नई दिल्ली: जेल से जमानत पर बाहर आए आम आदमी पार्टी नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बुधवार से अलग-अलग विधानसभा क्षेत्र में पदयात्रा शुरू करने वाले थे, लेकिन यह पदयात्रा टाल दी गई है. बुधवार सुबह आम आदमी पार्टी के कार्यालय में मंत्री सौरव भारद्वाज ने बताया कि स्वतंत्रता दिवस के आयोजन को देखते हुए पुलिस ने आज से शुरू होने वाली पदयात्रा को आगे बढ़ाने की बात कही थी, जिसे हमने मान लिया है.
बना ये संयोग: सौरभ भारद्वाज ने बताया कि अब 16 अगस्त को मनीष सिसोदिया दिल्ली के क्रेटर कैलाश, कालकाजी विधानसभा आदि क्षेत्र में पार्टी नेताओं, कार्यकर्ताओं के साथ पदयात्रा शुरू करेंगे और लोगों के बीच अपनी बात रखेंगे. 16 अगस्त को ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का जन्मदिन है, तो क्या उस दिन विशेष को ध्यान में रखते हुए पदयात्रा शुरू करने का फैसला लिया गया है? इस सवाल पर सौरभ भारद्वाज ने कहा कि ऐसा नहीं है, लेकिन यह एक अच्छा संयोग बन गया. दिल्ली पुलिस ने जो अपील की थी, जिसे हमने मानते हुए यह दिन तय किया था. हो सकता है ऊपर वाला भी यही चाहता हो कि मुख्यमंत्री केजरीवाल के जन्मदिन के दिन से ही इसका शुभारंभ हो.
.@msisodia जी BJP की केंद्र सरकार की साज़िशों को परास्त कर 17 महीने बाद आज़ाद हुए हैं।
— AAP (@AamAadmiParty) August 14, 2024
🔹 वह दिल्ली की जनता से मिलने के लिए आज ग्रेटर कैलाश से पदयात्रा शुरू करने वाले थे
🔹 लेकिन दिल्ली पुलिस ने कहा कि इस पदयात्रा को स्वतंत्रता दिवस की वजह से एक-दो दिन के लिए टाल दिया जाए
🔹… pic.twitter.com/7A9C3CVkdA
फिलहाल रहेगी जारी: उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री का जन्मदिन तारीख के हिसाब से 16 अगस्त है, लेकिन तिथि के हिसाब से उनका जन्म, जन्माष्टमी के दिन हुआ था. 16 अगस्त से शुरू होने वाली पदयात्रा कितने दिनों की होगी? इस सवाल पर सौरभ भारद्वाज ने कहा कि अभी तो यह निरंतर जारी रहेगी. आगे पार्टी कोई अन्य अभियान शुरू करेगी तो फिर इस जनसंपर्क अभियान को उसमें जोड़ दिया जाएगा, लेकिन अभी यह अलग-अलग विधानसभा क्षेत्र में जारी रहेगी.
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जेल से निकलकर गरजे थे सिसोदिया: इससे पहले तिहाड़ जेल से जमानत पर बाहर आने के बाद मनीष सिसोदिया ने पार्टी कार्यालय में कार्यकर्ताओं से संवाद करते हुए कहा था कि अब तानाशाही के खिलाफ लड़ाई लड़नी है. देश के हर नागरिक को इसके खिलाफ खड़ा होना होगा. 9 अगस्त को भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत हुई थी. इस दिन मेरी रिहाई भगवान का इशारा है कि मैं बाहर निकलकर 'तानाशाही भारत छोड़ो' का नारा बुलंद करूं. तानाशाही का शिकार हर आम आदमी है. हमें तानाशाही के खिलाफ एकजुट होकर लड़ना होगा.
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