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बादल फटने से टूटी गांव की सड़क, नहीं पहुंच पाई मशीनरी, भारी भरकम मलबे में फिर भी जारी रहा रेस्क्यू एंड सर्च ऑपरेशन - Rajban Search and Rescue Operation - RAJBAN SEARCH AND RESCUE OPERATION

Mandi Cloudburst, Rajban Disaster: मंडी जिले में प्रशासन और रेस्क्यू टीम ने आपदा के समय अदम्य साहस का परिचय दिया. पधर उपमंडल के रामबन गांव में बादल फटने के बाद तबाही का मंजर हर ओर नजर आ रहा था. गांव की सारी सड़कें टूट चुकी थीं. ऐसे में गांव में मशीनरी का आना संभव नहीं था. इसलिए रेस्क्यू टीम ने पारंपरिक औजारों से ही मलबे में लोगों की तलाश शुरू कर दी.

Rajban Disaster in Mandi
बादल फटने के बाद राजबन में तबाही का भयावह मंजर (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Aug 2, 2024, 8:41 AM IST

Updated : Aug 2, 2024, 9:03 AM IST

मंडी: आपदा के दौरान सबसे मुश्किल और चुनौतीपूर्ण काम तब हो जाता है जब बीना मशीनरी के भारी भरकम मलबे के बीच रेस्क्यू और सर्च आपरेशन चलाना पड़ता है, लेकिन हिम्मत और हौंसला साथ हो तो फिर ऐसी स्थिति में भी इंसान आगे बढ़ जाता है. कुछ ऐसी ही हिम्मत और हौंसले का परिचय दिया मंडी जिला प्रशासन, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और होमगार्ड सहित स्थानीय लोगों के प्रयासों ने.

डीसी मंडी ने खुद लीड की रेस्क्यू टीम

मंडी जिले के पधर उपमंडल के तहत आने वाली ग्राम पंचायत धमच्याण के रामबन गांव में बुधवार रात को बादल फटने के बाद जो तबाही मची उसे देखकर हर किसी का दिल सिहर उठा. रात करीब डेढ़ बजे प्रशासन को सूचना मिली और डीसी मंडी अपूर्व देवगन रात को ही अपनी टीम के साथ घटनास्थल के लिए रवाना हो गए. डीसी मंडी अपूर्व देवगन ने बताया कि मंडी से थलटूखोड़ तक रास्ते में जगह-जगह लैंडस्लाइड हुआ था और सड़क क्षतिग्रस्त थी. इन सभी बाधाओं से पार पाते हुए अपनी टीम को लेकर डीसी मंडी थलटूखोड़ गांव पहुंचे और यहां से शुरू की 5 किमी की वो पैदल यात्रा जहां लोग प्रशासन की मदद का इंतजार कर रहे थे.

Rajban Disaster in Mandi
राजबन में बिना मशीनरी के भी चलता रहा सर्च ऑपरेशन (ETV Bharat)

पारंपरिक औजारों से शुरू किया रेस्क्यू व सर्च ऑपरेशन

डीसी मंडी ने बताया कि गांव तक जाने वाली सड़क का नामों निशां ही नहीं बचा था, ऐसे में मशीनरी ले जाने का तो सवाल ही पैदा नहीं होता था. ढाई घंटों में पैदल यात्रा को पार करते हुए सुबह साढ़े 9 बजे डीसी मंडी अपनी टीम के साथ रामबन गांव पहुंचे और तुरंत प्रभाव से रेस्क्यू व सर्च ऑपरेशन को शुरू किया. पारंपरिक औजारों के साथ स्थानीय लोगों की मदद से दिन भर सर्च एंड रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रहा. भारी भरकम मलबे के बीच पारंपरिक औजारों से लापता लोगों की तलाश करना आसान काम नहीं था, लेकिन हिम्मत और हौंसले के साथ इस काम को किया गया. दिन भर की कड़ी मेहनत और मशक्कत के बाद शाम तक तीन शवों को निकाला जा सका. 2 घायलों को भी मलबे से बाहर निकाला गया. 7 लोग अभी भी मलबे में दबे हुए हैं.

