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मनगड़ गांव में 'आपदा' जैसे हालात, खड़िया खनन के कारण बढ़ा लैंडस्लाइड, कई मकान जमींदोज - LANDSLIDE IN PIPLI KHARIYA MINE

LANDSLIDE IN PIPLI KHARIYA MINE खड़िया खान के पास भूस्खलन होने से मनगड़ गांव के 6 घर ध्वस्त होने के बाद ग्रामीणों में खड़िया खनन को लेकर नाराजगी देखने को मिली. आज डीएम और एसपी मनगड़ गांव पहुंचे और भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया.

LANDSLIDE IN PIPLI KHARIYA MINE
मकान जमींदोज होने के बाद ग्रामीणों ने जागकर काटी रात (photo-ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 13, 2024, 9:50 PM IST

बेरीनाग: मनगड़ गांव उपजाऊ और वर्ष भर हरा-भरा रहने वाला गांव था. इस गांव में सब्जी समेत अन्य फसलों का बहुत अच्छा उत्पादन होता है. एक दशक पूर्व मनगड़ गांव से 300 मीटर दूरी पर एक खड़िया खान स्वीकृत हो गई, जिसका ग्रामीणों ने जमकर विरोध जताया था, लेकिन ग्रामीणों की एक ना चली. ग्रामीणों ने आपबीती बताते हुए कहा कि प्रशासन की अनदेखी का खामियाजा आज उन्हें भुगतना पड़ रहा है. बहरहाल डीएम ने अग्रिम आदेश तक खड़िया खनन पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं.

मनगड़ गांव में 'आपदा' जैसे हालात (photo-ETV Bharat)

12 सिंतबर को जमींदोज हुए थे मकान: बता दें कि खड़िया खान के पास बीते दिन भूस्खलन हुआ था, जिससे 6 घर ध्वस्त हो गए थे. इस घटना में किसी के हताहत होने की खबर नहीं थी. घटना के बाद प्रशासन ने इस समस्या का स्थाई समाधन करने की बात कही थी. इससे पहले भूस्खलन होने से पंचायत घर भी ध्वस्त हो गया था.

खड़िया खनन को लेकर ग्रामीणों में गुस्सा: पूर्व प्रधान राजेन्द्र सिंह ने बताया कि गांव को खड़िया खनन से हो रहे खतरे के संबंध में कई स्थानों पर समस्या को रखा गया, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ और भारी भरकम मशीनों ने खेतों को खोदकर खड़िया निकालने का काम किया. उन्होंने कहा कि खाड़िया खनन से जुड़े अधिकरियों ने गांव का भी रूख नहीं किया. गांव की सैकड़ों नाली भूमि खड़िया खनन की भेंट चढ़ गई. ग्रामीण कल्याण ने बताया कि गांव में इस तरह का मौहाल कभी नहीं देखा, आज जिंदगी भर की मेहनत से बनाया हुआ घर खड़िया खनन की गलती के कारण जमीदोंज हो गया है. वहीं, स्थानीय महिलाओं ने बताया कि घरों के अंदर रखे हुए गहने और खाद्य सामान सब मलबा में दब गया है.

आपदाग्रस्त मनगड़ गांव पहुंचे डीएम-एसपी: आज सुबह डीएम विनोद गोस्वामी और पुलिस अधीक्षक रेखा यादव मनगड़ गांव पहुंचे और भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण किया और आपदा प्रभावितों का हालचाल जानकर पूरी मूदद करने का भरोसा दिलाया. साथ ही सात परिवारों को 1लाख 30 हजार रुपए के चेक वितरित किए. इस दौरान डीएम और एसपी ने आपदा प्रभावित परिवारों को हाईस्कूल चामाचैड़ में शिफ्ट करने और उन परिवारों के लिए खाना और जानवरों के लिए चारा व्यवस्था करने के निर्देश दिए. इसके अलावा आपदा को देखते हुए राजस्व निरीक्षक और राजस्व उप निरीक्षक को तैनात किया गया है.

बाहरी क्षेत्रों से पहुंच रहे खनन माफिया: पिपली में स्थित खड़िया खान में बाहरी क्षेत्रों से आकर खनन माफियाओं ने नियमों को ताक पर रखकर खनन कर मोटी कमाई तो की, लेकिन उसका खामियाजा मनगड़ गांव के ग्रामीणों को आज भुगतना पड़ रहा है. अनियोजित तरीके से किए गए खनन को रोकने की जहमत कभी खनन विभाग नहीं उठा पाया.

