प्रयागराज: राष्ट्रीय हरित अधिकरण नई दिल्ली ने जनवरी 2025 से प्रयागराज में शुरू होने वाले महाकुंभ मेले (Maha Kumbh Mela 2025) के दौरान गंगा-यमुना में स्नान योग्य जल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हाईपावर कमेटी गठित करने का आदेश दिया है. साथ ही कमेटी से दो माह में गंगा जल की गुणवत्ता पर रिपोर्ट मांगी है.
यह आदेश एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव, न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति अरुण कुमार त्यागी एवं विशेषज्ञ सदस्य डॉ. ए सैंथल की पीठ ने अधिवक्ता सौरभ तिवारी की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया. हाई पावर कमेटी में प्रदेश शासन के मुख्य सचिव अध्यक्ष और सचिव जलशक्ति मंत्रालय उप्र, सचिव एमओईएफ एवं सीसी, चेयरमैन सीपीसीबी, चेयरमैन उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सदस्य बनाए गए हैं.
अधिकरण ने कमेटी को महाकुंभ के दौरान गंगा जल की गुणवत्ता पर विचार करने का निर्देश दिया है. कहा कि गंदे नालों आदि का पानी बिना शोधित गंगा यमुना में न गिरने पाए. NGT ने सीपीसीबी को 10 स्थानों पर निरीक्षण कर प्रत्येक 15 दिन पर कमेटी को रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है. कमेटी को दो माह में अपनी रिपोर्ट अधिकरण के समक्ष पेश करने को कहा है.
अधिकरण ने कमेटी गठित करने से पहले संयुक्त समिति की 20 मई 2024 की रिपोर्ट पर विचार किया. इसके अनुसार प्रयागराज शहर के 44 नाले सीधे गंगा में जा रहे हैं. यहां कुल 81नाले हैं, जो 289.97 एमएलडी सीवेज उत्सर्जित कर रहे हैं. 10 एसटीपी भी चल रहे हैं, लेकिन उनकी शोधन क्षमता केवल 178.31 एमएलडी है. नतीजतन 73.80 एमएलडी गंदा पानी नदी में जा रहा है.
कोर्ट ने राज्य सरकार से समयबद्ध कार्ययोजना मांगी थी. डीएम प्रयागराज ने 19 सितंबर 2024 को रिपोर्ट प्रस्तुत कर कहा कि अब 39 नाले शोधित नहीं है. दो एसटीपी अगस्त 25 व फरवरी 26 तक चालू होंगे. एक और एसटीपी बनने में समय लगेगा. यह भी कहा कि कहा कि नाले बंद किए जाएंगे, लेकिन इनका सीवेज कहां जाएगा, इसकी जानकारी नहीं दी. अनुमान है कि कुंभ मेले में 25 करोड़ श्रद्धालु प्रयागराज आएंगे. इसलिए जल स्नान योग्य बनाया जाए और कमेटी इसके लिए गंभीर प्रयास करे.
पीडब्ल्यूडी कुंभ मेला को 25 हजार रुपये मुआवजा देने का निर्देश
प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को अधिग्रहण बगैर बाउंड्री वॉल गिराने के लिए पीडब्ल्यूडी कुंभ मेला प्रयागराज को 25 हजार रुपये बतौर मुआवजा याची को भुगतान करने का निर्देश दिया. यह आदेश न्यायमूर्ति एमके गुप्ता एवं न्यायमूर्ति मनीष कुमार निगम की खंडपीठ ने प्रयागराज की फूलपुर तहसील के कोटवा गांव निवासी अभिषेक उपाध्याय व दो अन्य की याचिका पर अधिवक्ता कुंजेश दुबे की दलीलें सुनकर दिया. अधिवक्ता का कहना है कि याची की जमीन का अधिग्रहण नहीं किया गया है. इसके बावजूद कुंभ मेले के लिए जमीन पर कब्जा कर लिया गया.
उसको मुआवजे का भुगतान नहीं किया जा रहा है. अधिशासी अभियंता कुंभ मेला ने बताया कि चार अगस्त 2022 के बैनामे के तहत याची का नाम प्लाट पर राजस्व रिकार्ड में दर्ज है. पुराना चक था. कुंभ के लिए सुंदरीकरण किया जा रहा है. यहां चकबंदी नहीं हुई है, इसलिए रिकॉर्ड पर कच्ची सड़क दर्ज नहीं है. यह भी कहा कि दस मीटर चौड़ी 50 साल पुरानी सड़क है, जिसका सुंदरीकरण किया जा रहा है.