ETV Bharat / state

भोपाल पहुंची दिल्ली की आग, कोचिंग संचालकों के छूटे पसीने, धड़ल्ले से बंद हो रहे कोचिंग सेंटर्स - Madhya Pradesh Police Action

दिल्ली कोचिंग हादसे के बाद प्रशासन नींद से जागा है. मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में प्रशासन ने कई कोचिंग सेंटर्स का निरीक्षण किया. जहां कई कोचिंग सेंटर्स के बेसमेंट को सील कर दिया गया है.

MADHYA PRADESH POLICE ACTION
कोचिंग संचालकों के छूटे पसीने, धड़ल्ले से बंद हो रहे कोचिंग सेंटर्स (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 30, 2024, 11:05 PM IST

भोपाल। दिल्ली में यूपीएससी की कोचिंग के बेसमेंट में पानी भरने से तीन स्टूडेंट की मौत के बाद भोपाल जिला प्रशासन भी अलर्ट मोड पर है. एसडीएम आशुतोष शर्मा के नेतृत्व में मंगलवार को एमपी नगर जोन-2 में संचालित कोचिंग संस्थानों की जांच की गई. इस दौरान टीम को 6 कोचिंग संस्थानों के बेसमेंट में शैक्षणिक व अन्य गतिविधियों के संचालन के प्रमाण मिले. जिसके बाद इनका बेसमेंट सील कर दिया गया.

इन कोचिंग संस्थानों के बेसमेंट को किया सील

नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि जोन 2 की कुल 10 कोचिंग संस्थानों की जांच हुई है. इसमें 6 कोचिंग संस्थानों के बेसमेंट में पार्किंग के अलावा अन्य गतिविधियों का संचालन हो रहा था. बेसमेंट में टेबल-कुर्सियां रखी हुई थी. पहले इनके बेसमेंट में कोचिंग का संचालन भी हो रहा था. हालांकि दिल्ली में हुई घटना के बाद से बेसमेंट में कोचिंग बंद कर दी गई थी. एमपी नगर जोन 2 के जिन कोचिंग संस्थानों के बेसमेंट को सील किया गया है, उनमें कई कोचिंग सेंटर्स की क्लासेस शामिल है.

बच्चों की सुरक्षा का नहीं रखा जा रहा ध्यान

एमपी नगर में कोचिंग क्लासेस की जांच के दौरान सामने आया कि यहां स्टूडेंट की सुरक्षा का ध्यान नहीं रखा जा रहा है. कोचिंग संचालक अभिभावकों से मोटी फीस वसूलते हैं, लेकिन उनके बच्चों का जीवन इन मंहगी कोचिंग में सेफ्टी उपकरण नहीं होने से खतरे में है. अधिकतर कोचिंगों में इमरजेंसी और एक्जिट गेट नहीं है. खिड़कियां भी बंद हैं, उनके ऊपर विज्ञापन वाले पोस्टर चिपका दिए हैं. जिससे क्लास में वेंटिलेशन भी नहीं मिलता. आग से बचाने के लिए कोचिंगों में फायर सेफ्टी उपकरण नहीं हैं. इन कोचिंगों में हजारों की संख्या में स्टूडेंट पढ़ाई कर रहे हैं, लेकिन उस हिसाब से सीढ़ियों की चौड़ाई बहुत कम है. यदि कोई दुर्घटना हो जाए, तो लोगों को बचाना मुश्किल होगा.

कोचिंग सेंटरों के खिलाफ जारी रहेगी कार्रवाई

एसडीएम आशुतोष शर्मा ने बताया कि कलेक्टर के निर्देश पर मंगलवार को एमपी नगर के जोन-2 में कोचिंग संस्थानों की जांच की गई. इनमें कई कोचिंग क्लासेस में जाकर सुरक्षा के इंतजाम और बेसमेंट की जांच की गई. जहां लापरवाही मिली, उन कोचिंग संस्थानों के बेसमेंट को सील किया गया. जब तक शहर के सभी कोचिंग संस्थानों की जांच नहीं होती, कार्रवाई जारी रहेगी.

यहां पढ़ें...

Private Coaching centres पर लगाम कसे सरकार, High court के निर्देश, जल्द तैयार करे guidelines

भोपाल और इंदौर के कोचिंग सेंटर्स क्यों नहीं हैं सेफ? ह्यूमन राइट्स कमीशन लेगा एक्शन

बेसमेंट में नहीं हो रहा पार्किंग का संचालन

एसडीएम शर्मा के नेतृत्व में मंगलवार को तहसीलदार सुनील वर्मा, नायब तहसीलदार अनामिका सर्राफ़, राजस्व अमला, पुलिस विभाग,नगर निगम का राजस्व और भवन अनुज्ञा अमला, भोपाल विकास प्राधिकारण के इंजीनियर समेत अन्य लोगों की टीम ने कार्रवाई को अंजाम दिया. इस दौरान अधिकारियों ने पाया कि 10 में से केवल एक कोचिंग के बेसमेंट में पार्किंग का संचालन किया जा रहा था. जबकि अन्य 9 कोचिंग के बेसमेंट में शैक्षणिक व व्यवसायिक गतिविधियों का संचालन होता पाया गया.

