राजनांदगांव : मोहला मानपुर अंबागढ़ चौकी जिले में नक्सली फंडिंग के मददगार विवेक सिंह पर हुई कार्रवाई को सर्व आदिवासी समाज ने राजनीति से प्रेरित माना है. साथ ही बीजेपी नेताओं की बयानबाजी को गलत बताया है. समाज का दावा है कि विवेक सिंह का परिवार 60 के दशक से मानपुर में बसा हुआ है.उनके सभी वर्गों से भाईचारे का संबंध है. उसे जबरदस्ती आदिवासी समाज का साथ देने के कारण प्रताड़ित किया जा रहा है.
गिरफ्तारी पर सर्व आदवासी समाज ने जताया विरोध: सर्व आदिवासी समाज मोहला मानपुर के अध्यक्ष गोविंद साहवालके, बाल सिंह आंचल, जशवंत घोडे़, उदय नेताम और अजीत सिंह ने बताया कि ''विवेक 2007 से रायपुर में रह रहा है. साल में 2 या 3 बार ही वह मोहला मानपुर परिवार से मिलने आता है''. सर्व आदवासी समाज का कहना है कि ''विवेक सिंह पर हुई कार्रवाई निराधार और बेबुनियाद है. विवेक सिंह पर हुई कार्रवाई के बाद बीजेपी के नेता राजनीति कर रहे हैं''.
"विवेक पर लगे आरोप झूठे" : आदिवासी समाज की मानें तो विवेक के पास कभी भी 12 ट्रक नहीं थे, वो सिर्फ एक ट्रक का मालिक है. सोशल मीडिया में बिना असलियत जाने मानपुर के आदिवासियों के बीच उसकी छवि को खराब किया गया है. इस दौरान बीजेपी महामंत्री के आरोपों पर भी सर्व आदिवासी समाज ने सवाल उठाए हैं. सर्व आदिवासी समाज ने कहा कि सूरजू टेकाम की यूएपीए के तहत दर्ज प्रकरण में विवेक का नाम सिर्फ इसलिए जोड़ा गया है क्योंकि उसने उसके लिए फ्लाइट का टिकट कटाया था.
'' टिकट के लिए बस्तर से कोई पैसा नहीं आया है. पैसा स्थानीय सरपंच पति ने दिया था.जो स्वयं उसके साथ दिल्ली गया था. विवेक और उसके परिवार का बिल्डिंग मटेरियल सप्लाई, आधार पेमेंट, बीमा एजेंसी सहित सीएससी केंद्र का काम है.'' गोविंद साहवालके, जिलाध्यक्ष सर्व आदिवासी समाज
बीजेपी ने आरोपों पर किया पलटवार : वहीं सर्व आदिवासी समाज के आरोपों को लेकर बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता रविंद्र सिंह ने कहा कि पूरी जांच के बाद ही कार्रवाई की गई है. अभी तो उसके पूरे एकाउंट की जांच हुई है. मॉरिशस के मुंबई शाखा में पैसे का ट्रांसफर हुआ है. उसी पैसे से सूरजू टेकाम के फ्लाइट की टिकट कराई गई. नक्सलियों से उगाही की गई थी. यह तो पुलिस जांच का विषय है.
'' हमारे 10 बीजेपी कार्यकर्ता को नक्सलियों ने मार दिया, तब तो कोई कुछ नहीं बोला, इनका कनेक्शन मिला है और ट्रांजैक्शन दिख रहा है .उसको भी ये लोग झुठलाएंगे क्या ?. यह नक्सलियों की तरह ही खुद का कानून बनना चाहते हैं. इनको संविधान पर भरोसा नहीं है. अभी तो पकड़ाए हैं और जांच चल रही है. जांच हो जाए दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा. इतनी जल्दी दबाव बनाने की क्या आवश्यकता है.''- रविंद्र सिंह, बीजेपी प्रवक्ता
आपको बता दें कि सर्व आदिवासी समाज ने जहां विवेक सिंह को निर्दोष बताया है. वहीं दूसरी ओर बीजेपी का कहना है कि पुलिस की शुरुआती जांच में ही स्पष्ट हो गया है कि कौन किसकी मदद कर रहा था, इसलिए कार्रवाई हुई है. फिलहाल जांच चल रही है आने वाले दिनों में इस पर से भी पर्दा उठ जाएगा.
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