पानी के तेज बहाव के साथ बहने का भी अनुमान

इस दौरान पधर की कार्यकारी एसडीएम भावना ने भी अपनी बेहतरीन भूमिका का निर्वहन किया और स्थानीय प्रशासनिक स्तर पर वो हर संभव कार्य करने का प्रयास किया, जिससे रेस्क्यू व सर्च ऑपरेशन को बल मिल सके. मौके पर गए लोगों ने बताया कि बादल फटने के बाद अब मंजर कुछ ऐसा है कि मलबे को पारंपरिक औजारों की मदद से हटा पाना संभव नहीं, बावजूद इसके प्रशासन की टीम यहां इस कार्य में लगी हुई है. ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि कुछ लोग पानी के तेज बहाव के साथ बह गए होंगे और उन्हें तलाश करना आसान काम नहीं है. बहुत अधिक समय तक लोगों की मदद से भी इस सर्च ऑपरेशन को चला पाना संभव नहीं है. ऐसे में देखना होगा कि प्रशासन की आगामी रणनीति क्या रहती है, क्योंकि रिश्तेदार और परिजन 7 लोगों के मिलने के इंतजार में हर गतिविधि पर नजरें टिकाए बैठे हैं.

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डीसी मंडी ने खुद लीड की रेस्क्यू टीम

मंडी जिले के पधर उपमंडल के तहत आने वाली ग्राम पंचायत धमच्याण के रामबन गांव में बुधवार रात को बादल फटने के बाद जो तबाही मची उसे देखकर हर किसी का दिल सिहर उठा. रात करीब डेढ़ बजे प्रशासन को सूचना मिली और डीसी मंडी अपूर्व देवगन रात को ही अपनी टीम के साथ घटनास्थल के लिए रवाना हो गए. डीसी मंडी अपूर्व देवगन ने बताया कि मंडी से थलटूखोड़ तक रास्ते में जगह-जगह लैंडस्लाइड हुआ था और सड़क क्षतिग्रस्त थी. इन सभी बाधाओं से पार पाते हुए अपनी टीम को लेकर डीसी मंडी थलटूखोड़ गांव पहुंचे और यहां से शुरू की 5 किमी की वो पैदल यात्रा जहां लोग प्रशासन की मदद का इंतजार कर रहे थे.

Rajban Disaster in Mandi
राजबन में बिना मशीनरी के भी चलता रहा सर्च ऑपरेशन (ETV Bharat)

पारंपरिक औजारों से शुरू किया रेस्क्यू व सर्च ऑपरेशन

डीसी मंडी ने बताया कि गांव तक जाने वाली सड़क का नामों निशां ही नहीं बचा था, ऐसे में मशीनरी ले जाने का तो सवाल ही पैदा नहीं होता था. ढाई घंटों में पैदल यात्रा को पार करते हुए सुबह साढ़े 9 बजे डीसी मंडी अपनी टीम के साथ रामबन गांव पहुंचे और तुरंत प्रभाव से रेस्क्यू व सर्च ऑपरेशन को शुरू किया. पारंपरिक औजारों के साथ स्थानीय लोगों की मदद से दिन भर सर्च एंड रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रहा. भारी भरकम मलबे के बीच पारंपरिक औजारों से लापता लोगों की तलाश करना आसान काम नहीं था, लेकिन हिम्मत और हौंसले के साथ इस काम को किया गया. दिन भर की कड़ी मेहनत और मशक्कत के बाद शाम तक तीन शवों को निकाला जा सका. 2 घायलों को भी मलबे से बाहर निकाला गया. 7 लोग अभी भी मलबे में दबे हुए हैं.

पानी के तेज बहाव के साथ बहने का भी अनुमान

इस दौरान पधर की कार्यकारी एसडीएम भावना ने भी अपनी बेहतरीन भूमिका का निर्वहन किया और स्थानीय प्रशासनिक स्तर पर वो हर संभव कार्य करने का प्रयास किया, जिससे रेस्क्यू व सर्च ऑपरेशन को बल मिल सके. मौके पर गए लोगों ने बताया कि बादल फटने के बाद अब मंजर कुछ ऐसा है कि मलबे को पारंपरिक औजारों की मदद से हटा पाना संभव नहीं, बावजूद इसके प्रशासन की टीम यहां इस कार्य में लगी हुई है. ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि कुछ लोग पानी के तेज बहाव के साथ बह गए होंगे और उन्हें तलाश करना आसान काम नहीं है. बहुत अधिक समय तक लोगों की मदद से भी इस सर्च ऑपरेशन को चला पाना संभव नहीं है. ऐसे में देखना होगा कि प्रशासन की आगामी रणनीति क्या रहती है, क्योंकि रिश्तेदार और परिजन 7 लोगों के मिलने के इंतजार में हर गतिविधि पर नजरें टिकाए बैठे हैं.

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Last Updated : Aug 2, 2024, 9:03 AM IST
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