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56 बीघा में सजा महामाई कामाख्या का दरबार, जानें कितना अद्भुत है महायज्ञ

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 10, 2024, 10:08 PM IST

आगरा में 56 बीघा जमीन पर महामाई कामाख्या का दरबार सजाया गया है. महामाई कामाख्या देवी (Kamakhya Devi Mahayagya) का 11 दिवसीय अनुष्ठान सहस्त्र चंडी 107 कुण्डीय महायज्ञ शुरू हो गया है, जोकि 20 फरवरी तक चलेगा.

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आगरा: ताजनगरी में जेसीबी चौराहा, शास्त्रीपुरम के पास गांव सुनारी में 56 बीघा में महामाई कामाख्या का दरबार सजाया गया है. इसमें फूस, मिट्टी से 60 मूर्तियां और रैन बसेरा बनाए गए हैं. यहां पर 300 से अधिक साधु संत निवास करेंगे. अब शनिवार से गुप्त नवरात्रों में महामाई कामाख्या देवी का ग्यारह दिवसीय अनुष्ठान सहस्त्र चंडी 107 कुण्डीय महायज्ञ शुरू हो गया है. जो कि 20 फरवरी तक चलेगा.

बता दें कि आगरा में 4 माह पूर्व माता रानी और भैरव बाबा के ध्वज की स्थापना से महामाई कामाख्या के महायज्ञ की तैयारियां शुरू हुई थीं. इसके चलते 56 बीघा जमीन में महायज्ञ स्थल पर मिट्टी और धान की फूस से देवी देवताओं की 60 मूर्तियां बनाई और सजाई गई हैं. इसमें पंचमुखी मां कामाख्या की मूर्ति है. जिससे ऐसा लग रहा है, जैसे कामाख्या का मंदिर यहीं पर है. इसको लेकर 9 फरवरी को ढोल नगाड़ों के साथ कलश यात्रा निकली गई थी. जिसमें लगभग ढाई हजार महिलाएं शामिल हुईं थी.

24 घंटे चलेगा महायज्ञ: संतश्री कीर्तिनाथ महाराज ने बताया, कि देश के विभिन्न धार्मिक स्थलों के 300 संत और साधुओं के लिए रैन बसेरा तैयार किए गए हैं. एक प्रधान कुण्ड और 107 सह कुण्ड तैयार किए गए हैं. जहां पर 24 घंटे यज्ञ चलेगा. यज्ञस्थल पर बांस, फूस और मिट्टी से ईकोफ्रैंडली कुंड तैयार किए गए हैं.

इसे भी पढ़े-आगरा में यमुना किनारे ताजमहल के पीछे टेंट सिटी बनाने की जुगत में आगरा विकास प्राधिकरण, जानिए कैसी है तैयारी

सामूहिक विवाह समारोह भी होगा: मां कामाख्या आयोजन सेवा समिति महामंत्री अजय गोयल ने बताया, कि यज्ञ स्थल के एक बाग में झूले, धार्मिक सामग्री और खानपान के स्टॉल भी लगेंगे. इस महायज्ञ के लाखों लोग साक्षी बनेंगे. जिसमें देश भर के संतो का विराट सम्मेलन, सामूहिक विवाह समारोह, यज्ञोपवीत जनेऊ संस्कार समेत विभिन्न मांगलिक आयोजित किए गए जाएंगे.

रामकथ और श्रीराम लीला का मंचन: आयोजन समिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष मुरारी प्रसाद अग्रवाल ने बताया, कि प्रतिदिन सुबह 7 बजे से गौ पूजन और अभिषेक के साथ महायज्ञ का शुभारम्भ होगा. प्रतिदिन श्रीराम कथा का रसपान दोपहर 3 से 6 बजे तक कराया जाएगा. इसके साथ ही श्रीराम लीला का मंचन शाम 7 से रात 11:30 बजे तक होगा. शहरवासियों से अधिक से अधिक संख्या में महायज्ञ में शामिल होने की अपील की गई है.

ये होंगे मुख्य कार्यक्रम

10 फरवरीः 108 कुण्डीय महायज्ञ शुभारम्भ.

18 फरवरीः संतो का विराट सम्मेलन व कन्याओं का सामूहिक विवाह समारोह, यज्ञापवीत.

