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कुंभ के दौरान गंगा और यमुना की शुद्धता रहे बरकरार, NGT कोर्ट में आठ पॉइंट का जारी किया आदेश - MAHAKUMBH 2025

कोर्ट ने कहा हर सप्ताह हो अलग-अलग जगह पर पानी क्वॉलिटी की मॉनिटरिंग, एनजीटी को भी भेजी जाए रिपोर्ट.

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गंगा और यमुना की शुद्धता को लेकर NGT कोर्ट का बड़ा फैसला (photo credit; Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 16 hours ago

वाराणसी: कुंभ के दौरान गंगा और यमुना के पानी की शुद्धता बरकरा रखने के साथ ही पानी को पीने और नहाने योग्य बनाने के लिए वाराणसी के अधिवक्ता सौरभ तिवारी की याचिका पर सुनवाई करते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल यानी एनजीटी ने मंगलवार को अपना आदेश इस मामले में जारी कर दिया है. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल कोर्ट की तरफ से मंगलवार को हुई सुनवाई में कोर्ट ने 8 बिंदुओं पर कहा कि कुंभ के दौरान गंगा और यमुना का पानी साफ सुथरा पीने और नहाने योग्य होना चाहिए. इसके लिए जो बिंदु निर्धारित किए गए हैं, उस पर सरकार को तत्काल एक्शन लेने और कुंभ के दौरान इसका पालन करने का आदेश भी कोर्ट ने दिया है.

इस बारे में याचिकाकर्ता सौरभ तिवारी ने बताया कि एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव और एक्सपर्ट मेंबर ए सैंथिलवेल की अदालत कुंभ के दौरान गंगा और यमुना की स्थिति पर सुनवाई करते हुए अपना आदेश जारी किया है. उन्होंने बताया कि इस बारे में कोर्ट ने स्पष्ट तौर पर 8 पॉइंट पर अपना आदेश जारी किया है. यह मेरी याचिका और अन्य याचिकाकर्ता कि याचिका पर जॉइंट आदेश जारी किया गया है. यह आदेश 30 पन्नों का है.

अधिवक्ता सौरभ तिवारी ने दी जानकारी (video credit; Etv Bharat)

इसे भी पढ़ें - महाकुंभ से पहले गंगा-युमना के जल की शुद्धता पर सुनवाई, NGT कोर्ट ने आदेश किया सुरक्षित - MAHAKUMBH 2025

ये हैं 8 पॉइंट का आदेश

  • अगर कोई भी श्रद्धालु नहाने के लिए आता है, क्योंकि 12 जनवरी से 26 फरवरी तक यह महाकुंभ चलेगा. 6 विशेष स्नान पड़ रहे हैं. इसलिए अगर कोई भी तीर्थ यात्री यहां पहुंचे तो उसका स्वास्थ्य किसी तरह से प्रभावित न हो यह आदेश कोर्ट ने सरकार को दिया है.
  • यहां जीरो डिस्चार्ज होना चाहिए, कहीं से भी कहीं भी गंगा और यमुना में सीधे सीवर डिस्चार्ज नहीं होना चाहिए.
  • यूपी पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड और सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड को ऑर्डर दिया गया है, कि कम से कम हफ्ते में दो बार आप सैंपल अलग-अलग जगह से वाटर कलेक्शन करेंगे और डुप्लीकेसी को अवॉइड करेंगे.
  • सैम्पलिंग के लिए कहा गया, कि की जो अलग-अलग पॉइंट है उनको बढ़ाते रहेंगे. साथ ही साथ पाक्षिक रिपोर्ट एनजीटी को भी भेजनी होगी.
  • रिपोर्ट पर एनजीटी यह निर्धारित करेगा, कि महाकुंभ के दौरान गंगा की स्थिति क्या है, ताकि एनालिसिस करके यह देखा जा सके की गंगा जल की शुद्धता की स्थिति क्या है? अगर जरा सा भी एनजीटी को लगेगा की स्थिति सही नहीं है, तो वह अपने स्तर पर इस पर कार्रवाई और एक्शन लेगा.
  • यूपी पीसीबी और सीपीसीटी को डायरेक्शन दिया गया है, कि वह उसको सारे रिपोर्ट जो भी होंगे उनको ऑनलाइन अपलोड अपने अपने वेबसाइट पर करना होगा.
  • पोस्ट मेला मैनेजमेंट जो भी एसटीपी से स्लज होंगे जो भी उनका एनवायरमेंटल नॉर्म्स के तहत डिस्पोजल हो.
  • फाइनली यूपीपीसीबी और सीपीसीबी को डायरेक्शन दिया गया है, कि वह 31 जनवरी 2025 और 28 फरवरी 2025 को कंप्लायंस का पूरा स्टेटस रिपोर्ट फाइल करेंगे. ताकि स्थिति स्पष्ट हो.

