प्रयागराज: महाकुंभ 2025 के लिए 13 अखाड़ों का नगर प्रवेश जारी है. गुरुवार को अटल अखाड़े का नगर प्रवेश हुआ. इसमें दूरदराज से आए साधु संतों ने शिरकत की. बाजे गाजे के साथ साधु संतों का श्रद्धालु रास्ते भर दर्शन करते रहे. यह प्रवेश शोभायात्रा गुरुवार को धूमधाम से निकाली गई.
सबसे आगे अखाड़ा के आराध्य भगवान गणेश की चांदी की पालकी चल रही थी. पीछे ध्वज- पताका, बैंडबाजा के साथ महात्माओं का कारवां निकला तो उनके दर्शन के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. मार्ग के दोनों ओर साधु-महात्माओं का लोगों ने फूलों से स्वागत कर उन्हें नमन किया. इसके बाद अटल अखाड़ा की नगर प्रवेश शोभायात्रा छठ नाग स्थित पुलिस चौकी पहुंची. फिर नवनिर्मित अटल अखाड़े के भवन में शोभायात्रा ने प्रवेश किया. सर्वप्रथम भगवान गणेश को विराजमान किया गया. इसके बाद महात्मा कुंभ की तैयारी में जुट गए. इसके पहले मां अलोपशंकरी का दर्शन- पूजन कर महात्माओं ने कुंभ की सकुशल संपन्नता के लिए कामना की.
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अटल अखाड़ा की नगर प्रवेश शोभायात्रा निकल रही थी. शोभायात्रा की भव्यता और साधु-संतों का दर्शन करने के लिए लोगों में उत्सुकता बनी रही. विभिन्न मार्गों पर जगह-जगह शोभायात्रा का स्वागत किया गया. साधु और संतों को फूल-मालाओं के माध्यम से नमन किया गया. अखाड़ा साधु संतों ने कहा कि समय-समय पर जब देश की रक्षा के लिए जरूरत पड़ी है, तो साधु संत नागा संन्यासी ने मोर्चा लिया है. चाहे वह मुगलों से सामना करने की बात हो. चाहे धर्म की रक्षा की बात हो आज भी साधु सन्यासी अखाड़े अपने धर्म की रक्षा के लिए सदैव खड़े रहते हैं.
महाकुंभ में तीन अखाड़ों ने किया भूमि पूजन: 13 जनवरी 2025 से लगने वाले महाकुम्भ मेले की तैयारी शासन प्रशासन के साथ ही साधु संत और अखाड़े भी कर रहे हैं. इसी कड़ी में बैरागी परंपरा के तीनों अणी अखाड़ों ने गुरुवार को विधि विधान के साथ वैदिक मंत्रोच्चार के बीच भूमि पूजन किया. भूमि पूजन के इस कार्यक्रम में अणी अखाड़ों के साधु संतों के साथ ही दूसरे अखाड़ों के साधु संत भी शामिल थे. यही नहीं इसके साथ ही खाक चौक के अलावा अन्य साधु संत भी मौजूद थे. विधि विधान के साथ भूमि पूजन के साथ ही इन संतों ने यज्ञ करके महाकुंभ के सफल आयोजन के लिए मां गंगा से प्रार्थना भी की.
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