लखनऊ: उपभोक्ता को कनेक्शन के लिए एस्टीमेट बनाने की बात कह कर लगातार दौड़ाना बिजली विभाग के दो इंजीनियरों को भारी पड़ गया. उपभोक्ता की शिकायत पर मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (Madhyanchal Electricity Distribution Corporation Limited) के प्रबंध निदेशक ने दोनों अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया. इनमें अधिशासी अभियंता और अवर अभियंता शामिल हैं. एमडी की इस सख्त कार्रवाई के बाद अब विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ है.
मोहनलालगंज में हाई वोल्टेज लाइन से खतरे को देखते हुए उपभोक्ता ने इसे अंडरग्राउंड करने के लिए उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष से मुलाकात की थी. 20 फरवरी को पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष की तरफ से मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक को पत्र भेज कर आगे की कार्रवाई करने के लिए कहा गया. मध्यांचल के एमडी ने भी लेसा सिस गोमती तृतीय के अधिशासी अभियंता को इस मामले में पूरी कार्रवाई कर अवगत कराने की भी बात कही.
Engineers suspended in Lucknow: दो माह से ज्यादा का समय हो गया पर अधिकारियों ने लाइन को अंडरग्राउंड करना तो दूर एस्टीमेट तक नहीं बनाया. इसके बाद उपभोक्ता ने फिर से इसकी शिकायत पावर कॉरपोरेशन चेयरमैन से कर दी. इसके बाद अध्यक्ष ने एमडी को लाइन पर लिया और फिर एमडी ने अधिशासी अभियंता को लाइन में लिया. अधिशासी अभियंता एमडी को सफाई देते रहे कि सर उपभोक्ता से बात हुई है, वह मेरठ में थे.
कल एस्टीमेट बनाकर भेज दूंगा सर, लेकिन उपभोक्ता ने जो फीडबैक दिया उसके मुताबिक जेई के साथ पहले ही लाइन का स्थलीय निरीक्षण किया जा चुका है, लेकिन डेढ़ माह से अवर अभियंता अधिशासी अभियंता के पास तो अधिशासी अभियंता अवर अभियंता के पास दौड़ा रहे हैं. कोई यह बता ही नहीं रहा है कि फाइल आखिर पहुंची कहां है? इसके बाद मध्यांचल एचडी ने अधिशासी अभियंता घनश्याम त्रिपाठी और मोहनलालगंज के अवर अभियंता आशुतोष को सस्पेंड कर दिया.