धमतरी: शहर में रहने वाले मकेश्वर वार्ड के लोगों ने पट्टा नहीं मिलने पर अपने वार्ड के पार्षद के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया है. इस वार्ड के करीब 170 परिवार आवासीय पट्टा के लिए कई सालों से आंदोलन कर रहे हैं. इस वार्ड के लोगों ने विधायक से लेकर मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री तक को पत्र भेजकर अपनी मांग रखी है. उनकी मांगों को देखते हुए सरकार काफी पहले सर्वे का आदेश भी दे चुकी है. हालांकि आज भी ये लोग जिस जमीन पर काबिज हैं, वहां का पट्टा नहीं मिलने के कारण इसे अवैध कब्जा कहा जा रहा है. अवैध कब्जा होने के कारण इन्हें प्रधानमंत्री आवास जैसी योजनाओं का भी लाभ नहीं मिल पा रहा है. यही कारण है कि ये लोग कच्चे और टूटे-फूटे झोपड़ीनुमा मकान बनाकर रहने को मजबूर हैं.
बारिश में होती है परेशानी: दरअसल शुक्रवार को धमतरी शहर के मकेश्वर वार्ड के महिला पुरुष इकट्ठा हो गए. ये सभी पार्षद के खिलाफ मोर्चा खोल दिए. इस दौरान बुजुर्ग महिलाओं ने कहा कि, "पिछले कई सालों से यहां रह रहे हैं. हर साल बरसात के दिनों में हमें परेशानी होती है. अब फिर से बरसात आने वाली है, ऐसे में हम चाहते हैं कि इस समस्या को सरकार संज्ञान में ले और जल्द से जल्द हमें पट्टा दिया जाए. ताकि यह अपने कच्चे और टूटे-फूटे मकान को नया बना सकें. सरकार की योजनाओं का भी लाभ ले सकें." इन महिलाओं ने बताया कि इनके घर की दीवारें जर्जर हो गई है. मकान बनाने के लिए पट्टे की जरूरत है. पट्टा कब मिलेगा पता नहीं.
हर सम्भव प्रयास में जुटे हुए हैं. शासन प्रशासन के पास बार बार आवेदन निवेदन कर चुके हैं. धमतरी में 4 हजार परिवार आज भी पट्टे की वजह से घर बनाने से वंचित है. -प्रकाश सिन्हा, पार्षद, मकेश्वर वार्ड
बता दें कि वार्ड के लोग सालों से पट्टे का इंतजार कर रही है. बारिश में इनकी समस्या बढ़ जाती है. वहीं, इस पूरे मामले में वार्ड के पार्षद ने भी माना कि तमाम प्रयासों के बावजूद सरकार पट्टा नहीं दे रही है. सरकार को जनता की आवाज जरूर सुननी चाहिए.