बक्सरः शहर के बीचोंबीच तड़कनाला से लेकर गौशाला तक की जमीन पर भू माफियाओं का कब्जा है. जमीन पर बड़ी-बड़ी इमारते बना ली गयी है. लोगों का आरोप है कि अंचल कार्यालय व नगर परिषद के अधिकारियों की मिली भगत से शहर के बीचों-बीच करोड़ों की जमीन पर कब्जा कर बड़ी बड़ी इमारते बनाकर प्रत्येक महीने लाखों रुपए की राजस्व की उगाही कर रहे हैं.
जिले में माफियाओं का राजः लोगों ने कहा कि डीएम से लेकर सीओ और नगर परिषद के तमाम अधिकारी आंखे बंद करके अतिक्रमण हटाने के नाम पर केवल गरीबों की ही झोपड़ी उजाड़कर अपना पीठ थपथपा रहे हैं. जिसको लेकर फुटपाथी दुकानदारो में आक्रोश है. फुटपाथी दुकानदारों ने जिला प्रशासन व नंगर परिषद के अधिकारियों पर तंज कसा. हिम्मत है तो उन भू माफियाओं पर हाथ डालकर दिखाएं.
कीमती जमीन पर कब्जा का आरोपः शहर के रामरेखा घाट से लेकर बक्सर स्टेशन के बीच में अरबों रुपए की बेशकीमती जमीन पर दिन के उजाले में दबंगों ने कब्जा कर रखा है. लोगों ने कहा कि कई बार शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं हुई. रामरेखा घाट के समीप फुटपाथ पर ठेला लगाकर फल की विक्री कर अपने साथ अपने परिवार का भरण पोषण करने वाला निरंजन राम ने बताया कि प्रशासन फूटपाथ से भगा दे रहा है.
"घर में पत्नी के अलावे तीन बच्चे हैं. सड़क किनारे ही एक ठेला लगाकर फल बेचता था. एक दिन अंचल कार्यालय के साथ मिलकर नगर परिषद के कर्मियों ने भगा दिया. जिसके कारण बच्चों की पढ़ाई भी बाधित हो गई है. परिवार के सामने रोजी रोटी का संकट छा गया है." -निरंजन राम, फूटपाथी दुकानदार
फूटपाथी दुकानदार परेशानः शहर को छोड़कर भारी मन से गांव जाने की तैयारी कर रहे फुटपाथी दुकानदारों की माने तो इस शहर में दो कानून चलता है. कमजोर के लिए अलग और ताकतवर के लिए अलग कानून है. नगर थाना से महज 50 मीटर और नगर परिषद कार्यालय से दो कदम की दूरी पर कई सफेदपोशों एवं भू माफियाओं ने करोड़ों की जमीन पर कब्जा कर लिया है.
"प्रत्येक दिन डीएम, नप के अधिकारी, जिले के एसपी, उप-विकास आयुक्त समेत तमाम वरीय अधिकारी प्रतिदिन गुजरते हैं. लेकिन किसी ने आज तक उनपर हाथ डालने की हिमाकत नही की. यंहा तक जिनके कंधे पर समाज के ऐसे लोगों को बेनकाब करने की जिम्मेवारी है. उनके भी कलम के स्याही खत्म हो गई है." -फूटपाथी दुकानदार
शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहींः स्टेशन रोड के रहने वाले रमन कुमार, संतोष कुमार समेत कई स्थानीय लोगों ने बताया कि एक साल पहले नगर परिषद कार्यालय में इस बात की लिखित शिकायत उनलोगों ने नहीं की थी लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ. अपनी निजी जमीन पर घर बनाने के लिए नक्शा पास कराने व बिजली की कनेक्शन लेने में एड़ियां घिस जाती है.
'अतिक्रमण हटवाना मेरा काम नहीं': इस मामले को लेकर नप के अधिकारियों से बात की गई तो पहले वे अनजान बनने की कोशिश करते दिखे लेकिन सवालों में खुद को घिरता देखा तो सफाई देते हुए कहा की जमीन का मामला अंचल के सीओ देखते हैं. अतिक्रमण हटवाना उनका काम है. वहां से आदेश आने पर कार्रवाई होगी.
"इस बात की शिकायत कई बार मिली है. जिसमे से कई लोगों ने रशीद भी कटाना शुरू कर दी है. किसी को सरकारी जमीन का मालिकाना हक कैसे मिला या वास्तविक स्थिति क्या है? इसका जवाब तो अधिकारी ही देंगे." -नेमतुल्लाह फरीदी, नगर परिषद चेयरमेन प्रतिनिधि
जमीन पर कब्जा की कोशिशः गौरतलब है कि केवल बक्सर के स्टेशन रोड में ही नहीं किला मैदान के आसपास से लेकर सिंडिकेट गोलंबर के पास वनबीघा में कई एकड़ भूमि पर अब भू माफिया का नियंत्रण है. जिसे वह अपने मनमाफिक कीमत पर उसे बेच कर कब्जा भी दिला रहे हैं.
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