उज्जैन। 22 जुलाई से श्रावण मास शुरू हो रहा है. इस दौरान बड़ी संख्या में बाबा महाकाल के दर्शन को भक्त पहुचते हैं. इसी को देखते हुए सुरक्षा, सुविधा व व्यवस्थाओं को लेकर मंदिर समिति की बैठक हुई. इसमें कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए. फैसले के अनुसार गर्भगृह में प्रवेश नहीं मिलेगा. इसके साथ ही शनिवार, रविवार व सोमवार को श्रावण माह में ऑनलाइन भस्मार्ती बुकिंग नहीं हो सकेगी. श्री महाकालेश्वर की भस्म आरती का समय भी बदला जाएगा. 22 जुलाई से 2 सितम्बर तक अलसुबह पट खुलने का समय होगा 03 बजे व प्रत्येक सोमवार को अलसुबह 2.30 बजे.
भस्मारती के लिए ये है नई व्यवस्था
- भस्म आरती प्रतिदिन अलसुबह 3 से 5 बजे तक होगी. प्रत्येक सोमवार को अलसुबह 2.30 से 4.30 बजे तक होगी.
- सितंबर से पट खुलने का समय पूर्व की तरह ही रहेगा.
- श्रावण-भादौ मास में प्रचलित व्यवस्था के अनुसार अवंतिका द्वार से भस्म आरती में चलित दर्शन की व्यवस्था निर्धारित रहेगी.
- मीडिया प्रतिनिधि, पुजारी, पुरोहित गेट क्रमांक 4 से करेंगे प्रवेश.
- गर्भगृह में नहीं मिलेगा प्रवेश. शनिवार, रविवार व सोमवार को श्रावण माह में नहीं मिलेगी ऑनलाइन भस्मार्ती बुकिंग.
श्रावण मास में कावड़ यात्रियों के लिए दर्शन व्यवस्था
- कावड़ यात्रियों को पूर्व सूचना दिये जाने पर शनिवार, रविवार और सोमवार को छोड़कर गेट 4 से प्रवेश दिया जाएगा.
- कावड़ यात्री भगवान को जल जलपात्र के माध्यम से अर्पित कर पाएंगे. गर्भ गृह में प्रवेश नहीं मिलेगा.
- बिना सूचना दिए मंदिर कावड़ लेकर आने वाले यात्रियों को आम दर्शनार्थियों के साथ प्रवेश मिलेगा.
सामान्य श्रद्धालुओं के लिए दर्शन व्यवस्था व महाकाल सवारी रूट
- सामान्य दर्शन व्यवस्था के तहत भक्त श्रावण-भादौ मास में त्रिवेणी संग्रहालय के पास से और भारत माता मंदिर की ओर से आकर मानसरोवर द्वार से ही प्रवेश कर सकेंगे.
- पहली सवारी सोमवार 22 जुलाई, दूसरी सवारी सोमवार 29 जुलाई, तीसरी सवारी सोमवार 5 अगस्त, चौथी सवारी सोमवार 12 अगस्त, पांचवीं सवारी सोमवार 19 अगस्त को श्रावण मास में निकाली जायेगी.
- भादौ मास में छठी सवारी सोमवार 26 अगस्त व शाही सवारी सोमवार 2 सितंबर को निकाली जायेगी.
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बाबा महाकाल की सवारी का रूट इस प्रकार रहेगा
भगवान श्री महाकालेश्वर की सवारी मंदिर के सभा मण्डप शुरू होकर गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी से होते हुए रामघाट शिप्रा तट पहुंचेगी. यहां सवारी का पूजन-अर्चन होने के बाद रामानुजकोट, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती समाज मन्दिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी बाजार होती हुई श्री महाकालेश्वर मंदिर में वापस आयेगी. शाही सवारी 2 सितंबर को उपरोक्त मार्ग के अलावा टंकी चौराहा से मिर्जा नईमबेग, तेलीवाड़ा चौराहा, कण्ठाल, सतीगेट, सराफा, छत्री चौक, गोपाल मन्दिर, पटनी बाजार, गुदरी चौराहा होते हुए श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचेगी.