नई दिल्ली: दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित दलित ओबीसी, माइनॉरिटी और आदिवासी (डोमा) परिसंघ की रैली में देश के अलग-अलग राज्यों से शामिल होने के लिए लोग पहुंचे. बिहार, कर्नाटक, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों से भी बड़ी संख्या में लोग रैली में पहुंचे. मुख्य अतिथि के तौर पर रैली को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने संबोधित किया.
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि भाजपा लोगों के वोट चुराती है. विधायक चुराती है और सरकारों को भी चुराती है. सबने देखा है किस तरीके से महाराष्ट्र, हरियाणा, कर्नाटक, मणिपुर, उत्तराखंड में भाजपा ने विधायकों को और सरकारों को चुराने का काम किया. यहां तक कि भाजपा लोगों की पेंशन को भी चुराती है. किसानों को एमएसपी देना तो दूर बॉर्डर पर बैठे किसानों को डंडे मारकर कुचल कर भगा दिया.
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि अब समय आ गया है कि अपने अधिकार और अपने हक के लिए सबको मिलकर लड़ना होगा. अगर मिलकर नहीं लड़ेंगे तो हमारे अधिकार नहीं मिलेंगे. उन्होंने कहा कि जब हम जातीय जनगणना की बात करते हैं तो भाजपा कहती है कि देश को तोड़ने का काम कर रहे हैं. जब राहुल गांधी कहते हैं कि जाति जनगणना होगी तभी लोगों की स्थिति का पता चलेगा. उनके पास कितनी जमीन है क्या आर्थिक स्थिति है. तभी हम उनके लिए काम कर पाएंगे. लेकिन बीजेपी के लोग जातीय जनगणना कराना नहीं चाहते.
मस्जिदों का सर्वे को लेकर भाजपा को घेरा: मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि बाबा साहब अंबेडकर ने ही हम सबको मताधिकार का राइट दिया, जिसके बल पर हम सभी पदों पर अपना प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. लेकिन, भाजपा की सरकार ने नया काम शुरु किया है. जगह-जगह मस्जिदों का सर्वे करा रहे हैं. लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि ऐसे कितनी मस्जिद को तोड़ोगे. जब 1991 के एक्ट में सभी मस्जिदों को संसद ने स्वीकार कर लिया तो अब सर्वे की क्या जरूरत है.
खड़गे ने कहा कि आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत खुद कहते हैं कि राम मंदिर बनाना हमारा लक्ष्य था लेकिन, हर मस्जिद के नीचे शिवालय ढूंढना हमारा काम नहीं है. लेकिन भाजपा उनकी भी बात नहीं मान रही है, जिस संगठन की वजह से भाजपा सत्ता में आती है. चुनाव जीतती है मैं कहना चाहता हूं कम से कम उनकी बात तो सुननी चाहिए.
खुद को 12 लिंगों में से एक बताकर खड़गे ने ली चुटकी: अपने भाषण के दौरान मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मैं हिंदू हूं. हिंदू हूं इसलिए सेक्युलर नहीं हो सकता यह गलत है. मैं हिंदू हूं और मेरे बाप ने मेरा ऐसा नाम रखा कि मैं खुद शिव जी के 12 ज्योतिर्लिंग में से एक लिंग मल्लिकार्जुन हूं. जैसा कि मेरा नाम है. भाजपा लोगों को बांटने का काम करती है. हम सबको मिलकर संविधान बचाने, वक्फ बोर्ड बचाने, जाति जनगणना कराने एवं आरक्षण की सीमा बढ़ाकर 50% से ज्यादा करने के लिए मिलकर लड़ना होगा. जब तक हमारे पास पॉलिटिकल पावर नहीं होगी तब तक हम इनमें से कोई काम नहीं कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि ईवीएम से चुनाव बंद होना चाहिए और बैलेट पेपर से चुनाव कराने चाहिए.
चुनाव हारे या जीतें हमें ईवीएम मंजूर नहीं: डोमा परिसंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कांग्रेस नेता व रैली के आयोजक डॉक्टर उदित राज ने कहा कि चाहे हम चुनाव हारें या जीतें हमें ईवीएम मंजूर नहीं है. उदित राज ने कहा कि इंडिया गठबंधन के नेता अखिलेश यादव और हमारे नेता राहुल गांधी कह चुके हैं अब देश में चुनाव बैलेट पेपर से होना चाहिए. संविधान खतरे में है. इसलिए रैली करने की जरूरत पड़ी है. सिविल सोसायटी के माध्यम से अब ईवीएम के खिलाफ एक आंदोलन खड़ा करेंगे. प्रशासनिक सेवा में लेटरल एंट्री के माध्यम से ओबीसी, दलित, अल्पसंख्यक और आदिवासियों का आरक्षण छीना जा रहा है. भाजपा की सरकार जाति जनगणना नहीं करा कर दलितों, ओबीसी, आदिवासी लोगों की आर्थिक स्थिति का पता नहीं लगाने देना चाहती है. आरक्षण की सीमा जब 50% से ज्यादा होगी, तभी हमारे ओबीसी, आदिवासी समाज के लोगों को उनका हक मिलेगा.
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