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मध्य प्रदेश की महिला का मदुरै में हुआ सफल इलाज, दुर्लभ बिमारी गुइलेन बैरे सिंड्रोम से थी पीड़ित - MP Woman Guillain Barre syndrome - MP WOMAN GUILLAIN BARRE SYNDROME

मध्य प्रदेश की एक महिला का तमिलनाडु के मदुरै में सफलता पूर्वक इलाज किया गया. महिला गुइलेन बैरे सिंड्रोम से पीड़ित थी.

MP WOMAN GUILLAIN BARRE SYNDROME
मध्य प्रदेश की महिला का मदुरै में हुआ सफल इलाज (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 24, 2024, 9:20 PM IST

मदुरै/भोपाल: मध्य प्रदेश की एक महिला गुइलेन बैरे सिंड्रोम से पीड़ित थी. जिसका इलाज तमिलनाडु के मदुरै में चल रहा था. डॉक्टरों के बेहतर इलाज के चलते महिला को गुइलेन बैरे सिड्रोम से छुटकारा मिल गया है. मदुरै के सरकारी राजाजी अस्पताल में महिला का इलाज चल रहा था.

महिला को सांस लेने में तकलीफ, हाथ-पैर नहीं कर रहे थे काम

डॉक्टर धर्मराज ने बताया कि "मध्य प्रदेश की 26 वर्षीय महिला राजकानी अपने पति के काम के कारण एक साल पहले अपने पति के साथ केरल के इडुक्की जिले में साथ आकर रहने लगी थी. वह तीसरी बार जब प्रैग्नेंट हुई, तब राजकानी ने 29 जून को घर पर ही एक बच्चे को जन्म दिया. डिलीवरी के अगले दिन सुबह महिला को दौरा पड़ने लगा, जिसके बाद उसे नेदुकंदम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले गया और प्राथमिक उपचार दिया गया. फिर उसे थेनी सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेज दिया गया. यहां उसका इलाज किया गया, लेकिन महिला के दोनों हाथ-पैर काम नहीं कर रहे थे और सांस लेने में भी तकलीफ हो रही थी. जिसके बाद महिला को बेहतर इलाज के लिए मदुरै के सरकारी राजाजी अस्पताल रेफर किया गया.

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गुइलेन बैरे सिंड्रोम से पीड़ित थी महिला

मदुरै जिला अस्पताल में टेस्ट में गुइलेन बैरे सिंड्रोम का पता चला. महिला को इंटेसिंव केयर यूनिट में 5 दिनों के लिए आईवीआईजी पर रखा गया था. इलाज के बाद धीर-धीरे महिला के स्वास्थ्य में सुधार हुआ. डॉक्टर धर्मराज ने बताया यह एक दुर्लभ बीमारी है, जो 100,000 लोगों में से केवल 1.2 लोगों को प्रभावित करती है. इसलिए, मरीज को तंत्रिका तंत्र की क्षति से पूरी तरह से तभी राहत मिल सकती है, जब सही समय पर सही इलाज किया जाए.

मदुरै/भोपाल: मध्य प्रदेश की एक महिला गुइलेन बैरे सिंड्रोम से पीड़ित थी. जिसका इलाज तमिलनाडु के मदुरै में चल रहा था. डॉक्टरों के बेहतर इलाज के चलते महिला को गुइलेन बैरे सिड्रोम से छुटकारा मिल गया है. मदुरै के सरकारी राजाजी अस्पताल में महिला का इलाज चल रहा था.

महिला को सांस लेने में तकलीफ, हाथ-पैर नहीं कर रहे थे काम

डॉक्टर धर्मराज ने बताया कि "मध्य प्रदेश की 26 वर्षीय महिला राजकानी अपने पति के काम के कारण एक साल पहले अपने पति के साथ केरल के इडुक्की जिले में साथ आकर रहने लगी थी. वह तीसरी बार जब प्रैग्नेंट हुई, तब राजकानी ने 29 जून को घर पर ही एक बच्चे को जन्म दिया. डिलीवरी के अगले दिन सुबह महिला को दौरा पड़ने लगा, जिसके बाद उसे नेदुकंदम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले गया और प्राथमिक उपचार दिया गया. फिर उसे थेनी सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेज दिया गया. यहां उसका इलाज किया गया, लेकिन महिला के दोनों हाथ-पैर काम नहीं कर रहे थे और सांस लेने में भी तकलीफ हो रही थी. जिसके बाद महिला को बेहतर इलाज के लिए मदुरै के सरकारी राजाजी अस्पताल रेफर किया गया.

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मदुरै जिला अस्पताल में टेस्ट में गुइलेन बैरे सिंड्रोम का पता चला. महिला को इंटेसिंव केयर यूनिट में 5 दिनों के लिए आईवीआईजी पर रखा गया था. इलाज के बाद धीर-धीरे महिला के स्वास्थ्य में सुधार हुआ. डॉक्टर धर्मराज ने बताया यह एक दुर्लभ बीमारी है, जो 100,000 लोगों में से केवल 1.2 लोगों को प्रभावित करती है. इसलिए, मरीज को तंत्रिका तंत्र की क्षति से पूरी तरह से तभी राहत मिल सकती है, जब सही समय पर सही इलाज किया जाए.

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