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मैहर के किसान की बेटी ने फतह किया माउंट फ्रेंडशिप, 2 दिन में चोटी पर पहुंचकर फहराया तिरंगा - ANJANA CLIMBED MOUNT FRIENDSHIP

मैहर जिले के बेंदुरा कला गांव की एक लड़की ने हिमाचल के मनाली में फ्रेंडशिप चोटी पर तिरंगा फहराया है. लड़की का नाम अंजना है. उनके पिता किसान हैं. एक इतिहास बनाने के बाद जब अंजना सिंह गांव लौटी तो लोगों ने उसका फूल माला पहनाकर जोरदार स्वागत किया. अब उसका सपना माउंट एवरेस्ट को फतह करने का है.

ANJANA CLIMBED MOUNT FRIENDSHIP
अंजना सिंह ने माउंट फ्रेंडशिप चोटी पर फहराया तिरंगा (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 30, 2024, 8:04 AM IST

Updated : May 30, 2024, 9:11 AM IST

मैहर। कड़ी मेहनत, मजबूत इरादे और हौसला बुलंद हो तो हजार कठिनाइयों के बावजूद मंजिल सलाम करती है. ऐसी है मध्य प्रदेश के मैहर जिले के बेंदुरा कला गांव के एक छोटे से किसान की बेटी अंजना. जिसने हिमाचल के मनाली में फ्रेंडशिप चोटी पर तिरंगा फहराया है और अब उसका सपना माउंट एवरेस्ट को फतह करने का है. मनाली से वापस आने के बाद ग्रामीणों ने अंजना का जोरदार स्वागत किया.

मैहर की बेटी अंजना सिंह ने माउंट फ्रेंडशिप चोटी पर फहराया तिरंगा (Etv Bharat)

माउंट एवरेस्ट को फतह करने का है सपना

अमरपाटन तहसील के बेंदुरा कला गांव एक छोटे से किसान राजेश सिंह के घर जन्मी अंजना का बचपन से ही सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को फतह करने का सपना है. इसी सपने को पूरा करने के लिए अंजना ने हिमाचल के मनाली में फ्रेंडशिप चोटी पर तिरंगा फहराकर अपनी मंजिल की ओर एक और कदम बढ़ाया है. अंजना ने 20 मई को अपने पर्वतारोहियों के साथ सफर की शुरुआत की थी. इस दौरान अंजना सिंह ने दो दिनों में 15 हजार फीट ऊंची फ्रेंडशिप चोटी पर तिरंगा लहराया.

Anjana climbed Friendship peak
अंजना का स्वागत करते हुए लोग (Etv Bharat)

ताइक्वांडो में गोल्ड मेडलिस्ट भी हैं अंजना

हाड़ कंपाने वाली सर्दी और तेज चलती ठंडी हवाओं ने कई बार अंजना के रास्ते में बाधा बनने की कोशिश की, लेकिन अंजना के हौसले और जज्बे के आगे ठंड और बर्फीली हवाओं को भी रास्ता छोड़ना पड़ा. ताइक्वांडो में गोल्ड मेडलिस्ट पर्वतारोही अंजना ग्राम पंचायत की पंच भी है और एडवोकेट प्रैक्टिस के साथ-साथ उसका सपना माउंट एवरेस्ट को फतेह करना है. अंजना का कहना है कि ''4 एकड़ में खेती करने वाले पिता का सपना है कि बेटी माउंट एवरेस्ट की चोटी को फतह करे और मैं भी अपने पिता के सपनों को पूरा करने में लगी हुई हूं. मैंने बिना किसी कोर्स के अपनी मेहनत और लगन के सहारे फ्रेंडशिप चोटी पर तिरंगा फहराया है.'' घर की कमजोर आर्थिक हालत अंजना के रास्ते में बाधा बन रही है‌. इसके बावजूद उनके पिता बेटी के रास्ते में घर की कमजोर आर्थिक हालत को बाधा नहीं बनने देने की कोशिश में लगे हुए हैं.