20 फरवरीः महायज्ञ पूर्णाहूति.

21 फरवरीः देवी देवताओं की मूर्तियों का विसर्जन दोपहर 12 बजे.

22 फरवरीः सम्मान समारोह.

यह भी पढ़े-विंध्यवासिनी मंदिर के किनारे गंगा घाटों का होगा कायाकल्प : 48 करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत, श्रद्धालुओं को मिलेगी सुविधा

आगरा: ताजनगरी में जेसीबी चौराहा, शास्त्रीपुरम के पास गांव सुनारी में 56 बीघा में महामाई कामाख्या का दरबार सजाया गया है. इसमें फूस, मिट्टी से 60 मूर्तियां और रैन बसेरा बनाए गए हैं. यहां पर 300 से अधिक साधु संत निवास करेंगे. अब शनिवार से गुप्त नवरात्रों में महामाई कामाख्या देवी का ग्यारह दिवसीय अनुष्ठान सहस्त्र चंडी 107 कुण्डीय महायज्ञ शुरू हो गया है. जो कि 20 फरवरी तक चलेगा.

बता दें कि आगरा में 4 माह पूर्व माता रानी और भैरव बाबा के ध्वज की स्थापना से महामाई कामाख्या के महायज्ञ की तैयारियां शुरू हुई थीं. इसके चलते 56 बीघा जमीन में महायज्ञ स्थल पर मिट्टी और धान की फूस से देवी देवताओं की 60 मूर्तियां बनाई और सजाई गई हैं. इसमें पंचमुखी मां कामाख्या की मूर्ति है. जिससे ऐसा लग रहा है, जैसे कामाख्या का मंदिर यहीं पर है. इसको लेकर 9 फरवरी को ढोल नगाड़ों के साथ कलश यात्रा निकली गई थी. जिसमें लगभग ढाई हजार महिलाएं शामिल हुईं थी.

24 घंटे चलेगा महायज्ञ: संतश्री कीर्तिनाथ महाराज ने बताया, कि देश के विभिन्न धार्मिक स्थलों के 300 संत और साधुओं के लिए रैन बसेरा तैयार किए गए हैं. एक प्रधान कुण्ड और 107 सह कुण्ड तैयार किए गए हैं. जहां पर 24 घंटे यज्ञ चलेगा. यज्ञस्थल पर बांस, फूस और मिट्टी से ईकोफ्रैंडली कुंड तैयार किए गए हैं.

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सामूहिक विवाह समारोह भी होगा: मां कामाख्या आयोजन सेवा समिति महामंत्री अजय गोयल ने बताया, कि यज्ञ स्थल के एक बाग में झूले, धार्मिक सामग्री और खानपान के स्टॉल भी लगेंगे. इस महायज्ञ के लाखों लोग साक्षी बनेंगे. जिसमें देश भर के संतो का विराट सम्मेलन, सामूहिक विवाह समारोह, यज्ञोपवीत जनेऊ संस्कार समेत विभिन्न मांगलिक आयोजित किए गए जाएंगे.

रामकथ और श्रीराम लीला का मंचन: आयोजन समिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष मुरारी प्रसाद अग्रवाल ने बताया, कि प्रतिदिन सुबह 7 बजे से गौ पूजन और अभिषेक के साथ महायज्ञ का शुभारम्भ होगा. प्रतिदिन श्रीराम कथा का रसपान दोपहर 3 से 6 बजे तक कराया जाएगा. इसके साथ ही श्रीराम लीला का मंचन शाम 7 से रात 11:30 बजे तक होगा. शहरवासियों से अधिक से अधिक संख्या में महायज्ञ में शामिल होने की अपील की गई है.

ये होंगे मुख्य कार्यक्रम

10 फरवरीः 108 कुण्डीय महायज्ञ शुभारम्भ.

18 फरवरीः संतो का विराट सम्मेलन व कन्याओं का सामूहिक विवाह समारोह, यज्ञापवीत.

20 फरवरीः महायज्ञ पूर्णाहूति.

21 फरवरीः देवी देवताओं की मूर्तियों का विसर्जन दोपहर 12 बजे.

22 फरवरीः सम्मान समारोह.

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