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महाकुंभ 2025; सनातन बोर्ड पर देवकीनंदन ठाकुर बोले- 27 को अपने अधिकारों को लेकर संघर्ष करेंगे - MAHA KUMBH 2025

प्रख्यात कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने ईटीवी भारत से की खास बातचीत.

कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने ईटीवी भारत से की खास बातचीत
कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने ईटीवी भारत से की खास बातचीत (Photo credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 23, 2025, 10:20 PM IST

प्रयागराज : प्रख्यात कथावाचक और देश में सनातन बोर्ड की मांग लंबे वक्त से कर रहे देवकीनंदन ठाकुर 27 जनवरी को कुंभ में एक बड़ी धर्म संसद करने जा रहे हैं. इस धर्म संसद को लेकर लगातार वह साधु संतों को एकजुट कर रहे हैं. इस दौरान उन्होंने आज ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए अपनी स्ट्रेटजी और सनातन बोर्ड देश में क्यों जरूरी है इस पर खुलकर अपनी बातें रखी.

कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने ईटीवी भारत से की खास बातचीत (Video credit: ETV Bharat)

ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए देवकीनंदन ठाकुर काफी सख्त लहजे में भी अपनी मांग को रखते हुए दिखाई दिए. उन्होंने कहा कि सनातन धर्म की सुरक्षा ही इस पूरे धर्म संसद का मुख्य एजेंडा है. सनातन बचेगा तो यह देश बचेगा, सनातन नहीं बचा तो यह देश नहीं बचेगा. इस देश में हिंदू नहीं बचेंगे. सनातनी नहीं बचेंगे और उसे सनातन को बचाए रखने के लिए 100 करोड़ सनातनियों की रक्षा की जिम्मेदारी धर्माचार्यों, शासन और प्रशासन की है जो हमें राइट्स मिले हैं, उसका अगर सही तरीके से पालन हो तो हमें किसी के आगे हाथ नहीं फैलाना होगा, यदि सनातन बोर्ड बनता है तो हमारी परंपराएं सुरक्षित होंगी.

उन्होंने कहा कि इस समय भारत का बच्चा-बच्चा इस लड़ाई को लड़ रहा है. यह प्रश्न सभी के मन में है, हर किसी के मन में यह है कि आजादी के बाद जब पाकिस्तान बनने के बाद भी वक्फ बोर्ड इस देश में बन गया तो सनातन बोर्ड क्यों नहीं बना? पाकिस्तान और बांग्लादेश में हिंदू बोर्ड क्यों नहीं है? सिर्फ भारत में ही यह मेहरबानी क्यों है? इसका मतलब हम कहीं के नहीं हैं. अगर हम कहीं के नहीं हैं तो हमें देश से बाहर निकाल दीजिए, क्यों ढोया जा रहा है. हम सभी 100 करोड़ हिंदुओं को बाहर निकाल दे सरकार, क्योंकि हम तो इलीगल हुए, क्योंकि जिनके पास खुद का बोर्ड है तो वह ही सही है.

देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि यह सर्वधर्म सौहार्द क्या होता है, बेवजह की बातें हैं, हमारी जगह छीन ली. हमारे धार्मिक स्थल छीन लिए, उनको तोड़ दिया गया. उन्होंने कहा कि आप हमारे जिंदगी में इंटरफ्रेंस मत कीजिए, हम आपकी जिंदगी में इंटरफ्रेंस नहीं करेंगे. सर्वधर्म सौहार्द की बात क्यों होती है बेमतलब में. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में धार्मिक स्थलों को जलाया जा रहा है. बहन बेटियां सुरक्षित नहीं हैं, क्यों सर्वधर्म सौहार्द नहीं हो रहा है वहां, जहां-जहां गैर धर्म के लोगों की संख्या ज्यादा है, वहां हमारे लिए मुसीबत ज्यादा है. उन्होंने कहा कि 27 जनवरी को हम धर्म संसद में लड़ाई लड़ेंगे 'साड्डा हक एथे रख'.

अखिलेश यादव की तरफ से प्रयागराज में हुई कैबिनेट बैठक को गलत बताते हुए कुंभ में राजनीतिक फैसला न लिए जाने के सवाल उठाने पर उन्होंने कहा कि यह राजनीतिक विषय है. अखिलेश यादव ने क्या सोच समझकर यह बोला है यह नहीं पता, लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार या कैबिनेट डुबकी लगा रही है तो अच्छी बात है. मेरा मानना है कि ऐसी ही सरकार बने हर तरफ जो कुंभ आए तो कैबिनेट डुबकी लगाये, जन्माष्टमी आए तो उत्सव मनाए और सनातन बोर्ड की मांग हो तो सनातन बोर्ड का गठन हो. मैं यही कहूंगा अखिलेश जी भी सनातन बोर्ड बनाने में हमारा साथ दें.



वहीं मंत्रियों के गंगा स्नान पर अखिलेश यादव के तंज पर देवकीनंदन ने कहा कि भगवान सभी को सद्बुद्धि दे, जो भी सनातन हित में काम करेगा उसको भगवान सद्बुद्धि दे, जो सनातन हित में काम नहीं करेगा, उसकी बात नहीं करेगा, उसके लिए भले हम ना बोले, क्योंकि हम अपने मन की बात नहीं बोल पाते हैं कई बार, लेकिन हमारे हृदय में उसकी छवि अच्छी नहीं रहेगी.

