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मंदसौर की शिक्षिका को राष्ट्रपति दिल्ली बुला देंगी इनाम, लड़कियों के लिए किया कमाल का काम - Mandsaur Teacher President Medal

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 4, 2024, 1:04 PM IST

Updated : Sep 4, 2024, 1:24 PM IST

शिक्षण कार्य के अलावा सामाजिक चेतना और महिला विकास के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली मंदसौर की शिक्षिका डॉ.सुनीता गोधा का चयन राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए किया गया है. 'बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ' मुहिम में उन्होंने उल्लेखनीय काम किए हैं. इससे पहले डॉ.गोधा को राज्यपाल व डिप्टी सीएम भी सम्मानित कर चुके हैं.

Mandsaur Teacher Sunita Godha
समाजिक बुराइयों के खिलाफ चलाती हैं अभियान सुनीता गोधा (ETV BHARAT)

मंदसौर। शिक्षक दिवस पर 5 सितंबर को राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित होने वालों में मध्य प्रदेश से भी दो शिक्षकों का चयन हुआ है. इनमें से मंदसौर की शिक्षिका डॉ.सुनीता गोधा भी हैं. 26 साल पहले पिपलिया मंडी की ग्रामीण पाठशाला में शिक्षाकर्मी के तौर पर नियुक्त हुई डॉ. सुनीता गोधा वर्तमान में मंदसौर तहसील के ग्राम खजुरिया सारंग में एकीकृत पाठशाला की संकुल प्राचार्य हैं. शिक्षण कार्य के अलावा उन्होंने बालिका शिक्षा, शाला त्यागी, आत्मनिर्भर छात्र निर्माण के अलावा छात्रों के जीवन संवारने वाले कई काम किए हैं.

मंदसौर की शिक्षिका सुनीता गोधा को राष्ट्रपति पुरस्कार (ETV BHARAT)

लड़कियों को मुख्य धारा में लाने की मुहिम

डॉ. सुनीता गोधा सन् 1998 में जिले के पिपलिया मंडी के शासकीय कन्या माध्यमिक विद्यालय में बतौर शिक्षाकर्मी पदस्थ हुईं. वह लगातार 25 साल इस स्कूल में रहीं. पिपलिया मंडी एक उन्नत कस्बा होने के बाद भी स्कूल में छात्र संख्या काफी कम थी. इसके बाद डॉ. गोधा ने सबसे पहले गरीब तबके की युवतियों को शिक्षा के क्षेत्र से जोड़ने और उन्हें मुख्य धारा में लाने का काम किया. इस इलाके में उन्होंने पिछले 25 सालों के दौरान 1100 बालिकाओं को शिक्षा से जोड़कर प्राथमिक और उच्च शिक्षाएं दिलवाई. स्कूल में पढ़ाई के समय के बाद वे रोजाना व्यक्तिगत तौर पर उन शालात्यागी बच्चों के माता-पिता से जरूर मिलती रहीं, जो बच्चों को बीच में ही पढ़ाई छुड़वाकर मजदूरी पर लगा देते थे.

सामाजिक बुराइयों के खिलाफ चलाती हैं अभियान

डॉ.गोधा एक नाट्यकार भी हैं. वह स्कूल के छात्र-छात्राओं के साथ गांव-गांव जाकर नुक्कड़ नाटक के जरिए भी पालकों और छात्रों को शिक्षा से जोड़ने का काम करती रहीं. समाज सेवा और शिक्षा को अपना लक्ष्य बना चुकी डॉ. गोधा ने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, स्वच्छता अभियान, कन्या भ्रूण हत्या की रोकथाम के क्षेत्र में भी कई काम किए हैं. डॉ.सुनीता गोधा ने इतिहास में पीएचडी की है. इसके अलावा उन्होंने सामाजिक विज्ञान में भी एमए भी किया है. समाज की बुराइयों को मिटाने के साथ ही गोधा ने अब छात्रों को आत्मनिर्भर बनाने का बीड़ा उठाया है. वह प्रतिदिन सभी कक्षाओं में एक-एक विषय का अध्यापन भी करवाती हैं. इसी दौरान वे छात्र-छात्राओं को प्राथमिक चिकित्सा, करियर काउंसलिंग, पुरातत्व विज्ञान ,पर्यावरण संरक्षण, जल जीवन और डिजिटल इंडिया पर भी ज्ञान देती हैं.

कोरोना काल में भी समाजसेवा की

डॉ. गोधा की पाठशाला के प्राथमिक कक्षाओं के छात्रों को डिजिटल इंडिया और एआई तकनीक का भी ज्ञान है. उन्होंने कोरोना काल में बंद हुए स्कूलों के दौरान भी घर पर क्वॉरेंटाइन रहने के बजाय शासकीय और निजी चिकित्सालय में मरीज और परिजनों की काफी मदद की. इसीलिए उन्हें 2018 में राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने भी सर्वश्रेष्ठ शिक्षक और 2024 में उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने समाज सेवक, शिक्षिका के बतौर भी सम्मानित किया था.

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शालात्यागी छात्राओं को फिर स्कूल में दाखिल कराया

उनके स्कूल में वर्तमान में शालात्यागी दो छात्राएं और एक छात्र इस साल फिर से पढ़ाई के लिए आ रहे हैं. छात्र चंदूलाल नाथ योगी और अक्षरा परिहार ने बताया कि पारिवारिक समस्याओं के चलते उनके माता-पिता ने स्कूल छुड़वा दिया था. फिर प्राचार्य घर जाकर दोनों को स्कूल लाई और पालकों से बातचीत के बाद उन्हें पढ़ाई के लिए राजी कर लिया. उनकी पढ़ाई हुई सीमा घाटिया भी उनके स्कूल में शिक्षिका हैं. जबकि उनके पढ़ाए हुए कई छात्र छात्राएं वर्तमान पुलिस, शिक्षा और बैंकिंग के क्षेत्र में भी सर्विस कर रहे हैं.

