सरगुजा: अंधविश्वास जब इंसान के दिलो दिमाग पर हावी हो जाता है तो वो गलत फैसले कर बैठता है. सुरगुजा में कुछ ऐसा ही हुआ. 35 साल के शख्स ने पिता बनने की मन्नत पूरी करने के लिए जिंदा मुर्गा ही निगल लिया. परिवार वालों के मुताबिक मृतक कुछ दिनों से एक तांत्रिक के संपर्क में रहा. माना जा रहा है कि तांत्रिक के सलाह देने पर युवक ने इस तरह का आत्मघाती कदम उठाया. परिजनों को भी ये जानकारी नहीं थी कि उनके बेटे ने जिंदा मुर्गा निगल लिया जिससे उसकी मौत हो गई.
मन्नत के चक्कर में निगला जिंदा मुर्गा: परिजनों नेे बताया कि युवक घर में मौजूद था. आंगन में आने के दौरान चक्कर खाकर गिर पड़ा. परिजनों आनन फानन में युवक को लेकर अस्पताल पहुंचे. डॉक्टरों ने जांच के बाद बताया कि युवक की मौत हो चुकी है. युवक की मौत संदिग्ध परिस्थितियों में हुई थी लिहाजा डॉक्टरों ने पोस्टमार्टम करने का फैसला किया. फॉरेंसिंक टीम ने जब पोस्टमार्टम शुरु किया तो शरीर कि मुख्य अंगोंं में कहीं कोई दिक्कत नजर नहीं आई. डॉक्टर हैरान थे.
मेरी जिंदगी में ऐसा पहली बार हुआ है. मैं अबतक 15 हजार से ज्यादा पोस्टमार्टम कर चुका हूं. ये पहला ऐसा केस है जिसे देखकर मैं खुद हैरान हूं. - डॉ.संतू बाघ ,फोरेंसिक एक्सपर्ट
गले से निकला मुर्गा: डॉक्टरों को जब पोस्टमार्टम में कोई चीज नजर नहीं आई तब उन्होने मृतक के गले को ओपन किया. गला ओपन करते ही वहां पर एक मुर्गे का चूजा नजर आया. डॉक्टर गले में फंसे चूजे को देखकर हैरान रह गए. फॉरेंसिक टीम के डॉक्टर ने बताया कि चूजे को जिंदा निगला गया है. चूजा गले में जाकर स्वास और खाने की नली में यू शेप में फंस गया. दम घुटने से शख्स की मौत हुई है.
हम लोगों को कुछ भी जानकारी नहीं थी. बेटे ने कब चूजा लाया और कब निगला इस बात की कोई खबर नहीं लगी. - परिजन
दरिमा से बेहोशी की हालत में पहुंचा था मरीज: पूरी घटना अंबिकापुर के दरिमा थाना इलाके के छिंदकालो गांव की है. पुलिस के मुताबिक मृतक आनंद कुमार यादव को 14 दिसंबर के दिन बेहोशी की हालत में मेडिकल कॉलेज लाया गया. डॉक्टरों ने चेक करने के बाद बताया कि उसकी मौत हो चुकी है. डॉक्टरों का कहना है कि साबुत मुर्गा निगलने के चलते आनंद की मौत हुई है.
दरिमा से युवक को अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज लाया गया था. पोस्टमार्ट रिपोर्ट का हमें इंतजार है. डॉक्टरों के मुताबिक खाने और सांस लेने की नली में मुर्गा जाकर फंस गया जिससे मौत हो गई. - अमोलक सिंह ढिल्लो, एएसपी, सरगुजा
अंधविश्वास के चक्कर में गई जान: जानकारी के मुताबिक मृतक को बेटे की चाहत थी. इसी चक्कर में वो अंधविश्वास में फंस गया. किसी ने उसे बताया कि जिंदा मुर्गा निगल लेने से उसकी मनोकामना पूरी हो जाएगी. पुलिस प्रशासन और स्वंयसेवी संस्थाएं अक्सर लोगों को अंधविश्वास के चक्कर में नहीं पड़ने की सलाह देती है. बावजूद इसके लोग इस तरह अंधिविश्वास में पड़कर अपनी जिंदगी बर्बाद कर बैठते हैं.