रायपुर : भारतीय जनता की सरकार बनने के बाद प्रदेश में महिलाओं के साथ हो रहे अपराध और चरमराई कानून व्यवस्था के विरोध में महिला कांग्रेस 10 सितंबर को प्रदर्शन करेगी. यह प्रदर्शन राजधानी के राजीव चौक से शुरू होगा. जिसमें प्रदेश भर की महिलाएं रैली निकालकर मुख्यमंत्री निवास का घेराव करेंगी. 9 महीने की बीजेपी सरकार में अब तक 600 से अधिक दुष्कर्म के मामले सामने आए हैं. ये जानकारी प्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद फूलो देवी नेताम ने दी है.
सड़क से सदन तक लड़ी जाएगी लड़ाई : महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद फूलो देवी नेताम ने कहा कि "महिलाओं के अधिकार के लिए महिलाओं की सुरक्षा के लिए महिला कांग्रेस सड़क से लेकर सदन तक लड़ाई लड़ेगी. 10 सितंबर को प्रदेश स्तर पर प्रदर्शन किया जाएगा. प्रदर्शन के बाद रैली निकालकर मुख्यमंत्री निवास का घेराव भी करेंगे. प्रदेश में लगातार हो रही बलात्कार की घटना बहुत ही दुखद घटना है और मैं पीड़ित परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करती हूं.''
'' कांग्रेस पार्टी पीड़ित परिवार के साथ है और न्याय के लिए हमेशा आवाज उठाते रहेंगे. प्रदेश में आए दिन हो रहे अत्याचार और गैंगरेप की घटनाए बढ़ती जा रही है. पुलिस प्रशासन मुकदर्शक बनी हुई है. चरमराई कानून व्यवस्था से महिला अपने आप को असुरक्षित और असहाय महसूस कर रही हैं. प्रदेश की महिलाएं डरी और सहमी हुई है.''- फूलो देवी नेताम, राज्यसभा सांसद
हर बड़े शहर में महिला असुरक्षित : फूलो देवी नेताम ने आरोप लगाए कि 9 महीने की बीजेपी सरकार में 600 से अधिक बलात्कार के मामले सामने आए हैं. प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ 3000 से ज्यादा अपराधी घटनाएं हुई हैं. सत्ता में बैठे लोग अपराधियों को संरक्षण दे रहे हैं. प्रदेश के कई जिले में लगातार महिलाओं के साथ दुष्कर्म की घटनाएं हो रही है. चाहे वह रायपुर हो भिलाई हो बस्तर हो जशपुर हो रायगढ़ हो अंबिकापुर हो इन जगहों पर लगातार महिलाओं के साथ अपराधिक घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है.
सामूहिक दुष्कर्म की घटना बदली : आज प्रदेश की बेटी और बहन बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं है. उनके साथ लगातार दुष्कर्म जैसी वारदात हो रही है. राजधानी के भाटागांव बस स्टैंड में एक 50 वर्षीय महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया जाता है. लेकिन घटना के दूसरे दिन अपराध दर्ज करते समय सामूहिक दुष्कर्म की घटना को केवल रेप की घटना बना दिया जाता है. थाने में अपराधियों की रिपोर्ट लिखी जाती है और पुलिस अपराधियों को सजा देने के बजाय उन्हें बचाने में लगी हुई है.