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अंजना का कहना है कि माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराने के लिए 30 से 40 लाख रुपए खर्च आता है, लेकिन आर्थिक तंगी के चलते मैं अपना अभ्यास सुचारू रूप से नहीं चला पा रही हूं. अंजना ने प्रदेश सरकार से गुहार लगाई है कि जिस प्रकार हरियाणा सरकार ने ओलंपिक पदक जीतने पर खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाया है. इसी तरह सरकार को चोटिया फतेह करने वाले पर्वतारोहियों का भी हौसला बढ़ाना चाहिए ताकि देश व प्रदेश के पर्वतारोही विश्व में देश का नाम रोशन कर सकें.''

मैहर। कड़ी मेहनत, मजबूत इरादे और हौसला बुलंद हो तो हजार कठिनाइयों के बावजूद मंजिल सलाम करती है. ऐसी है मध्य प्रदेश के मैहर जिले के बेंदुरा कला गांव के एक छोटे से किसान की बेटी अंजना. जिसने हिमाचल के मनाली में फ्रेंडशिप चोटी पर तिरंगा फहराया है और अब उसका सपना माउंट एवरेस्ट को फतह करने का है. मनाली से वापस आने के बाद ग्रामीणों ने अंजना का जोरदार स्वागत किया.

मैहर की बेटी अंजना सिंह ने माउंट फ्रेंडशिप चोटी पर फहराया तिरंगा (Etv Bharat)

माउंट एवरेस्ट को फतह करने का है सपना

अमरपाटन तहसील के बेंदुरा कला गांव एक छोटे से किसान राजेश सिंह के घर जन्मी अंजना का बचपन से ही सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को फतह करने का सपना है. इसी सपने को पूरा करने के लिए अंजना ने हिमाचल के मनाली में फ्रेंडशिप चोटी पर तिरंगा फहराकर अपनी मंजिल की ओर एक और कदम बढ़ाया है. अंजना ने 20 मई को अपने पर्वतारोहियों के साथ सफर की शुरुआत की थी. इस दौरान अंजना सिंह ने दो दिनों में 15 हजार फीट ऊंची फ्रेंडशिप चोटी पर तिरंगा लहराया.

Anjana climbed Friendship peak
अंजना का स्वागत करते हुए लोग (Etv Bharat)

ताइक्वांडो में गोल्ड मेडलिस्ट भी हैं अंजना

हाड़ कंपाने वाली सर्दी और तेज चलती ठंडी हवाओं ने कई बार अंजना के रास्ते में बाधा बनने की कोशिश की, लेकिन अंजना के हौसले और जज्बे के आगे ठंड और बर्फीली हवाओं को भी रास्ता छोड़ना पड़ा. ताइक्वांडो में गोल्ड मेडलिस्ट पर्वतारोही अंजना ग्राम पंचायत की पंच भी है और एडवोकेट प्रैक्टिस के साथ-साथ उसका सपना माउंट एवरेस्ट को फतेह करना है. अंजना का कहना है कि ''4 एकड़ में खेती करने वाले पिता का सपना है कि बेटी माउंट एवरेस्ट की चोटी को फतह करे और मैं भी अपने पिता के सपनों को पूरा करने में लगी हुई हूं. मैंने बिना किसी कोर्स के अपनी मेहनत और लगन के सहारे फ्रेंडशिप चोटी पर तिरंगा फहराया है.'' घर की कमजोर आर्थिक हालत अंजना के रास्ते में बाधा बन रही है‌. इसके बावजूद उनके पिता बेटी के रास्ते में घर की कमजोर आर्थिक हालत को बाधा नहीं बनने देने की कोशिश में लगे हुए हैं.

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अंजना का कहना है कि माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराने के लिए 30 से 40 लाख रुपए खर्च आता है, लेकिन आर्थिक तंगी के चलते मैं अपना अभ्यास सुचारू रूप से नहीं चला पा रही हूं. अंजना ने प्रदेश सरकार से गुहार लगाई है कि जिस प्रकार हरियाणा सरकार ने ओलंपिक पदक जीतने पर खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाया है. इसी तरह सरकार को चोटिया फतेह करने वाले पर्वतारोहियों का भी हौसला बढ़ाना चाहिए ताकि देश व प्रदेश के पर्वतारोही विश्व में देश का नाम रोशन कर सकें.''

Last Updated : May 30, 2024, 9:11 AM IST
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