यह भी पढ़ें - प्रयागराज महाकुंभ; स्नान में नहीं आएगी दिक्कत, रिवर ट्रैफिक प्लान तैयार, गंगा-यमुना में चलेगी 4 हजार नाव - MAHA KUMBH RIVER TRAFFIC PLAN READY

वाराणसी: कुंभ के दौरान गंगा और यमुना के पानी की शुद्धता बरकरा रखने के साथ ही पानी को पीने और नहाने योग्य बनाने के लिए वाराणसी के अधिवक्ता सौरभ तिवारी की याचिका पर सुनवाई करते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल यानी एनजीटी ने मंगलवार को अपना आदेश इस मामले में जारी कर दिया है. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल कोर्ट की तरफ से मंगलवार को हुई सुनवाई में कोर्ट ने 8 बिंदुओं पर कहा कि कुंभ के दौरान गंगा और यमुना का पानी साफ सुथरा पीने और नहाने योग्य होना चाहिए. इसके लिए जो बिंदु निर्धारित किए गए हैं, उस पर सरकार को तत्काल एक्शन लेने और कुंभ के दौरान इसका पालन करने का आदेश भी कोर्ट ने दिया है.

इस बारे में याचिकाकर्ता सौरभ तिवारी ने बताया कि एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव और एक्सपर्ट मेंबर ए सैंथिलवेल की अदालत कुंभ के दौरान गंगा और यमुना की स्थिति पर सुनवाई करते हुए अपना आदेश जारी किया है. उन्होंने बताया कि इस बारे में कोर्ट ने स्पष्ट तौर पर 8 पॉइंट पर अपना आदेश जारी किया है. यह मेरी याचिका और अन्य याचिकाकर्ता कि याचिका पर जॉइंट आदेश जारी किया गया है. यह आदेश 30 पन्नों का है.

अधिवक्ता सौरभ तिवारी ने दी जानकारी (video credit; Etv Bharat)

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ये हैं 8 पॉइंट का आदेश

  • अगर कोई भी श्रद्धालु नहाने के लिए आता है, क्योंकि 12 जनवरी से 26 फरवरी तक यह महाकुंभ चलेगा. 6 विशेष स्नान पड़ रहे हैं. इसलिए अगर कोई भी तीर्थ यात्री यहां पहुंचे तो उसका स्वास्थ्य किसी तरह से प्रभावित न हो यह आदेश कोर्ट ने सरकार को दिया है.
  • यहां जीरो डिस्चार्ज होना चाहिए, कहीं से भी कहीं भी गंगा और यमुना में सीधे सीवर डिस्चार्ज नहीं होना चाहिए.
  • यूपी पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड और सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड को ऑर्डर दिया गया है, कि कम से कम हफ्ते में दो बार आप सैंपल अलग-अलग जगह से वाटर कलेक्शन करेंगे और डुप्लीकेसी को अवॉइड करेंगे.
  • सैम्पलिंग के लिए कहा गया, कि की जो अलग-अलग पॉइंट है उनको बढ़ाते रहेंगे. साथ ही साथ पाक्षिक रिपोर्ट एनजीटी को भी भेजनी होगी.
  • रिपोर्ट पर एनजीटी यह निर्धारित करेगा, कि महाकुंभ के दौरान गंगा की स्थिति क्या है, ताकि एनालिसिस करके यह देखा जा सके की गंगा जल की शुद्धता की स्थिति क्या है? अगर जरा सा भी एनजीटी को लगेगा की स्थिति सही नहीं है, तो वह अपने स्तर पर इस पर कार्रवाई और एक्शन लेगा.
  • यूपी पीसीबी और सीपीसीटी को डायरेक्शन दिया गया है, कि वह उसको सारे रिपोर्ट जो भी होंगे उनको ऑनलाइन अपलोड अपने अपने वेबसाइट पर करना होगा.
  • पोस्ट मेला मैनेजमेंट जो भी एसटीपी से स्लज होंगे जो भी उनका एनवायरमेंटल नॉर्म्स के तहत डिस्पोजल हो.
  • फाइनली यूपीपीसीबी और सीपीसीबी को डायरेक्शन दिया गया है, कि वह 31 जनवरी 2025 और 28 फरवरी 2025 को कंप्लायंस का पूरा स्टेटस रिपोर्ट फाइल करेंगे. ताकि स्थिति स्पष्ट हो.

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