भोपाल। दिल्ली में यूपीएससी की कोचिंग के बेसमेंट में पानी भरने से तीन स्टूडेंट की मौत के बाद भोपाल जिला प्रशासन भी अलर्ट मोड पर है. एसडीएम आशुतोष शर्मा के नेतृत्व में मंगलवार को एमपी नगर जोन-2 में संचालित कोचिंग संस्थानों की जांच की गई. इस दौरान टीम को 6 कोचिंग संस्थानों के बेसमेंट में शैक्षणिक व अन्य गतिविधियों के संचालन के प्रमाण मिले. जिसके बाद इनका बेसमेंट सील कर दिया गया.

इन कोचिंग संस्थानों के बेसमेंट को किया सील

नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि जोन 2 की कुल 10 कोचिंग संस्थानों की जांच हुई है. इसमें 6 कोचिंग संस्थानों के बेसमेंट में पार्किंग के अलावा अन्य गतिविधियों का संचालन हो रहा था. बेसमेंट में टेबल-कुर्सियां रखी हुई थी. पहले इनके बेसमेंट में कोचिंग का संचालन भी हो रहा था. हालांकि दिल्ली में हुई घटना के बाद से बेसमेंट में कोचिंग बंद कर दी गई थी. एमपी नगर जोन 2 के जिन कोचिंग संस्थानों के बेसमेंट को सील किया गया है, उनमें कई कोचिंग सेंटर्स की क्लासेस शामिल है.

बच्चों की सुरक्षा का नहीं रखा जा रहा ध्यान

एमपी नगर में कोचिंग क्लासेस की जांच के दौरान सामने आया कि यहां स्टूडेंट की सुरक्षा का ध्यान नहीं रखा जा रहा है. कोचिंग संचालक अभिभावकों से मोटी फीस वसूलते हैं, लेकिन उनके बच्चों का जीवन इन मंहगी कोचिंग में सेफ्टी उपकरण नहीं होने से खतरे में है. अधिकतर कोचिंगों में इमरजेंसी और एक्जिट गेट नहीं है. खिड़कियां भी बंद हैं, उनके ऊपर विज्ञापन वाले पोस्टर चिपका दिए हैं. जिससे क्लास में वेंटिलेशन भी नहीं मिलता. आग से बचाने के लिए कोचिंगों में फायर सेफ्टी उपकरण नहीं हैं. इन कोचिंगों में हजारों की संख्या में स्टूडेंट पढ़ाई कर रहे हैं, लेकिन उस हिसाब से सीढ़ियों की चौड़ाई बहुत कम है. यदि कोई दुर्घटना हो जाए, तो लोगों को बचाना मुश्किल होगा.

कोचिंग सेंटरों के खिलाफ जारी रहेगी कार्रवाई

एसडीएम आशुतोष शर्मा ने बताया कि कलेक्टर के निर्देश पर मंगलवार को एमपी नगर के जोन-2 में कोचिंग संस्थानों की जांच की गई. इनमें कई कोचिंग क्लासेस में जाकर सुरक्षा के इंतजाम और बेसमेंट की जांच की गई. जहां लापरवाही मिली, उन कोचिंग संस्थानों के बेसमेंट को सील किया गया. जब तक शहर के सभी कोचिंग संस्थानों की जांच नहीं होती, कार्रवाई जारी रहेगी.

यहां पढ़ें...

Private Coaching centres पर लगाम कसे सरकार, High court के निर्देश, जल्द तैयार करे guidelines

भोपाल और इंदौर के कोचिंग सेंटर्स क्यों नहीं हैं सेफ? ह्यूमन राइट्स कमीशन लेगा एक्शन

बेसमेंट में नहीं हो रहा पार्किंग का संचालन

एसडीएम शर्मा के नेतृत्व में मंगलवार को तहसीलदार सुनील वर्मा, नायब तहसीलदार अनामिका सर्राफ़, राजस्व अमला, पुलिस विभाग,नगर निगम का राजस्व और भवन अनुज्ञा अमला, भोपाल विकास प्राधिकारण के इंजीनियर समेत अन्य लोगों की टीम ने कार्रवाई को अंजाम दिया. इस दौरान अधिकारियों ने पाया कि 10 में से केवल एक कोचिंग के बेसमेंट में पार्किंग का संचालन किया जा रहा था. जबकि अन्य 9 कोचिंग के बेसमेंट में शैक्षणिक व व्यवसायिक गतिविधियों का संचालन होता पाया गया.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.