कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में आज धूमधाम से शिवरात्रि का महापर्व मनाया जा रहा है. प्रदेशभर के मंदिरों में सुबह से ही भगवान भोलेनाथ के दर्शन करने के लिए भक्त लंबी-लंबी लाइनों में लगे हुए हैं. जय-जय महादेव का उद्घोष हर ओर गुंजयमान है. वहीं, इस खास अवसर पर भक्तों द्वारा भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए विशेष रूप से पूजा-आराधना की जाती है. इसके अलावा देश भर के शिव मंदिरों में भक्तों द्वारा आज शिवलिंग पर अभिषेक भी किया जा रहा है. भगवान शिव के अभिषेक में विभिन्न प्रकार की वस्तुओं का उपयोग किया जाता है. सनातन धर्म में विभिन्न वस्तुओं से भगवान शिव के अभिषेक करने की महिमा का बखान किया गया है. विभिन्न प्रकार की वस्तुओं से अभिषेक करने पर विभिन्न प्रकार के फल भक्त को मिलते हैं.
किन चीजों से करें भगवान शिव का अभिषेक?
आचार्य विजय कुमार ने बताया कि अगर किसी इलाके में सूखा पड़ा हुआ हो, तो उस इलाके के लोग मिलकर भगवान शिव का अभिषेक जल से करें. इससे वर्षा होती है. इसके अलावा कोई व्यक्ति अगर असाध्य रोगों से पीड़ित है, तो उसे कुशोदक से भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए. भवन और वाहन के सुख के लिए दही से रुद्राभिषेक करें. माता लक्ष्मी की प्राप्ति के लिए गन्ने के रस से भगवान शिव का अभिषेक करें. धन की वृद्धि के लिए शहद व घी से अभिषेक करें और तीर्थ के जल से भगवान शिव का अभिषेक करने पर मोक्ष की प्राप्ति होती है. इत्र मिले जल से अभिषेक करने से बीमारी नष्ट होती है और पुत्र की प्राप्ति के लिए भक्त को दूध से भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए.
इन वस्तुओं से करें शिवलिंग का अभिषेक
इसके अलावा ज्वर की शांति के लिए ठंडा पानी या फिर गंगाजल से अभिषेक करना चाहिए और अपने वंश के विस्तार के लिए घी की धारा से भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए. शक्कर मिले दूध से अभिषेक करने पर बुद्धि की प्राप्ति होती है और सरसों के तेल से अभिषेक करने पर शत्रु का नाश होता है. इसके अलावा शहद के द्वारा अभिषेक करने से तपेदिक का रोग भी दूर होता है और अपने पापों को नष्ट करने के लिए भक्त शहद और घी से भगवान शिव का अभिषेक कर सकते हैं. आचार्य विजय कुमार ने बताया कि गाय के दूध और घी से शिवलिंग का अभिषेक करने से व्यक्ति को आरोग्यता मिलती है. वहीं, पुत्र की कामना करने वाले व्यक्ति को जल में शक्कर मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए.
(उपरोक्त दी गई जानकारी की धार्मिक व पौराणिक मान्यताओं और धर्मगुरुओं द्वारा दी गई है. ईटीवी भारत इसकी पुष्टि नहीं करता है.)