एक दर्जन मकान खतरे की जद में: क्षेत्र में पिछले दिनों से लगातार हो रही बारिश के बाद पुरानाथल, कांडे किरौली, पांखू और राईआगर सहित अन्य क्षेत्रों में एक दर्जन मकान खतरे की जद में आ गए हैं. एसडीएम यशवीर सिंह ने बताया कि सभी स्थानों पर क्षति का आंकलन किया जा रहा है.

डीएम ने कुमाऊंनी भाषा में किया संवाद: भूस्खलन की वजह से घर जमींदोज होने पर डीएम के सामने महिलाएं फूट-फूटकर रोने लगी और अपने घरों का हाल बताने लगी. जिस पर डीएम विनोद गोस्वामी ने कुमाऊंनी भाषा में संवाद करते हुए पूरी मदद का आश्वासन दिया.

खड़िया खान को बंद करने के निर्देश: ग्रामीणों द्वारा खड़िया खनन को लेकर की गई शिकायत पर डीएम ने संज्ञान लेते हुए अग्रिम आदेशों तक खड़िया खनन बंद करने के निर्देश दिए.

प्रभावितों को मिलेगा उचित मुआवजा: विधायक फकीर राम टम्टा ने एक बयान जारी किया है, जिसमें उन्होंने कहा कि अधिकारियों को मुआवजा और प्रभावितों को विस्थापन सहित अन्य कार्रवाई करने के लिए निर्देश दिए गए हैं. सीएम पुष्कर धामी को आपदा प्रभावितों की परेशानी को बता दिया गया है, जिस पर सीएम ने हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया.

प्रभावित परिवार को मिले 20 लाख रुपए: पूर्व दर्जा राज्य मंत्री और वरिष्ट कांग्रेस नेता खजान गुड्डू ने मनगड़ गांव में आई आपदा को लेकर खड़िया खनन को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने सरकार से प्रभावित परिवार को 20 लाख रुपए का मुआवजा और मकान बनाकर देने की मांग की है. साथ ही कांग्रेस द्वारा भी आपदा प्रभाावितों को मदद करने की बात कही.

ग्रामीणों ने जागकर काटी रात: 6 मकान जमीदोंज होने के बाद पूरे गांव में भय का मौहाल था. गांव में चारों और अंधेरा था, जिससे ग्रामीणों ने जागकर रात काटी.

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बेरीनाग: मनगड़ गांव उपजाऊ और वर्ष भर हरा-भरा रहने वाला गांव था. इस गांव में सब्जी समेत अन्य फसलों का बहुत अच्छा उत्पादन होता है. एक दशक पूर्व मनगड़ गांव से 300 मीटर दूरी पर एक खड़िया खान स्वीकृत हो गई, जिसका ग्रामीणों ने जमकर विरोध जताया था, लेकिन ग्रामीणों की एक ना चली. ग्रामीणों ने आपबीती बताते हुए कहा कि प्रशासन की अनदेखी का खामियाजा आज उन्हें भुगतना पड़ रहा है. बहरहाल डीएम ने अग्रिम आदेश तक खड़िया खनन पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं.

मनगड़ गांव में 'आपदा' जैसे हालात (photo-ETV Bharat)

12 सिंतबर को जमींदोज हुए थे मकान: बता दें कि खड़िया खान के पास बीते दिन भूस्खलन हुआ था, जिससे 6 घर ध्वस्त हो गए थे. इस घटना में किसी के हताहत होने की खबर नहीं थी. घटना के बाद प्रशासन ने इस समस्या का स्थाई समाधन करने की बात कही थी. इससे पहले भूस्खलन होने से पंचायत घर भी ध्वस्त हो गया था.

