रायपुर: महादेव सट्टा एप केस में रायपुर की केंद्रीय जेल में बंद भीम सिंह यादव और अमित अग्रवाल को कोर्ट ने रिमांड पर ईओडब्ल्यू को सौंपा है. चार मई को रिमांड खत्म होने के बाद आरोपी भीम सिंह यादव और अमित अग्रवाल को ईओडब्ल्यू रायपुर के कोर्ट में पेश करेगी. इसके साथ ही महादेव सट्टा एप मामले में जेल में बंद आरोपी नीतीश दीवान को प्रोडक्शन वारंट पर पेश करने के लिए ईओडब्ल्यू ने कोर्ट में आवेदन लगाया है. ईओडब्ल्यू के आवेदन को स्वीकार कर लिया गया है. 2 मई को नीतीश दीवान को रायपुर के कोर्ट में पेश किया जाएगा. जिसके बाद EOW नीतीश दीवान की रिमांड की मांग करेगा.
अमित अग्रवाल का महादेव सट्टा एप से क्या है संबंध: बारह जनवरी को अमित अग्रवाल की गिरफ्तारी हुई है. अमित अग्रवाल अनिल अग्रवाल का भाई है. प्रवर्तन निदेशालय के जांच में यह बात सामने आई है कि महादेव ऐप से संबंधित जो पैसा उसके भाई अनिल अग्रवाल के माध्यम से आता था, उसे अमित अग्रवाल सफेद करता था. इसके लिए वह अपने अकाउंटेंट का इस्तेमाल करता था. यह कह सकते हैं कि दो नंबर के पैसे को एक नंबर बनाने में वह लगा हुआ था. प्रवर्तन निदेशालय को अब तक जांच में ढाई करोड़ रुपए का घोटाला मिला है.
नीतीश दीवान भी महादेव सट्टा एप स्कैम में आरोपी: भिलाई के वैशाली नगर के रहने वाले नीतीश दीवान को प्रवर्तन निदेशालय ने 16 फरवरी 2024 को गिरफ्तार किया था. नीतीश दीवान महादेव सट्टा एप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर के साथ रहकर पैनल ऑपरेटर का काम करता था. जानकारी के मुताबिक नीतीश दीवान महादेव सट्टा एप के पैनल ऑपरेटर टीम में दुबई में 2 सालों तक था. नीतीश ने महादेव एप के पैसों को क्रिप्टो करेंसी में इन्वेस्ट किया. नीतीश दीवान का काम पैनल ऑपरेटर को समय-समय पर चेक करना होता था. महादेव सट्टा एप के माध्यम से आने वाली काली कमाई को प्रमोटर के कहने पर अपने अकाउंट के जरिए नीतीश दीवान इधर-उधर किया करता था. सट्टे के पैसों को नीतीश दीवान के जरिए इन्वेस्ट किया गया था. नीतीश के नाम से दुबई में कई प्रॉपर्टी भी खरीदी गई है.
महादेव सट्टा एप में ये सारे खुलासे हो रहे हैं. इस केस में ईडी की भी जांच चल रही है. दूसरी ओर छत्तीसगढ़ ईओडब्ल्यू और एसीबी भी इस केस की जांच में जुटी हुई है.