मंडला। मंडला लोकसभा सीट से फग्गन सिंह कुलस्ते उम्मीदवार होंगे. भाजपा ने एक बार फग्गन सिंह कुलस्ते पर भरोसा जताया है. इसके साथ ही सबकी निगाह इस बात पर है कि फग्गन सिंह कुलस्ते के सामने कांग्रेस पार्टी किसे उतारती है. बता दें कि मध्य प्रदेश की मंडला सीटी आदिवासी उम्मीदवार के लिए सुरक्षित सीट है. लंबे समय से यह लोक सभा सीट भारतीय जनता पार्टी के पास है. लेकिन भगत सिंह कुलस्ते के घटते जन आधार को देखकर लगता है कि इस बार यहां पासा पलटेगा और कांग्रेस भी बड़ी उम्मीद से यहां पर तैयारी कर रही है. क्योंकि आठ विधानसभा में से पांच विधानसभा क्षेत्र 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के पक्ष में आए थे.
मंडला लोकसभा में मतदाताओं की संख्या
मंडला लोकसभा में 2024 के लिए तैयार मतदाता सूची में 6,53,733 पुरुष मतदाता हैं और 6,67,385 महिला मतदाता हैं. 15 अन्य भी मतदाता सूची में शामिल हैं और लोकसभा क्षेत्र अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित है. इस लोकसभा क्षेत्र का गठन 1957 में हुआ था. यह लोकसभा क्षेत्र डिंडोरी, मंडला, नरसिंहपुर और सिवनी जिलों से मिलकर बना हुआ है.
मंडला लोकसभा की वर्तमान राजनीतिक स्थिति
मंडला लोकसभा में डिंडोरी जिले की शाहपुरा और डिंडोरी विधानसभा सीट है. शाहपुरा विधानसभा क्षेत्र इस समय भारतीय जनता पार्टी के ओमप्रकाश धुर्वे के पास है. वहीं डिंडोरी विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के ओंकार सिंह मरकाम विधायक चुने गए. यह दोनों ही नेता पहले मध्य प्रदेश के मंत्री रह चुके हैं. मंडला लोकसभा क्षेत्र में मंडला जिले की तीन सीट विधानसभा सीट आती हैं. इनमें बिछिया जिस पर कांग्रेस का कब्जा है और नारायण सिंह पट्टा यहां विधायक है. निवास में चैन सिंह बरकडे भी कांग्रेस के विधायक हैं. केवल मंडला विधानसभा सीट पर संपत्तिया ऊईके भारतीय जनता पार्टी से जीतकर आई हैं.
संपत्तियां उईके मोहन कैबिनेट में मंत्री
संपत्तियां उईके को मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री भी बनाया गया है. वहीं सिवनी जिले की दो विधानसभा सीट केवलारी और लखनादौन भी इस लोकसभा का हिस्सा है और दोनों ही कांग्रेस के पास हैं. केवलारी से रजनीश सिंह विधायक हैं और लखनादौन से योगेंद्र सिंह बाबा विधायक हैं. नरसिंहपुर जिले की एकमात्र गोटेगांव सीट जो अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. वहां से महेंद्र नागेश भारतीय जनता पार्टी की ओर से विधायक हैं. इस तरह इस लोकसभा क्षेत्र में आठ विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं. इनमें से पांच पर कांग्रेस का कब्जा है और तीन भारतीय जनता पार्टी के पास हैं.
2023 का निवास विधानसभा का चुनाव परिणाम
यदि हम 2024 के लोकसभा चुनाव की बात कर रहे हैं तो इसमें 2023 के निवास विधानसभा चुनाव की चर्चा जरूरी है. क्योंकि 2023 विधानसभा चुनाव में मंडला लोकसभा से सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते को भारतीय जनता पार्टी ने निवास विधानसभा से विधानसभा का उम्मीदवार घोषित कर दिया था. इस रोचक मुकाबले में सांसद और केंद्र सरकार में इस्पात मंत्री होने के बाद भी फग्गन सिंह कुलस्ते कांग्रेस के उम्मीदवार चैन सिंह बरकडे से 9723 वोटों से चुनाव हार गए.
