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मंदसौर सीट पर 74.50 फीसदी वोटिंग, दिलचस्प मुकाबले में सुधीर गुप्ता के सिर सजेगा ताज या दिलीप सिंह मारेंगे बाजी - MANDSAUR LOK SABHA VOTING 2024

13 मई को लोकसभा चुनाव के चौथे चरण के तहत मध्यप्रदेश की 8 लोकसभा सीटों पर मतदान हुआ. यहां 74.50 फीसदी वोटिंग हुई. 2019 में यहां 77.84 प्रतिशत मतदान हुआ था. बात करें मंदसौर लोकसभा सीट की तो भाजपा ने यहां से एक बार फिर वर्तमान सांसद सुधीर गुप्ता को टिकट दिया है, जबकि कांग्रेस ने दिलीप सिंह गुर्जर को चुनावी मैदान में उतारा है.

MANDSAUR LOK SABHA VOTING 2024
भाजपा का गढ़ मानी जाती है मंदसौर लोकसभा सीट (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 13, 2024, 7:19 AM IST

Updated : May 13, 2024, 9:18 PM IST

MANDSAUR LOK SABHA VOTING 2024
फाइनल वोटिंग परसेंटेज (ETV Bharat)

मंदसौर। लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में मध्यप्रदेश की 8 लोकसभा सीटों पर मतदान हुआ. इसी चरण में राजस्थान की सीमा से सटी मंदसौर लोकसभा सीट पर भी सोमवार को वोट डाले गए. यहां 74.50 फीसदी मतदान हुआ. मंदसौर सीट पर इस बार कांग्रेस और भाजपा में ही खास मुकाबला है. यहां से बीजेपी ने एक बार फिर वर्तमान सांसद सुधीर गुप्ता को मैदान में उतारा है. वहीं कांग्रेस ने दिलीप सिंह गुर्जर को टिकट दिया है.

कौन है भाजपा-कांग्रेस प्रत्याशी

भाजपा प्रत्याशी सुधीर गुप्ता इस दफा तीसरी बार चुनावी मैदान में है. वह पिछले चुनाव में 3,76,734 वोटों से जीतकर दूसरी बार सांसद बने थे. जनसंघ की नर्सरी मानी जाने वाली इस सीट पर भाजपा ने संघ के ही नेता सुधीर गुप्ता को चुनावी मैदान में खड़ा करते हुए एक बार फिर मौका दिया है. सुधीर गुप्ता जनसंघ के जमीनी नेता और अमित शाह के करीबी माने जाते हैं. सुधीर भाजपा जिला अध्यक्ष पद पर भी रह चुके हैं. जबकि कांग्रेस ने दिलीप सिंह गुर्जर को इस इलाके में उतारा है. मंदसौर लोकसभा सीट से सांसद का टिकट मिलने से पहले दिलीप खाचरोद नागदा विधानसभा क्षेत्र से 4 बार विधायक रह चुके हैं.

अब तक 5 बार कांग्रेस को मिला है मौका

दिलीप सिंह गुर्जर विधानसभा चुनाव में मंदसौर लोकसभा के प्रभारी भी रहे हैं. इसलिए पार्टी ने पुराने पैटर्न पर ही यह नया प्रयोग किया है, पिछले 17 चुनाव के इतिहास पर नजर डालें तो यहां 12 बार भगवा पार्टी के उम्मीदवार चुनकर संसद में भेजे गए हैं. जबकि कांग्रेस को केवल पांच बार ही मौका मिला है. 53 सालों के इतिहास में कांग्रेस ने यहां आठ बार नए चेहरे उतारे, जबकि भाजपा ने यहां हमेशा चुने हुए सांसदों या कद्दावर नेताओं को ही मौका दिया है. 2023 के विधानसभा चुनावों की बात करें तो भाजपा ने इस लोकसभा की 8 विधानसभाओं में से 7 पर जीत का परचम लहराया था. जबकि केवल 1 सीट पर ही कांग्रेस ने जीत हासिल की थी.

