बलिया: यूपी के बलिया के सिकंदरपुर थाना में उस समय बवाल मच गया जब इलाके के खरीद दरौली नदी किनारे एक दलित युवक का नर कंकाल मिला. बताया जा रहा है कि, भाटी गांव के गायब युवक नवीन का 34 दिन बाद कपड़ा,आधार कार्ड, चप्पल नदी किनारे मिलने के बाद सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण थाने पर हंगामा करना शुरू कर दिया. भीम आर्मी के पदाधिकारी, परिजन और ग्रामीणों का आरोप था कि, पुलिस की लापरवाही से युवक की जान चली गई. यदि पुलिस तत्परता से कार्रवाई की होती तो उसकी जान बच सकती थी.
दरअसल थाना क्षेत्र के भाटी गांव निवासी नवीन कुमार पुत्र राम रतन राम को 30 जून की शाम गांव के ही बृजेश राय अपने साथ बाइक से सिकंदरपुर लेकर गया था. लेकिन नवीन देर रात तक घर नहीं पहुंचा तो उसके परिजन बृजेश राय के घर पहुंचे. वहां पता चला कि बृजेश भी घर नहीं आया है. दो दिनों तक नवीन के परिजन उसकी तलाश करते रहे जब उसका कोई सुराग नहीं मिला तो 3 अगस्त को नवीन के पिता राम रतन राम की ओर से सिकंदरपुर पुलिस को चार लोगों के विरुद्ध नामजद तहरीर दिया गया.
नवीन के पिता ने अपने दिए तहरीर में आरोप लगाया था कि, मेरा पुत्र नवीन गांव के ही बृजेश राय के साथ ठेकेदारी का काम करता था. पैसे को लेकर नवीन और बृजेश में कुछ विवाद चल रहा था. बृजेश नवीन को बाइक से सिकंदरपुर घूमाने की बात कहकर ले गया था. आशंका है कि, वह उसका अपहरण कर उसके साथ अप्रिय घटना कर सकता है. पुलिस ने तहरीर पर गुमशुदगी दर्ज कर लिया और परिजनों को आश्वासन दिया गया कि जल्द ही पता लगा लिया जाएगा. लेकिन परिजन रोज थाने का चक्कर लगाते रह गए.
शनिवार को सिकंदरपुर में संपूर्ण समाधान दिवस लगा था जिसमें जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक मौजूद थे. वहां नवीन के पिता जब अपने दामाद के साथ प्रार्थना पत्र लेकर पुलिस अधीक्षक और जिलाधिकारी को देने पहुंचे तो थानाध्यक्ष की ओर से यह कहा गया कि 2 बजे तक का समय दीजिए हम पता कर लेंगे. लेकिन तभी सूचना मिली कि एक युवक का कंकाल कपड़ा और आधार कार्ड चप्पल खरीद दरौली नदी किनारे पड़ा हुआ है. इसके बाद नवीन के पिता और गांव के प्रधान विनोद कुमार वर्मा आधा दर्जन लोगों के साथ जब वहां पहुंचे तो नवीन का कपड़ा आधार कार्ड और चप्पल पड़ा हुआ था.
नदी में मिले सारा सामान को लेकर परिजन सिकंदरपुर थाने पहुंच गए. यह सूचना आग की तरह पूरे इलाके में फैल गई. देखते ही देखते सैकड़ो की संख्या में लोग थाने पहुंच गए और पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया. थानाध्यक्ष, दरोगा, सिपाही को निलंबित करने के साथ दोषी पुलिस कर्मियों पर एफआईआर दर्ज करने की मांग करने लगे.
जैसे ही इसकी जानकारी आला अधिकारी को मिली अपर पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार झा, क्षेत्रधिकारी सिकंदरपुर आशीष कुमार मिश्र सहित आधा दर्जन थाने की फोर्स और फोरेंसिक टीम पहुंच गई और मामले की छानबीन शुरू कर दिया. वहीं थाने परिसर में धंटों हंगामा होने के बावजूद भी अपर पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार झा ने ग्रामीणों को आश्वासन तक देना जरूरी नहीं समझा.