मंदसौर। शिक्षक दिवस पर 5 सितंबर को राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित होने वालों में मध्य प्रदेश से भी दो शिक्षकों का चयन हुआ है. इनमें से मंदसौर की शिक्षिका डॉ.सुनीता गोधा भी हैं. 26 साल पहले पिपलिया मंडी की ग्रामीण पाठशाला में शिक्षाकर्मी के तौर पर नियुक्त हुई डॉ. सुनीता गोधा वर्तमान में मंदसौर तहसील के ग्राम खजुरिया सारंग में एकीकृत पाठशाला की संकुल प्राचार्य हैं. शिक्षण कार्य के अलावा उन्होंने बालिका शिक्षा, शाला त्यागी, आत्मनिर्भर छात्र निर्माण के अलावा छात्रों के जीवन संवारने वाले कई काम किए हैं.

मंदसौर की शिक्षिका सुनीता गोधा को राष्ट्रपति पुरस्कार (ETV BHARAT)

लड़कियों को मुख्य धारा में लाने की मुहिम

डॉ. सुनीता गोधा सन् 1998 में जिले के पिपलिया मंडी के शासकीय कन्या माध्यमिक विद्यालय में बतौर शिक्षाकर्मी पदस्थ हुईं. वह लगातार 25 साल इस स्कूल में रहीं. पिपलिया मंडी एक उन्नत कस्बा होने के बाद भी स्कूल में छात्र संख्या काफी कम थी. इसके बाद डॉ. गोधा ने सबसे पहले गरीब तबके की युवतियों को शिक्षा के क्षेत्र से जोड़ने और उन्हें मुख्य धारा में लाने का काम किया. इस इलाके में उन्होंने पिछले 25 सालों के दौरान 1100 बालिकाओं को शिक्षा से जोड़कर प्राथमिक और उच्च शिक्षाएं दिलवाई. स्कूल में पढ़ाई के समय के बाद वे रोजाना व्यक्तिगत तौर पर उन शालात्यागी बच्चों के माता-पिता से जरूर मिलती रहीं, जो बच्चों को बीच में ही पढ़ाई छुड़वाकर मजदूरी पर लगा देते थे.

सामाजिक बुराइयों के खिलाफ चलाती हैं अभियान

डॉ.गोधा एक नाट्यकार भी हैं. वह स्कूल के छात्र-छात्राओं के साथ गांव-गांव जाकर नुक्कड़ नाटक के जरिए भी पालकों और छात्रों को शिक्षा से जोड़ने का काम करती रहीं. समाज सेवा और शिक्षा को अपना लक्ष्य बना चुकी डॉ. गोधा ने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, स्वच्छता अभियान, कन्या भ्रूण हत्या की रोकथाम के क्षेत्र में भी कई काम किए हैं. डॉ.सुनीता गोधा ने इतिहास में पीएचडी की है. इसके अलावा उन्होंने सामाजिक विज्ञान में भी एमए भी किया है. समाज की बुराइयों को मिटाने के साथ ही गोधा ने अब छात्रों को आत्मनिर्भर बनाने का बीड़ा उठाया है. वह प्रतिदिन सभी कक्षाओं में एक-एक विषय का अध्यापन भी करवाती हैं. इसी दौरान वे छात्र-छात्राओं को प्राथमिक चिकित्सा, करियर काउंसलिंग, पुरातत्व विज्ञान ,पर्यावरण संरक्षण, जल जीवन और डिजिटल इंडिया पर भी ज्ञान देती हैं.

कोरोना काल में भी समाजसेवा की

डॉ. गोधा की पाठशाला के प्राथमिक कक्षाओं के छात्रों को डिजिटल इंडिया और एआई तकनीक का भी ज्ञान है. उन्होंने कोरोना काल में बंद हुए स्कूलों के दौरान भी घर पर क्वॉरेंटाइन रहने के बजाय शासकीय और निजी चिकित्सालय में मरीज और परिजनों की काफी मदद की. इसीलिए उन्हें 2018 में राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने भी सर्वश्रेष्ठ शिक्षक और 2024 में उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने समाज सेवक, शिक्षिका के बतौर भी सम्मानित किया था.

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शालात्यागी छात्राओं को फिर स्कूल में दाखिल कराया

उनके स्कूल में वर्तमान में शालात्यागी दो छात्राएं और एक छात्र इस साल फिर से पढ़ाई के लिए आ रहे हैं. छात्र चंदूलाल नाथ योगी और अक्षरा परिहार ने बताया कि पारिवारिक समस्याओं के चलते उनके माता-पिता ने स्कूल छुड़वा दिया था. फिर प्राचार्य घर जाकर दोनों को स्कूल लाई और पालकों से बातचीत के बाद उन्हें पढ़ाई के लिए राजी कर लिया. उनकी पढ़ाई हुई सीमा घाटिया भी उनके स्कूल में शिक्षिका हैं. जबकि उनके पढ़ाए हुए कई छात्र छात्राएं वर्तमान पुलिस, शिक्षा और बैंकिंग के क्षेत्र में भी सर्विस कर रहे हैं.

Last Updated : Sep 4, 2024, 1:24 PM IST
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