रुद्रप्रयाग: द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर (मदमहेश्वर) धाम के कपाट बंद होने की सभी तैयारियां पूरी कर ली है. भगवान मद्महेश्वर के कपाट बुधवार को शुभ लग्नानुसार शीतकाल के लिए विधि-विधान से बंद कर दिए जाएंगे. जिसके बाद भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली कैलाश से ऊखीमठ के लिए रवाना होगी.
20 नवंबर को बंद होंगे मद्महेश्वर धाम के कपाट: भगवान मद्महेश्वर की डोली आगमन पर ऊखीमठ में मेला लगता है. जिसकी तैयारियां भी जोरों पर है. मंदिर समिति की ओर से भी ओंकारेश्वर मंदिर को भव्य रूप से सजाया गया है. ओंकारेश्वर मंदिर के प्रभारी यदुवीर पुष्वाण ने बताया कि बुधवार यानी 20 नवंबर को भगवान मद्महेश्वर के कपाट शुभ लग्नानुसार शीतकाल के लिए वेद ऋचाओं के साथ बंद कर दिए जाएंगे.
कपाट बंद होने के बाद भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली कैलाश से रवाना होगी. विभिन्न यात्रा पड़ावों पर श्रद्धालुओं को आशीर्वाद देते हुए प्रथम रात्रि प्रवास के लिए गौंडार गांव पहुंचेगी. उन्होंने बताया कि 21 नवंबर को भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली गौंडार गांव से रवाना होगी. जो रात्रि प्रवास के लिए राकेश्वरी मंदिर रांसी पहुंचेगी.
जबकि, 22 नवंबर को भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली राकेश्वरी मंदिर रांसी से रवाना होकर अंतिम रात्रि प्रवास के लिए गिरीया गांव पहुंचेगी. वहीं, आगामी 23 नवंबर को गिरीया गांव से रवाना होकर शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में विराजमान होगी. जिसके बाद भगवान मद्महेश्वर की शीतकालीन पूजा ओंकारेश्वर मंदिर में विधिवत शुरू होगी.
ऊखीमठ में मद्महेश्वर मेले की तैयारी: वहीं, भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली के ऊखीमठ आगमन पर मंदिर समिति की ओर से ओंकारेश्वर मंदिर को भव्य रूप से सजाने की तैयारियां शुरू कर दी गई है. वहीं, दूसरी ओर भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली के ऊखीमठ आगमन पर जीआईसी के खेल मैदान में 22 नवंबर से 24 नवंबर तक लगने वाले तीन दिवसीय मद्महेश्वर मेले की तैयारियां जोरों पर है.
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