ये भी पढ़ें:

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मंदसौर में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए अनूठा पहल, आसमान में छोड़े गए हॉट बैलून

बीजेपी ने सन 1971 से 2009 तक 11 बार डॉ लक्ष्मी नारायण पांडे को चुनाव मैदान पर उतारा और वह 8 बार जीतकर सांसद भी बने. जबकि कांग्रेस ने यहां कई बार नए चेहरों को मैदान में उतारने का प्रयोग किया है. इस लोकसभा सीट पर इस बार 18 लाख 92 हजार 012 मतदाता हैं. इस लोकसभा सीट में आठ विधानसभा क्षेत्र हैं और इनमें चुनाव कराने के लिए जिला निर्वाचन विभाग ने 2156 पोलिंग बूथ बनाए. जिसमें मतदान करवाने के लिए 5204 मतदानकर्मी शामिल रहे. वहीं उन पर निगरानी के लिए 117 सेक्टर ऑफिसर और 309 माइक्रो आब्जर्वर तैनात रहे.

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फाइनल वोटिंग परसेंटेज (ETV Bharat)

मंदसौर। लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में मध्यप्रदेश की 8 लोकसभा सीटों पर मतदान हुआ. इसी चरण में राजस्थान की सीमा से सटी मंदसौर लोकसभा सीट पर भी सोमवार को वोट डाले गए. यहां 74.50 फीसदी मतदान हुआ. मंदसौर सीट पर इस बार कांग्रेस और भाजपा में ही खास मुकाबला है. यहां से बीजेपी ने एक बार फिर वर्तमान सांसद सुधीर गुप्ता को मैदान में उतारा है. वहीं कांग्रेस ने दिलीप सिंह गुर्जर को टिकट दिया है.

कौन है भाजपा-कांग्रेस प्रत्याशी

भाजपा प्रत्याशी सुधीर गुप्ता इस दफा तीसरी बार चुनावी मैदान में है. वह पिछले चुनाव में 3,76,734 वोटों से जीतकर दूसरी बार सांसद बने थे. जनसंघ की नर्सरी मानी जाने वाली इस सीट पर भाजपा ने संघ के ही नेता सुधीर गुप्ता को चुनावी मैदान में खड़ा करते हुए एक बार फिर मौका दिया है. सुधीर गुप्ता जनसंघ के जमीनी नेता और अमित शाह के करीबी माने जाते हैं. सुधीर भाजपा जिला अध्यक्ष पद पर भी रह चुके हैं. जबकि कांग्रेस ने दिलीप सिंह गुर्जर को इस इलाके में उतारा है. मंदसौर लोकसभा सीट से सांसद का टिकट मिलने से पहले दिलीप खाचरोद नागदा विधानसभा क्षेत्र से 4 बार विधायक रह चुके हैं.

अब तक 5 बार कांग्रेस को मिला है मौका

दिलीप सिंह गुर्जर विधानसभा चुनाव में मंदसौर लोकसभा के प्रभारी भी रहे हैं. इसलिए पार्टी ने पुराने पैटर्न पर ही यह नया प्रयोग किया है, पिछले 17 चुनाव के इतिहास पर नजर डालें तो यहां 12 बार भगवा पार्टी के उम्मीदवार चुनकर संसद में भेजे गए हैं. जबकि कांग्रेस को केवल पांच बार ही मौका मिला है. 53 सालों के इतिहास में कांग्रेस ने यहां आठ बार नए चेहरे उतारे, जबकि भाजपा ने यहां हमेशा चुने हुए सांसदों या कद्दावर नेताओं को ही मौका दिया है. 2023 के विधानसभा चुनावों की बात करें तो भाजपा ने इस लोकसभा की 8 विधानसभाओं में से 7 पर जीत का परचम लहराया था. जबकि केवल 1 सीट पर ही कांग्रेस ने जीत हासिल की थी.

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बीजेपी ने सन 1971 से 2009 तक 11 बार डॉ लक्ष्मी नारायण पांडे को चुनाव मैदान पर उतारा और वह 8 बार जीतकर सांसद भी बने. जबकि कांग्रेस ने यहां कई बार नए चेहरों को मैदान में उतारने का प्रयोग किया है. इस लोकसभा सीट पर इस बार 18 लाख 92 हजार 012 मतदाता हैं. इस लोकसभा सीट में आठ विधानसभा क्षेत्र हैं और इनमें चुनाव कराने के लिए जिला निर्वाचन विभाग ने 2156 पोलिंग बूथ बनाए. जिसमें मतदान करवाने के लिए 5204 मतदानकर्मी शामिल रहे. वहीं उन पर निगरानी के लिए 117 सेक्टर ऑफिसर और 309 माइक्रो आब्जर्वर तैनात रहे.

Last Updated : May 13, 2024, 9:18 PM IST
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