन्होंने विज्ञान में प्रथम श्रेणी से स्नातक की डिग्री प्राप्त की थी. पहले नौकरी उन्हें कृषि मंत्रालय में लगी और इसके बाद सफलता का दौर आगे बढ़ता गया. साल 1997 में विदेश मंत्रालय में नौकरी मिली, वर्तमान में इनके परिवार का कोई सदस्य गांव में नहीं रहता है, भाई भी नाराजी में हैं.

क्षेत्र के लिए मिसाल है मनोज बिहारी का परिवार: गांव के नरेश वर्मा ने कहा कि मनोज बिहारी का परिवार क्षेत्र के लिए मिसाल है. किसान के पुत्र होने के साथ वह नक्सल प्रभावित क्षेत्र के थे. इसके बावजूद उनके परिवार ने मिसाल कायम की है. मनोज बिहारी की दो बेटियां और एक बेटा है, पत्नी पूनम वर्मा हाउसवाइफ है. 17 दिसंबर को वह तंजानिया से अपना चार्ज विभाग को सौंप कर भारत वापस आएंगे और फिर 6 जनवरी 2025 को राजदूत के पद को संभालेंगे.

"मनोज वर्मा के सभी भाई मेहनत के बदौलत अच्छे पद पर हैं. क्षेत्र के लिए यह गौरव की बात है कि वो भारत के राजदूत जैसे प्रतिष्ठित पद पर नियुक्त हैं. उनके एक भाई विनोद बिहारी वर्मा सीए हैं, जबकि दूसरे भाई प्रेम प्रकाश वर्मा नेशनल हाईवे अथॉरिटी में अकाउंटेंट है. एक भाई आलोक रंजन वर्मा इनकम टैक्स में आईपीओ के पद पर हैं."-स्थानीय

पढ़ें-राजनयिक अनुराग श्रीवास्तव मॉरीशस में भारत के अगले राजदूत नियुक्त - ANURAG SRIVASTAVA

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