यह भी पढ़ें : इस दिन पेश होगा सनातन बोर्ड के संविधान का मसौदा ? संतो ने किया ऐलान, बोले- मानवता के लिए जरूरी - SANATAN BOARD

प्रयागराज : प्रख्यात कथावाचक और देश में सनातन बोर्ड की मांग लंबे वक्त से कर रहे देवकीनंदन ठाकुर 27 जनवरी को कुंभ में एक बड़ी धर्म संसद करने जा रहे हैं. इस धर्म संसद को लेकर लगातार वह साधु संतों को एकजुट कर रहे हैं. इस दौरान उन्होंने आज ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए अपनी स्ट्रेटजी और सनातन बोर्ड देश में क्यों जरूरी है इस पर खुलकर अपनी बातें रखी.

कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने ईटीवी भारत से की खास बातचीत (Video credit: ETV Bharat)

ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए देवकीनंदन ठाकुर काफी सख्त लहजे में भी अपनी मांग को रखते हुए दिखाई दिए. उन्होंने कहा कि सनातन धर्म की सुरक्षा ही इस पूरे धर्म संसद का मुख्य एजेंडा है. सनातन बचेगा तो यह देश बचेगा, सनातन नहीं बचा तो यह देश नहीं बचेगा. इस देश में हिंदू नहीं बचेंगे. सनातनी नहीं बचेंगे और उसे सनातन को बचाए रखने के लिए 100 करोड़ सनातनियों की रक्षा की जिम्मेदारी धर्माचार्यों, शासन और प्रशासन की है जो हमें राइट्स मिले हैं, उसका अगर सही तरीके से पालन हो तो हमें किसी के आगे हाथ नहीं फैलाना होगा, यदि सनातन बोर्ड बनता है तो हमारी परंपराएं सुरक्षित होंगी.

उन्होंने कहा कि इस समय भारत का बच्चा-बच्चा इस लड़ाई को लड़ रहा है. यह प्रश्न सभी के मन में है, हर किसी के मन में यह है कि आजादी के बाद जब पाकिस्तान बनने के बाद भी वक्फ बोर्ड इस देश में बन गया तो सनातन बोर्ड क्यों नहीं बना? पाकिस्तान और बांग्लादेश में हिंदू बोर्ड क्यों नहीं है? सिर्फ भारत में ही यह मेहरबानी क्यों है? इसका मतलब हम कहीं के नहीं हैं. अगर हम कहीं के नहीं हैं तो हमें देश से बाहर निकाल दीजिए, क्यों ढोया जा रहा है. हम सभी 100 करोड़ हिंदुओं को बाहर निकाल दे सरकार, क्योंकि हम तो इलीगल हुए, क्योंकि जिनके पास खुद का बोर्ड है तो वह ही सही है.

देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि यह सर्वधर्म सौहार्द क्या होता है, बेवजह की बातें हैं, हमारी जगह छीन ली. हमारे धार्मिक स्थल छीन लिए, उनको तोड़ दिया गया. उन्होंने कहा कि आप हमारे जिंदगी में इंटरफ्रेंस मत कीजिए, हम आपकी जिंदगी में इंटरफ्रेंस नहीं करेंगे. सर्वधर्म सौहार्द की बात क्यों होती है बेमतलब में. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में धार्मिक स्थलों को जलाया जा रहा है. बहन बेटियां सुरक्षित नहीं हैं, क्यों सर्वधर्म सौहार्द नहीं हो रहा है वहां, जहां-जहां गैर धर्म के लोगों की संख्या ज्यादा है, वहां हमारे लिए मुसीबत ज्यादा है. उन्होंने कहा कि 27 जनवरी को हम धर्म संसद में लड़ाई लड़ेंगे 'साड्डा हक एथे रख'.

अखिलेश यादव की तरफ से प्रयागराज में हुई कैबिनेट बैठक को गलत बताते हुए कुंभ में राजनीतिक फैसला न लिए जाने के सवाल उठाने पर उन्होंने कहा कि यह राजनीतिक विषय है. अखिलेश यादव ने क्या सोच समझकर यह बोला है यह नहीं पता, लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार या कैबिनेट डुबकी लगा रही है तो अच्छी बात है. मेरा मानना है कि ऐसी ही सरकार बने हर तरफ जो कुंभ आए तो कैबिनेट डुबकी लगाये, जन्माष्टमी आए तो उत्सव मनाए और सनातन बोर्ड की मांग हो तो सनातन बोर्ड का गठन हो. मैं यही कहूंगा अखिलेश जी भी सनातन बोर्ड बनाने में हमारा साथ दें.



वहीं मंत्रियों के गंगा स्नान पर अखिलेश यादव के तंज पर देवकीनंदन ने कहा कि भगवान सभी को सद्बुद्धि दे, जो भी सनातन हित में काम करेगा उसको भगवान सद्बुद्धि दे, जो सनातन हित में काम नहीं करेगा, उसकी बात नहीं करेगा, उसके लिए भले हम ना बोले, क्योंकि हम अपने मन की बात नहीं बोल पाते हैं कई बार, लेकिन हमारे हृदय में उसकी छवि अच्छी नहीं रहेगी.

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