खड़िया खनन को लेकर ग्रामीणों में गुस्सा: पूर्व प्रधान राजेन्द्र सिंह ने बताया कि गांव को खड़िया खनन से हो रहे खतरे के संबंध में कई स्थानों पर समस्या को रखा गया, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ और भारी भरकम मशीनों ने खेतों को खोदकर खड़िया निकालने का काम किया. उन्होंने कहा कि खाड़िया खनन से जुड़े अधिकरियों ने गांव का भी रूख नहीं किया. गांव की सैकड़ों नाली भूमि खड़िया खनन की भेंट चढ़ गई. ग्रामीण कल्याण ने बताया कि गांव में इस तरह का मौहाल कभी नहीं देखा, आज जिंदगी भर की मेहनत से बनाया हुआ घर खड़िया खनन की गलती के कारण जमीदोंज हो गया है. वहीं, स्थानीय महिलाओं ने बताया कि घरों के अंदर रखे हुए गहने और खाद्य सामान सब मलबा में दब गया है.

आपदाग्रस्त मनगड़ गांव पहुंचे डीएम-एसपी: आज सुबह डीएम विनोद गोस्वामी और पुलिस अधीक्षक रेखा यादव मनगड़ गांव पहुंचे और भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण किया और आपदा प्रभावितों का हालचाल जानकर पूरी मूदद करने का भरोसा दिलाया. साथ ही सात परिवारों को 1लाख 30 हजार रुपए के चेक वितरित किए. इस दौरान डीएम और एसपी ने आपदा प्रभावित परिवारों को हाईस्कूल चामाचैड़ में शिफ्ट करने और उन परिवारों के लिए खाना और जानवरों के लिए चारा व्यवस्था करने के निर्देश दिए. इसके अलावा आपदा को देखते हुए राजस्व निरीक्षक और राजस्व उप निरीक्षक को तैनात किया गया है.

बाहरी क्षेत्रों से पहुंच रहे खनन माफिया: पिपली में स्थित खड़िया खान में बाहरी क्षेत्रों से आकर खनन माफियाओं ने नियमों को ताक पर रखकर खनन कर मोटी कमाई तो की, लेकिन उसका खामियाजा मनगड़ गांव के ग्रामीणों को आज भुगतना पड़ रहा है. अनियोजित तरीके से किए गए खनन को रोकने की जहमत कभी खनन विभाग नहीं उठा पाया.

एक दर्जन मकान खतरे की जद में: क्षेत्र में पिछले दिनों से लगातार हो रही बारिश के बाद पुरानाथल, कांडे किरौली, पांखू और राईआगर सहित अन्य क्षेत्रों में एक दर्जन मकान खतरे की जद में आ गए हैं. एसडीएम यशवीर सिंह ने बताया कि सभी स्थानों पर क्षति का आंकलन किया जा रहा है.

डीएम ने कुमाऊंनी भाषा में किया संवाद: भूस्खलन की वजह से घर जमींदोज होने पर डीएम के सामने महिलाएं फूट-फूटकर रोने लगी और अपने घरों का हाल बताने लगी. जिस पर डीएम विनोद गोस्वामी ने कुमाऊंनी भाषा में संवाद करते हुए पूरी मदद का आश्वासन दिया.

खड़िया खान को बंद करने के निर्देश: ग्रामीणों द्वारा खड़िया खनन को लेकर की गई शिकायत पर डीएम ने संज्ञान लेते हुए अग्रिम आदेशों तक खड़िया खनन बंद करने के निर्देश दिए.

प्रभावितों को मिलेगा उचित मुआवजा: विधायक फकीर राम टम्टा ने एक बयान जारी किया है, जिसमें उन्होंने कहा कि अधिकारियों को मुआवजा और प्रभावितों को विस्थापन सहित अन्य कार्रवाई करने के लिए निर्देश दिए गए हैं. सीएम पुष्कर धामी को आपदा प्रभावितों की परेशानी को बता दिया गया है, जिस पर सीएम ने हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया.

प्रभावित परिवार को मिले 20 लाख रुपए: पूर्व दर्जा राज्य मंत्री और वरिष्ट कांग्रेस नेता खजान गुड्डू ने मनगड़ गांव में आई आपदा को लेकर खड़िया खनन को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने सरकार से प्रभावित परिवार को 20 लाख रुपए का मुआवजा और मकान बनाकर देने की मांग की है. साथ ही कांग्रेस द्वारा भी आपदा प्रभाावितों को मदद करने की बात कही.

ग्रामीणों ने जागकर काटी रात: 6 मकान जमीदोंज होने के बाद पूरे गांव में भय का मौहाल था. गांव में चारों और अंधेरा था, जिससे ग्रामीणों ने जागकर रात काटी.

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