सरगुजा: सरगुजा जिले के दूरस्थ अंचल केदमा में इन दिनों मलेरिया पांव पसार रहा है. उदयपुर क्षेत्र के केदमा में स्वास्थ्य विभाग ने मलेरिया के 12 मरीजों की पहचान की है. सभी मरीजों का इलाज चल रहा है. फिलहाल सभी मरीज पूर्ण रूप से स्वस्थ बताए जा रहे हैं, लेकिन मलेरिया के प्रकरणों की पुष्टि ने स्वास्थ्य विभाग को चिंता में डाल दिया है.
मलेरिया मुक्त सरगुजा में मलेरिया: बारिश के मौसम में डायरिया के साथ ही मलेरिया के केस भी बढ़ जाते हैं. लिहाजा स्वास्थ्य विभाग गांव गांव में अभियान चलाकर डायरिया और मलेरिया की जांच कर रहा है. इसी दौरान सरगुजा जिले के उदयपुर विकासखंड में मलेरिया के प्रकरण मिले हैं. उदयपुर के केदमा क्षेत्र में मलेरिया के 12 मरीज मिले हैं.स्वास्थ्य विभाग की टीम इन मरीजों का उपचार कर रही है.
सरगुजा में स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ी: सरगुजा जिले में मिले मलेरिया के प्रकरणों ने स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी है. ऐसा इसलिए क्योंकि पिछले वर्षों में जिले को मलेरिया मुक्त घोषित किया गया और मलेरिया के प्रकरण नहीं मिल रहे थे लेकिन वर्तमान में शुरुआती दौर में ही एक दर्जन प्रकरण मिलना काफी गंभीर माना जा रहा है. फिलहाल सभी मरीजों का उपचार किया गया है और अब वे स्वस्थ हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग लगातार गांव गांव में अभियान चलाकर बुखार वाले मरीजों के स्लाइड बनाकर उनकी मलेरिया जांच करा रहा है.
सरगुजा में मलेरिया से बचाव के लिए जागरुकता अभियान: मलेरिया, डायरिया और दूसरी मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए गांव गांव में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. मलेरिया से बचाव के लिए लोगों को अपने आस पास के स्थल को साफ सुथरा रखने की सलाह दी जा रही है. गांव में गड्ढों को भरने के साथ ही जलजमाव की स्थिति को समाप्त कराया जा रहा है. एलएलआईएन मच्छरदानियां भी बांटी जा रही है. लोगों को रात में सोते समय मच्छरदानियों का उपयोग करने की सलाह दी जा रही है.
" मलेरिया एक गंभीर बीमारी है. इसे लेकर विशेष अभियान चलाया जा रहा है. मलेरिया के कारण तेजी से बुखार आने के साथ ही खून के कण टूटने लगते हैं और प्लेटलेट्स काउंट कम हो जाता है.'' डॉ. शैलेंद्र गुप्ता,नोडल अधिकारी,मलेरिया नियंत्रण कार्यक्रम
मलेरिया नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. शैलेंद्र गुप्ता का कहना है कि सरगुजा में जितने भी मरीज मिले हैं, उनका उपचार किया गया है. स्वास्थ्य केंद्रों में मलेरिया जांच की सुविधा उपलब्ध है. लक्षण नजर आने पर लोगों को तत्काल डॉक्टरों से मिलकर अपना इलाज कराना चाहिए.