फगन सिंह कुलस्ते
मंडला लोकसभा में 1996 से 2019 तक सात बार लोकसभा के चुनाव हो चुके हैं. इनमें से छह बार फगगन सिंह कुलस्ते ही भारतीय जनता पार्टी की ओर से यहां लोकसभा सदस्य चुने जाते रहे हैं. केवल 2009 में कांग्रेस के बासोरी सिंह मरकाम ने फगन सिंह कुलस्ते को चुनाव में हरा दिया था और उसके बाद 2023 के विधानसभा चुनाव में फगगन सिंह कुलस्ते चुनाव हार गए. उनकी लंबी जीत की श्रृंखला को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी उन्हें प्रदेश का सबसे बड़ा आदिवासी नेता मानती है और यदि वे चुनाव जीत जाते तो मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री पद के दावेदार हो सकते थे लेकिन जनता ने उन्हें हरा दिया.
मंडला लोकसभा के मुद्दे
मंडला लोकसभा क्षेत्र चार अलग-अलग जिलों में है. हालांकि भौगोलिक दृष्टि से यह चारों इलाके लगभग एक से हैं. इन आठ विधानसभा क्षेत्र में से पांच विधानसभा क्षेत्र में अनुसूचित जनजाति के लोग रहते हैं. जिनमें सबसे बड़ी तादाद गोंड जनजाति की है. केवल तीन विधानसभा क्षेत्र जिनमें से केवलारी सामान्य जाति के लिए हैं. बाकी लखनादौन और गाडरवारा अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित हैं. मतलब स्पष्ट है कि इन विधानसभा क्षेत्र में आदिवासी और अनुसूचित जाति के लोग ज्यादा रहते हैं. इनमें से ज्यादातर लोगों की आय का साधन खेती है इसलिए खेती से जुड़ी हुई ज़रूरतें ही इस पूरे इलाके के मुद्दे हैं आदिवासियों का विकास आदिवासियों से जुड़ी हुई सरकारी योजनाएं और उनका क्रियान्वयन में यहां अक्सर चर्चा का विषय रहती हैं.
विरोध की राजनीति पर चुनाव लड़ेगी कांग्रेस
मंडला लोकसभा में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का भी असर देखने को मिल रहा है. भले ही यह पार्टी राजनीतिक रूप से इतनी सक्षम नहीं है कि नेताओं को राजनीतिक चुनौती दे सके, लेकिन आदिवासियों से जुड़े हुए मुद्दे खास तौर पर धार्मिक मुद्दों को मजबूती से खड़ा कर रही है और इसका नुकसान भारतीय जनता पार्टी की धर्म के आधार पर होने वाली राजनीति को हो रहा है. इसलिए भारतीय जनता पार्टी ने यहां पर धार्मिक मुद्दों की वजह है सरकार की योजनाओं को आधार बनाकर चुनाव लड़ने का विचार बनाया है. वहीं, कांग्रेस विरोध की राजनीति करके विधानसभा में जिस तरह से जीती है उसी के आधार पर चुनाव लड़ेगी.
कुलस्ते की घटती लोकप्रियता से कांटे का मुकाबला
मंडला विधानसभा में ज्यादातर आदिवासी और अनुसूचित जाति जनजाति के लोग रह रहे हैं और भारतीय जनता पार्टी ने जिस तरह से धर्म के आधार पर राजनीति शुरू की है, उसका बहुत असर इस लोकसभा क्षेत्र में देखने को नहीं मिल रहा है. क्योंकि आदिवासियों के बीच में धार्मिक मुद्दे काम नहीं कर रहे हैं, इसीलिए विधानसभा चुनाव में यहां भारतीय जनता पार्टी को अच्छे परिणाम नहीं मिले हैं. ऐसी स्थिति में लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को यहां से चुनाव निकालना सरल नहीं है. वहीं फग्गन सिंह कुलस्ते की घटती लोकप्रियता की वजह से भी यहां पर चुनाव कांटे का मुकाबला होगा.