पटना: माघी पूर्णिमा के अवसर पर पटना के गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी है. जहां श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान के बाद पूजा-अर्चना कर अपने परिवार के सुख-शांति और समृद्धि की कामना की है. साथ ही पूजा-अर्चना करने के बाद गरीब और ब्राह्मणों को दान दिया जा रहा है.
भगवान भास्कर को जल चढ़ाया: दरअसल, मान्यता है कि माघ पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु गंगाजल में निवास करते हैं. इस दिन गंगा स्नान करने से सुख-सौभाग्य, धन-संतान और मोक्ष की प्राप्ति होती है. ऐसे में पटना के गंगा घाटों पर स्नान के लिए श्रद्धालुओं का हुजूम देखने को मिल रहा है. इस दौरान सभी श्रद्धालु स्नान कर भगवान भास्कर को जल अर्ध देकर पूजा अर्चना कर अपने-अपने परिवार के सुख शांति और समृद्धि की कामना कर रहे हैं. वहीं, पूजा अर्चना करने के बाद श्रद्धालु हाथ में रक्षा सूत्र बंधवा रहे हैं.
माघी पूर्णिमा का विशेष महत्व: इस बीच एक महिला श्रद्धालु ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कहा कि इस माघी पूर्णिमा का बड़ा ही विशेष महत्व है. जब से होश संभाला है तब से इस पूर्णिमा के बारे में सुनती आ रही हूं. हर साल पूर्णिमा के मौके पर गंगा मैया के दर पर पहुंचकर स्नान और पूजा पाठ करती हूं. इसके बाद ब्राह्मणों को दान देती हूं. साथ ही घर पर जाकर आसपास में रहने वाले गरीबों को भोजन भी करवाती हूं.
"मेरा सौभाग्य है कि मैं गंगा नदी के तट पर रहती हूं. इस खास मौके पर मैं गंगा मईया में स्नान कर अपने किए गए पाप कर्मों को नष्ट करना चाहती हूं. पूजा अर्चना कर सिर्फ अपने लिए नहीं बल्कि घर, परिवार और समाज के लिए सुख-शांति और समृद्धि की कामना करती हूं." - महिला श्रद्धालु
20 साल से करा रहा पूजा: वहीं, घाट पर मौजूद पंडित देवेंद्र झा ने कहा कि माघ पूर्णिमा का बड़ा ही विशेष महत्व है. मैं सुबह से घाट पर श्रद्धालुओं के लिए आकर बैठा हूं. पिछले 20 सालों से मैं कार्तिक और माघी पूर्णिमा के मौके पर घाट पर पहुंचकर श्रद्धालुओं का जल संकल्प कराता हूं. इस मौके पर श्रद्धालु अपने-अपने हिसाब से दान देते हैं.
"आज के दिन जो लोग गंगा नदी में स्नान नहीं कर पा रहे हैं वह घर पर भी स्नान कर इस पुण्य दिन का लाभ उठा सकते हैं. स्नान कर घर में पूजा अर्चना करें और अपने ब्राह्मणों को दान दक्षिणा दें. वहीं, जिन्हें भी संतान नहीं है, वह आज के दिन गंगा नदी में जाकर जरूर स्नान करें. साथ ही मां लक्ष्मी और नारायण की पूजा करें और दीपक जलाएं. ऐसा करने से मनवाक्षित फल की प्राप्ति होती है." - देवेंद्र झा, पंडित
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