मंदसौर: मध्य प्रदेश की राज्य साइबर पुलिस ने गुरुवार को एक बड़े साइबर ठग गिरोह का भंडाफोड़ किया है. मंदसौर में डायमंड रिसर्च कंपनी नाम की एक फर्जी संस्था बनाई गई थी. इस संस्था के जरिए मोबाइल एप से ठगी करने वाला एक फर्जी कॉल सेंटर चलाया जा रहा था. साइबर सेल ने कार्रवाई करते हुए फर्जी कॉल सेंटर से 21 युवकों और युवतियों को गिरफ्तार किया है.
सिम कार्ड-माबाइलों की फोरेंसिक जांच
शामगढ़ की पंजाबी कॉलोनी में ये फर्जी कॉल सेंटर चलाया जा रहा था. राज्य साइबर पुलिस को जानकारी मिली थी कि फर्जी डायमंड रिसर्च कंपनी नाम पर एक कॉल सेंटर चलाया जा रहा है जहां 20 से 25 कर्मचारी कॉल सेंटर के जरिए लाखों रुपए की ठगी कर रहे हैं. इस पर संज्ञान लेते हुए राज्य साइबर पुलिस उज्जैन के साथ इंदौर-उज्जैन पुलिस ने एक साथ छापामारी की. कार्रवाई में 4 युवक और 17 युवतियों की गिरफ्तारी हुई है. साथ ही 30 सिम कार्ड, 20 एंड्रॉयड मोबाइल और 2 कीपैड मोबाइल जब्त किए गए हैं. जब्त सिम कार्ड और मोबाइल की फोरेंसिक जांच भी की जा रही है.
ठगी कर प्रतिदिन करोड़ों की कमाई
कथित तौर पर आरोपी लोगों को ALGO TRADING नाम की फर्जी कंपनी में 10 हजार रुपए निवेश करने पर प्रतिदिन के हिसाब से 5 से 7 प्रतिशत का मुनाफा देने का झांसा देते थे. निवेश की रकम को फर्जी बैंक खातों में ऑनलाइन ट्रांसफर करवाया जाता था. लंबे समय से संचालित इस कॉल सेंटर की ओर से बड़ी संख्या में लोगों को ठगने की आशंका जताई जा रही है, जिससे ठग हर दिन करोड़ों का खेल करते थे.
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जामताड़ा मॉडल होने की आशंका
राज्य साइबर पुलिस के एडीजी योगेश देशमुख ने कहा, " विभाग को मंदसौर के शामगढ़ में इस कॉल सेंटर के संचालित होने की सूचना मिली थी. सूचना के आधार पर यह कार्रवाई की गई है. पकड़े गए युवकों और युवतियों से कड़ी पूछताछ जारी है. इस मामले में जामताड़ा की तर्ज पर बड़ा खुलासा होने की भी संभावनाएं बताई जा रही है. ऐसे में अधिकारियों की टीम जब्त मोबाइलों की फोरेंसिक जांच करने के बाद और भी पहलुओं पर बारीकी से छानबीन करेगी."