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शहर को कुत्तों के आतंक से बचाएगा मैंगो मैन, पहल शुरू करने के लिए नगर निगम से मांगी इजाजत - Dogs terror in Hazaribag

Dogs terror in Hazaribag. हजारीबाग को कुत्तों के आतंक से बचाने के लिए एक पहल की जा रही है. यह पहल मैंगो मैन के नाम से मशहूर मनोज गुप्ता ने की है. इसके लिए उन्होंने नगर निगम से अनुमति मांगी है.

Dogs terror in Hazaribag
सड़क पर घूमते कुत्तों का झुंड (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jul 26, 2024, 8:52 AM IST

हजारीबाग: जिले को कुत्तों के आतंक से मुक्ति दिलाने के लिए अब आम जनता आगे आ रही है. भले ही यह काम नगर निगम का है, लेकिन नगर निगम आवारा कुत्तों के आतंक से मुक्ति दिलाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा पा रहा है. इसे देखते हुए मैंगो मैन के नाम से मशहूर मनोज गुप्ता ने पहल की है. मनोज गुप्ता शहर को आवारा कुत्तों के आतंक से मुक्ति दिलाने का प्रयास कर रहे हैं.

शहर को कुत्तों के आतंक से बचाएगा मैंगो मैन (ईटीवी भारत)

उन्होंने नगर आयुक्त को ज्ञापन भी सौंपा है कि उन्हें यह काम करने दिया जाए. ताकि नियमानुसार काम कर शहर को आवारा कुत्तों के आतंक से मुक्ति दिलाई जा सके. मनोज गुप्ता आवारा कुत्तों पर काम करने वाली स्वयंसेवी संस्था के संपर्क में हैं. हजारीबाग में बाकायदा ट्रेनिंग टाइप का एक ग्रुप बनाया जाएगा, जो आवारा कुत्तों को पकड़कर उनकी नसबंदी कराएगा. फिर उन्हें उसी इलाके में छोड़ दिया जाएगा.

मनोज गुप्ता का कहना है कि जनसंख्या नियंत्रण नहीं होने के कारण शहर में कुत्तों की संख्या बढ़ती जा रही है. जिले में प्रतिदिन 100 से अधिक कुत्ते काटने के मामले सामने आ रहे हैं. कुछ इलाकों में रात में घर से निकलना भी खतरनाक साबित हो रहा है. कुत्ते लोगों का पीछा करते हैं, जिससे सड़क हादसों की संख्या में भी इजाफा हुआ है. इसी को ध्यान में रखते हुए यह प्रयास किया जा रहा है.

स्थानीय लोगों का भी कहना है कि आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ने के दो-तीन कारण हैं. इन सबके लिए नगर निगम जिम्मेदार है. जगह-जगह कूड़ा फेंका जा रहा है. जिससे उस इलाके में कुत्तों की संख्या बढ़ जाती है. हजारीबाग का झील क्षेत्र और खिरगांव ऐसे ही इलाके हैं. कुत्ते सड़ा-गला खाना खाकर अस्वस्थ हो रहे हैं. जिससे कुत्तों का आतंक बढ़ गया है. नगर निगम संख्या पर नियंत्रण के लिए काम नहीं कर रहा है.

दरअसल कुत्तों के आतंक पर काम करने की जिम्मेदारी नगर निगम की है. लेकिन उदासीन रवैये के कारण अब आम लोग आगे आ रहे हैं. जिस तरह से शहर में आवारा कुत्तों के काटने की संख्या बढ़ रही है, ऐसे में नगर निगम को सक्रिय होने की जरूरत है.

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शहर को कुत्तों के आतंक से बचाएगा मैंगो मैन (ईटीवी भारत)

उन्होंने नगर आयुक्त को ज्ञापन भी सौंपा है कि उन्हें यह काम करने दिया जाए. ताकि नियमानुसार काम कर शहर को आवारा कुत्तों के आतंक से मुक्ति दिलाई जा सके. मनोज गुप्ता आवारा कुत्तों पर काम करने वाली स्वयंसेवी संस्था के संपर्क में हैं. हजारीबाग में बाकायदा ट्रेनिंग टाइप का एक ग्रुप बनाया जाएगा, जो आवारा कुत्तों को पकड़कर उनकी नसबंदी कराएगा. फिर उन्हें उसी इलाके में छोड़ दिया जाएगा.

मनोज गुप्ता का कहना है कि जनसंख्या नियंत्रण नहीं होने के कारण शहर में कुत्तों की संख्या बढ़ती जा रही है. जिले में प्रतिदिन 100 से अधिक कुत्ते काटने के मामले सामने आ रहे हैं. कुछ इलाकों में रात में घर से निकलना भी खतरनाक साबित हो रहा है. कुत्ते लोगों का पीछा करते हैं, जिससे सड़क हादसों की संख्या में भी इजाफा हुआ है. इसी को ध्यान में रखते हुए यह प्रयास किया जा रहा है.

स्थानीय लोगों का भी कहना है कि आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ने के दो-तीन कारण हैं. इन सबके लिए नगर निगम जिम्मेदार है. जगह-जगह कूड़ा फेंका जा रहा है. जिससे उस इलाके में कुत्तों की संख्या बढ़ जाती है. हजारीबाग का झील क्षेत्र और खिरगांव ऐसे ही इलाके हैं. कुत्ते सड़ा-गला खाना खाकर अस्वस्थ हो रहे हैं. जिससे कुत्तों का आतंक बढ़ गया है. नगर निगम संख्या पर नियंत्रण के लिए काम नहीं कर रहा है.

दरअसल कुत्तों के आतंक पर काम करने की जिम्मेदारी नगर निगम की है. लेकिन उदासीन रवैये के कारण अब आम लोग आगे आ रहे हैं. जिस तरह से शहर में आवारा कुत्तों के काटने की संख्या बढ़ रही है, ऐसे में नगर निगम को सक्रिय होने की जरूरत है.

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