मंडला : शहर में मेडिकल स्टोर संचालकों द्वारा एनजीटी के नियमों की धज्जियां उड़ाकर एक्सपायरी दवाएं, मेडिकल वेस्ट खुले मे नेशनल हाईवे पर फेंका जा रहा है. यहां इस मेडिकल वेस्ट को जलाया भी जाता है. टेबलेट, इंजेक्शन, सिरप, पाउडर के साथ अन्य प्रकार की दवाएं रोड किनारे जलाई जा रही हैं. नेशनल हाइवे के किनारे जगह-जगह जली और अधजली दवाओं के अवशेष फैले हैं.
अधजली दवाएं नेशनल हाइवे पर फैल रही
मंडला शहर के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में मेडिकल स्टोर संचालकों की मनमानी पर किसी का नियंत्रण नहीं है. बड़ी मात्रा में रोड किनारे एक्सपायरी दवाएं जलाने से मवेशियों की जान पर खतरा है. रायपुर-जबलपुर रोड NH-30 के किनारे खुले में एक्सपायरी दवाएं नष्ट की जा रही हैं. सड़क किनारे बदबू फैलने से किसान परेशान हैं, जिनके खेत आसपास लगे हैं. अधजली दवाओं में पैकेट, बोतल और पाउडर आदि हैं.
प्रदूषण फैलने के साथ ही मवेशियों को खतरा
बता दें कि एक्सपायरी दवाओं को नष्ट करने के नियम हैं लेकिन लापरवाही जारी है. एक्सपायरी दवाएं खुले में जलाने से प्रदूषण फैलता है. साथ ही बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. इससे वातावरण के साथ ही भूमिजल भी प्रभावित होता है. इससे लोगों को सांस लेने के साथ अस्थमा व अन्य बीमारियों का खतरा बना रहता है. ऐसी जगहों के आसपास बोरिंग व पानी की उपलब्धता में केमिकल मिल सकता है. इसके अलावा इन जगहों पर घास व दवा खाने से मवेशियों की जान पर भी खतरा है.
- एमपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की बड़ी कार्रवाई, बंद होंगे ग्वालियर अंचल के 43 अस्पताल
- मेडिकल वेस्ट को लेकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सख्त, अंचल के 11 अस्पताल बंद करने के निर्देश, 35 को नोटिस
गहरे गड्ढे खोदकर नष्ट करने का है नियम
इस मामले में ड्रग इस्पेक्टर वैष्णवी तलबारे का कहना है "एक्सपायरी दवाओं को खुले में फेंका जाता है तो मामले की जांच कराई जाएगी." इस मामले में सीएमएचओ केसी सरोते का कहना है "दवा विक्रेताओं को जमीन में गहरा गड्ढा खोदकर एक्सपायरी दवाएं मिट्टी में दफनानी चाहिए. इस प्रकार के सरकार के निर्देश है और नियम भी हैं. बॉयो मेडिकल वेस्ट इस प्रकार नष्ट करना आपत्तिजनक है. मामले की जांच कराई जाएगी."