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माफिया मुख्तार अंसारी मौत मामले में बाराबंकी कोर्ट ने एफआईआर दर्ज की मांग को किया खारिज - Mukhtar Ansari Case

बाराबंकी एमपी एमएलए कोर्ट में मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता की ओर से FIR के लिए दिया गया प्रार्थना पत्र खारिज

Demand for FIR in Mukhtar death case rejected
मुख्तार मौत के मामले में एफआईआर की मांग खारिज
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Apr 4, 2024, 8:40 PM IST

बाराबंकी: माफिया मुख्तार अंसारी के वकील की ओर से उनकी हत्या किए जाने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराने के लिए बाराबंकी कोर्ट में दिए गए प्रार्थना पत्र पर सुनवाई हुई. गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान सरकारी अधिवक्ता ने मामला दर्ज नहीं किए जाने को लेकर एक आपत्ति पत्र दाखिल किया. अंसारी के वकील ने मुख्तार की मौत मामले में राज्य सरकार की ओर से दो तरह के बयान आने पर कोर्ट में अपनी बात रखते हुए एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी. कोर्ट ने अभियोजन और बचाव पक्षों की बहस सुनने के बाद मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता की ओर से दिए गए प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया.

एडीजीसी मथुरा प्रसाद वर्मा ने बताया कि, एमपी एमएलए कोर्ट में मुख्तार अंसारी के खिलाफ गैंगेस्टर का मामला विचाराधीन है. गुरुवार को इसी मामले में पेशी थी. पेशी के दौरान दो अलग अलग जेलों में बंद दो आरोपियों जफर उर्फ चंदा और अफरोज की वीडियो कांन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी हुई. मामले में अगली सुनवाई 8 अप्रैल को होगी.

इस दौरान बीते 29 मार्च को मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता रणधीर सिंह सुमन की ओर से कोर्ट को एक प्रार्थना पत्र देकर एफआईआर दर्ज किए जाने की मांग की गई थी. प्रार्थना पत्र के जरिये मांग की गई थी, कि बांदा जिला कारागार के सभी सीसीटीवी फुटेज संरक्षित किए जाय तथा वाल कैमरा के फुटेज भी संरक्षित किए जाय.

गुरुवार को इसी प्रार्थना पत्र पर सुनवाई हुई. इस दौरान राज्य सरकार के अधिवक्ता मथुरा प्रसाद वर्मा ने एफआईआर न दर्ज किए जाने की बात कहते हुए आपत्ति प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया. अपर सत्र न्यायाधीश विशेष कोर्ट एमपीएमएलए कमलकांत श्रीवास्तव ने अभियोजन और बचाव पक्ष की बहस सुनने के बाद साथ ही जेल की ओर से भेजे गए अभिलेखों के आधार पर बचाव पक्ष के प्रार्थना पत्र को निरस्त कर दिया.


ये भी पढ़ें: मुख्तार अंसारी मौत मामला: मजिस्ट्रियल जांच को लेकर एडीएम ने जारी की नोटिस, 15 अप्रैल तक दे सकते हैं मौत से जुड़े सबूत या बयान - Mukhtar Ansari Death Case

बाराबंकी: माफिया मुख्तार अंसारी के वकील की ओर से उनकी हत्या किए जाने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराने के लिए बाराबंकी कोर्ट में दिए गए प्रार्थना पत्र पर सुनवाई हुई. गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान सरकारी अधिवक्ता ने मामला दर्ज नहीं किए जाने को लेकर एक आपत्ति पत्र दाखिल किया. अंसारी के वकील ने मुख्तार की मौत मामले में राज्य सरकार की ओर से दो तरह के बयान आने पर कोर्ट में अपनी बात रखते हुए एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी. कोर्ट ने अभियोजन और बचाव पक्षों की बहस सुनने के बाद मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता की ओर से दिए गए प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया.

एडीजीसी मथुरा प्रसाद वर्मा ने बताया कि, एमपी एमएलए कोर्ट में मुख्तार अंसारी के खिलाफ गैंगेस्टर का मामला विचाराधीन है. गुरुवार को इसी मामले में पेशी थी. पेशी के दौरान दो अलग अलग जेलों में बंद दो आरोपियों जफर उर्फ चंदा और अफरोज की वीडियो कांन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी हुई. मामले में अगली सुनवाई 8 अप्रैल को होगी.

इस दौरान बीते 29 मार्च को मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता रणधीर सिंह सुमन की ओर से कोर्ट को एक प्रार्थना पत्र देकर एफआईआर दर्ज किए जाने की मांग की गई थी. प्रार्थना पत्र के जरिये मांग की गई थी, कि बांदा जिला कारागार के सभी सीसीटीवी फुटेज संरक्षित किए जाय तथा वाल कैमरा के फुटेज भी संरक्षित किए जाय.

गुरुवार को इसी प्रार्थना पत्र पर सुनवाई हुई. इस दौरान राज्य सरकार के अधिवक्ता मथुरा प्रसाद वर्मा ने एफआईआर न दर्ज किए जाने की बात कहते हुए आपत्ति प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया. अपर सत्र न्यायाधीश विशेष कोर्ट एमपीएमएलए कमलकांत श्रीवास्तव ने अभियोजन और बचाव पक्ष की बहस सुनने के बाद साथ ही जेल की ओर से भेजे गए अभिलेखों के आधार पर बचाव पक्ष के प्रार्थना पत्र को निरस्त कर दिया.


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